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कोरबा : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने निकाली रैली, की ये मांग

कोरबा : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर विभिन्न कर्मचारी-अधिकारियों ने ध्यानाकर्षण रैली निकाली. इनकी मांग है कि, इनके लंबित महंगाई भत्ते को तत्काल इन्हें दिया जाए.

कर्मचारीयों ने रैली निकाली
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Published : Feb 28, 2019, 11:19 AM IST

जिला संयोजक एस. के. पाठक ने बताया कि, केंद्र सरकार हर साल महंगाई भत्ता राज्य सरकार को देती है और राज्य सरकार के जरिए हमें हमारा महंगाई भत्ता मिलता है. इस बार भी केंद्र सरकार की राज्य सरकार को भेजी गई महंगाई भत्ता की राशि राज्य सरकार के पास आ गई है, लेकिन भूपेश सरकार ने अभी तक हमें महंगाई भत्ता नहीं दिया है'.

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उन्होंने कहा कि, 'हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपने आए हैं कि हमें हमारा महंगाई भत्ता तत्काल दिया जाए'. उन्होंने बताया कि जनवरी 2018 का 2%, जुलाई 2018 का 2% और जनवरी 2019 का 3% इस तरह कुल 7% महंगाई भत्ता लंबित है.

ये हैं प्रमुख मांगें

  • जन घोषणा पत्र में कर्मचारियों के हित में की गई घोषणाओं में उल्लेखित समस्त तृतीय, चतुर्थ एवं शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान लागू किया जाएगा. अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितीकरण की कार्यवाही की जाएगी एवं किसी की भी छटनी नहीं की जाएगी. शिक्षाकर्मियों को 2 वर्ष पूर्ण करने पर नियमित किया जाएगा. इन वादों का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाए.
  • प्राथमिकता के आधार पर राज्य के लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाएं.
  • शिक्षक संवर्ग, स्वास्थ्य संवर्ग, साहित्य तकनीकी एवं कार्यपालक कर्मचारियों सहित राज्य के समस्त संवर्ग की वेतन विसंगतियां भी तत्काल दूर की जाएं.
  • सातवें वेतनमान की एरियर राशि को तीन समान किस्तों में भुगतान कर जीपीएफ खाता में जमा किया जाए.
  • 300 दिन के अर्जित अवकाश का नगरीकरण किया जाए.
  • सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता सहित समस्त भत्तों को पुनरीक्षित किया जाए.
  • •33 की जगह 25 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पूर्ण पेंशन का लाभ दिया जाए।
  • प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए
  • राज्य परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठक बुलाई जाए.
  • प्रदेश में कार्यरत समस्त अनियमित कर्मचारियों को वरीयता के आधार पर तत्काल नियमित किया जाए.
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जिला संयोजक एस. के. पाठक ने बताया कि, केंद्र सरकार हर साल महंगाई भत्ता राज्य सरकार को देती है और राज्य सरकार के जरिए हमें हमारा महंगाई भत्ता मिलता है. इस बार भी केंद्र सरकार की राज्य सरकार को भेजी गई महंगाई भत्ता की राशि राज्य सरकार के पास आ गई है, लेकिन भूपेश सरकार ने अभी तक हमें महंगाई भत्ता नहीं दिया है'.

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उन्होंने कहा कि, 'हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपने आए हैं कि हमें हमारा महंगाई भत्ता तत्काल दिया जाए'. उन्होंने बताया कि जनवरी 2018 का 2%, जुलाई 2018 का 2% और जनवरी 2019 का 3% इस तरह कुल 7% महंगाई भत्ता लंबित है.

ये हैं प्रमुख मांगें

  • जन घोषणा पत्र में कर्मचारियों के हित में की गई घोषणाओं में उल्लेखित समस्त तृतीय, चतुर्थ एवं शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान लागू किया जाएगा. अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितीकरण की कार्यवाही की जाएगी एवं किसी की भी छटनी नहीं की जाएगी. शिक्षाकर्मियों को 2 वर्ष पूर्ण करने पर नियमित किया जाएगा. इन वादों का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाए.
  • प्राथमिकता के आधार पर राज्य के लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाएं.
  • शिक्षक संवर्ग, स्वास्थ्य संवर्ग, साहित्य तकनीकी एवं कार्यपालक कर्मचारियों सहित राज्य के समस्त संवर्ग की वेतन विसंगतियां भी तत्काल दूर की जाएं.
  • सातवें वेतनमान की एरियर राशि को तीन समान किस्तों में भुगतान कर जीपीएफ खाता में जमा किया जाए.
  • 300 दिन के अर्जित अवकाश का नगरीकरण किया जाए.
  • सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता सहित समस्त भत्तों को पुनरीक्षित किया जाए.
  • •33 की जगह 25 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पूर्ण पेंशन का लाभ दिया जाए।
  • प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए
  • राज्य परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठक बुलाई जाए.
  • प्रदेश में कार्यरत समस्त अनियमित कर्मचारियों को वरीयता के आधार पर तत्काल नियमित किया जाए.
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Intro:छत्तीसगढ़ राज्य शासकीय और अशासकीय निगम मंडल के कर्मचारी अधिकारी संविदा कर्मचारी और पेंशनर्स छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर बुधवार को ध्यानाकर्षण रैली निकाली गई। इनकी मांग है कि इनके लंबित महंगाई भत्ता को तत्काल इन्हें दिया जाए।


Body:जिला संयोजक एस के पाठक ने बताया कि केंद्र सरकार हर वर्ष महंगाई भत्ता राज्य सरकार को देती है और राज्य सरकार के जरिए हमें हमारा महंगाई भत्ता मिलता है। इस बार भी केंद्र सरकार की राज्य सरकार को भेजी गई महंगाई भत्ता की राशि राज्य सरकार के पास आ गई है। लेकिन भूपेश सरकार ने अभी तक हमें महंगाई भत्ता नहीं दिया है। हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपने आए हैं कि हमें हमारा महंगाई भत्ता तत्काल दिया जाए। उन्होंने बताया कि जनवरी 2018 का 2%, जुलाई 2018 का 2% और जनवरी 2019 का 3% इस तरह कुल 7% महंगाई भत्ता लंबित है।
इसके अलावा भी अन्य प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं:
•जन घोषणा पत्र में कर्मचारियों के हित में की गई घोषणाओं में उल्लेखित समस्त तृतीय, चतुर्थ एवं शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान लागू किया जाएगा। अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितीकरण की कार्यवाही की जाएगी एवं किसी की भी छटनी नहीं की जाएगी। शिक्षाकर्मियों को 2 वर्ष पूर्ण करने पर नियमित किया जाएगा। इन वादों का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाए।
•प्राथमिकता के आधार पर राज्य के लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाए।
•शिक्षक संवर्ग, स्वास्थ्य संवर्ग, साहित्य तकनीकी एवं कार्यपालक कर्मचारियों सहित राज्य के समस्त संवर्ग की वेतन विसंगतियां भी तत्काल दूर की जाए।
•सातवें वेतनमान के एरियर राशि को तीन समान किस्तों में भुगतान कर जीपीएफ खाता में जमा किया जाए।
•300 दिन के अर्जित अवकाश का नगरीकरण किया जाए।
•सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता सहित समस्त भक्तों को पुनरीक्षित किया जाए।
•33 की जगह 25 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पूर्ण पेंशन का लाभ दिया जाए।
•प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
•राज्य परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठक बुलाई जाए।
•प्रदेश में कार्यरत समस्त अनियमित कर्मचारियों को वरीयता के आधार पर तत्काल नियमित किया जाए।

बाइट- एस के पाठक, कोरबा जिला संयोजक, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन(गुलाबी शर्ट)

बाइट- एन के नामदेव, प्रांतीय सचिव, छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ(सफेद शर्ट)


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