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किराया वृद्धि और टैक्स माफी की मांग पर अड़े बस संचालक, पूरी नहीं होने पर लेंगे जल समाधि

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Published : Jun 30, 2021, 10:52 PM IST

कोरबा में बस संचालकों (Bus Operator Korba) ने अपनी मांगों को लेकर परिवहन विभाग (Transport Department Korba) को ज्ञापन सौंपा है. बस संचालकों ने शासन से टैक्स माफी और किराया बढ़ाने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. मांग पूरी नहीं होने पर संचालकों ने जल समाधि लेने की बात कही है.

Bus operator demanding fare hike and tax waiver in korba
कोरबा में बस संचालक

कोरबा : टैक्स माफी और किराया वृद्धि की मांग को लेकर बस ऑपरेटर्स (bus operators) ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सार्वजनिक परिवहन के साधन बंद होने के बाद से ही बसों का संचालन (operation of buses) पूरी तरह से शुरू नहीं हो सका है. बस ऑपरेटर (Bus Operator Korba) खासे परेशान हैं. कोरोना के मामले कुछ कम होने के बाद अब बसों का संचालन एक बार फिर से धीरे-धीरे शुरू होने लगा है, जिसके बाद अब बस संचालक किराए में वृद्धि के साथ ही टैक्स छूट की मांग कर रहे हैं. राज्य शासन को परिवहन विभाग (Transport Department Korba) के जरिए बस संचालकों ने ज्ञापन सौंपा है. बस संचालकों राहत नहीं मिलने पर जल समाधि ले लेने की बात कही है.

कोरबा में बस संचालकों का प्रदर्शन

सिटी बस का संचालन लंबे समय से बंद

जिले में सिटी बस का संचालन भी पिछले लगभग 1 साल 3 महीने से पूरी तरह से बंद है. कोरोना की पहली लहर के बाद से ही सिटी बसों का संचालन बंद है. सिटी बस का संचालन बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के उपनगरीय क्षेत्रों से बड़ी तादाद में लोग मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं. रोजमर्रा के कामकाज के लिए लोगों को सार्वजनिक परिवहन का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन इनके संसाधन सीमित होने की वजह से लोग महंगी दरों पर सफर करने को मजबूर हैं.

Bus operator demanding fare hike and tax waiver in korba
बस संचालकों का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ में बस ऑपरेटरों ने सरकार से यात्री किराया बढ़ाने की मांग की, धमतरी और रायपुर में किया प्रदर्शन


निजी बस संचालकों की मांग

  • निजी बस संचालक किराए में 40% वृद्धि की मांग कर रहे हैं. तर्क यह दिया जा रहा है कि डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है. जिसके कारण 40% से कम वृद्धि किए जाने पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.
  • निजी बस संचालकों को बस खड़ी रहने की स्थिति में भी शासन को दो माह का निष्प्रयोग टैक्स चुकाना पड़ता है. बस संचालक इसे समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.
  • परमिट लेकर रोड टैक्स जैसे सभी तरह के टैक्स को दिसंबर तक की अवधि के लिए माफ करने की मांग की जा रही है.

जलसमाधि, फिर चक्का जाम

निजी बस ऑपरेटरों के संगठन के पदाधिकारी बृजेश त्रिपाठी का कहना है कि यदि सरकार ने मांगों को नहीं माना तो सभी ऑपरेटर हसदेव नदी में जाकर जल समाधि लेंगे. प्रदेश के पदाधिकारी भी खारून नदी में जल समाधि लेंगे. मांग फिर भी नहीं मांगी गई तो 13 जुलाई से पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा.

कोरबा : टैक्स माफी और किराया वृद्धि की मांग को लेकर बस ऑपरेटर्स (bus operators) ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सार्वजनिक परिवहन के साधन बंद होने के बाद से ही बसों का संचालन (operation of buses) पूरी तरह से शुरू नहीं हो सका है. बस ऑपरेटर (Bus Operator Korba) खासे परेशान हैं. कोरोना के मामले कुछ कम होने के बाद अब बसों का संचालन एक बार फिर से धीरे-धीरे शुरू होने लगा है, जिसके बाद अब बस संचालक किराए में वृद्धि के साथ ही टैक्स छूट की मांग कर रहे हैं. राज्य शासन को परिवहन विभाग (Transport Department Korba) के जरिए बस संचालकों ने ज्ञापन सौंपा है. बस संचालकों राहत नहीं मिलने पर जल समाधि ले लेने की बात कही है.

कोरबा में बस संचालकों का प्रदर्शन

सिटी बस का संचालन लंबे समय से बंद

जिले में सिटी बस का संचालन भी पिछले लगभग 1 साल 3 महीने से पूरी तरह से बंद है. कोरोना की पहली लहर के बाद से ही सिटी बसों का संचालन बंद है. सिटी बस का संचालन बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के उपनगरीय क्षेत्रों से बड़ी तादाद में लोग मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं. रोजमर्रा के कामकाज के लिए लोगों को सार्वजनिक परिवहन का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन इनके संसाधन सीमित होने की वजह से लोग महंगी दरों पर सफर करने को मजबूर हैं.

Bus operator demanding fare hike and tax waiver in korba
बस संचालकों का प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ में बस ऑपरेटरों ने सरकार से यात्री किराया बढ़ाने की मांग की, धमतरी और रायपुर में किया प्रदर्शन


निजी बस संचालकों की मांग

  • निजी बस संचालक किराए में 40% वृद्धि की मांग कर रहे हैं. तर्क यह दिया जा रहा है कि डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है. जिसके कारण 40% से कम वृद्धि किए जाने पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.
  • निजी बस संचालकों को बस खड़ी रहने की स्थिति में भी शासन को दो माह का निष्प्रयोग टैक्स चुकाना पड़ता है. बस संचालक इसे समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.
  • परमिट लेकर रोड टैक्स जैसे सभी तरह के टैक्स को दिसंबर तक की अवधि के लिए माफ करने की मांग की जा रही है.

जलसमाधि, फिर चक्का जाम

निजी बस ऑपरेटरों के संगठन के पदाधिकारी बृजेश त्रिपाठी का कहना है कि यदि सरकार ने मांगों को नहीं माना तो सभी ऑपरेटर हसदेव नदी में जाकर जल समाधि लेंगे. प्रदेश के पदाधिकारी भी खारून नदी में जल समाधि लेंगे. मांग फिर भी नहीं मांगी गई तो 13 जुलाई से पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा.

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