कोरबा: क्रिकेट को भारत में धर्म माना जाता है. इस खेल में ग्लैमर इतना है कि सभी टीम में आना चाहते हैं. मैदान पर जितना खेल होता है, उतना ही मैदान के बाहर भी. क्रिकेट में चकाचौंध के बीच छोटे जिले के खिलाड़ियों को पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाने से टैलेंट समाप्त हो जाता है. टैलेंट की हत्या करने का आरोप कोरबा डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन(Kdca) पर भूतपूर्व खिलाड़ी और जनप्रतिनिधियों ने लगाया है.
चुने गए खिलाड़ियों को टीम में नहीं किया गया शामिल: दरअसल हाल ही में बीसीसीआई से संबद्धतता प्राप्त सीएससीएस (छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ Chhattisgarh State Cricket sangh) द्वारा प्लेट ग्रुप के टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था. जहां कोरबा की टीम ने अधिकृत तौर पर हिस्सा लिया. यहीं से खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर रणजी टीम में स्थान बनाने की शुरुआत होती है. kdca पर आरोप है कि "चयन प्रक्रिया के बाद 20 संभावित खिलाड़ियों की सूची जारी की गई. यह सभी 20 खिलाड़ी भिलाई में आयोजित टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचते हैं. लेकिन मैच शुरू होने के ठीक पहले सीधे प्लेइंग 11 में रसूखदारों की एंट्री हो जाती है. यह सभी ऐसे लोग हैं जिनका नाम 20 खिलाड़ियों के संभावित सूची में भी नहीं था. जिसके बाद युवा खिलाड़ी बाहर बैठकर मूकदर्शक बन जाते हैं. नतीजा यह हुआ कि कोरबा की टीम अपने दोनों मैच बुरी तरह से हार कर टूर्नामेंट से बाहर हो गई है".
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अधिकारियों से राजीव सिंह ने की अपील: उन्होंने कहा कि मैं खुद क्रिकेटर रहा हूं, इसलिए मुझे मालूम है कि ऊपर तक खेलने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है. इसलिए मैं कोरबा डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन से पूछना चाहता हूं कि इस तरह की परिस्थितियां क्यों निर्मित हुई. जब कोई बच्चा टीम में चयनित होकर आगे बढ़ता है. तब वह काफी मेहनत से अपना स्थान बना पाता है, लेकिन जब उसे पता चलता है कि प्लेइंग इलेवन मिलने के पहले रसूखदार लोग टीम में आ गए हैं और उन्हें बाहर बैठना पड़ेगा. तब उसका हौसला टूटता है. मैं निवेदन करना चाहूंगा कि इस तरह के कार्य न करें. बल्कि मैं तो उन अधिकारियों से भी कहूंगा कि आपका मार्गदर्शन यदि बच्चों को प्राप्त होगा, तो बच्चे हैं काफी आगे तक जाएंगे.
सेक्रेटरी बीबी साहू पर लगे गंभीर आरोप: वेटरन क्रिकेटर और कोच शैलेंद्र सिंह ने इस विषय में केडीसीए के सचिव बीबी साहू को जिम्मेदार ठहराया है. शैलेंद्र सिंह का कहना है कि "कोरबा क्रिकेट को गर्त में ले जाने के लिए सीधे तौर पर बीबी साहू जिम्मेदार हैं. वह जैसा चाहते हैं, वैसा करते हैं. पूरी तरह से उनकी मनमानी चलती है. कोच और मैनेजर का कोई औचित्य नहीं होता. बीबी साहू नियमों को ताक पर रखकर अपनी मर्जी से काम करते हैं. कोरबा जिले में 20 सदस्य टीम का गठन किया गया था. कोरबा जिले का पिछले वर्ष का कैप्टन है, राकेश कल्ला उससे बेहतर खिलाड़ी पूरे जिले में नहीं है. उसे टीम से बाहर कर दिया गया और कहा गया कि आपकी एज 35 हो चुकी है. लेकिन जब टीम भिलाई में मैच खेलने पहुंचती है तब 40 वर्ष से ज्यादा के प्रदेश के बड़े रसूखदार अधिकारियों को सीधे प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया जाता है. वहां पर नियम बदल जाते हैं. टीम चयन होने के बाद ठीक मैच के पहले अचानक 3 प्लेयर का टीम में आ जाना किसी भी प्रक्रिया में नहीं है. ऐसा छत्तीसगढ़ या भारत के किसी भी स्तर के क्रिकेट में कभी नहीं होता है. लेकिन यह कोरबा में हो रहा है. जिन्हें मैच खिलाया गया वह छत्तीसगढ़ के बड़े अधिकारी हैं. उनकी उम्र भी 40 साल से ज्यादा है. सिर्फ रुतबे के कारण, इसका यह मतलब नहीं है कि आप किसी भी उभरते खिलाड़ी को टीम से बाहर कर दें, युवाओं को मौका ना दें. यह सरासर गलत है हम इसका विरोध करते रहेंगे"
दोनों मैच हार कर कोरबा टीम टूर्नामेंट से बाहर : छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ की ओर से सीनियर T20 प्लेट ग्रुप इंटर डिस्ट्रिक्ट टूर्नामेंट 2022 का आयोजन भिलाई में किया गया था. जिसमें एलिट ग्रुप के जिलों को छोड़कर कोरबा, कोरिया, बिलासपुर ब्लू, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, कवर्धा, रायगढ़, धमतरी, बस्तर, नारायणपुर, सरगुजा और जशसपुर की टीमों ने हिस्सा लिया. टूर्नामेंट T20 फॉर्मेट में खेला गया था. इसी टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का प्रदर्शन एलिट, इसके बाद छत्तीसगढ़ और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए होता है.कोरबा ने अपना पहला मैच 15 जून को कोरिया के विरुद्ध खेला। जिसमें पहले बल्लेबाजी करते हुए कोरबा ने 19.5 ओवर में 110 रन बनाए पूरी टीम ऑल आउट हो गई. दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए कोरिया ने 5 विकेट के नुकसान पर 15.4 ओवर में बड़ी आसानी से जीत हासिल कोरबा को हरा दिया. इसी प्रकार 16 जून को कोरबा का मैच बिलासपुर ब्लू से हुआ जिसमें बिलासपुर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 183 रन बनाए. जवाब में कोरबा की टीम 17.4 ओवर में 101 रन पर ऑल आउट हो गई. यहां भी शर्मनाक हार झेलनी पड़ी. जिन रसूखदारों की एंट्री अंतिम समय में टीम में हुई थी. उन्होंने ओपनिंग बैटिंग और बॉलिंग भी की, इसकी भी खूब चर्चा रही.