कोरबा: आरटीई एक्ट से शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रदेश भर में संचालित छोटे-बड़े सभी तरह के निजी स्कूलों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है. इसके लिए 25 फीसदी सीट आरक्षित रहती है. इन्हीं 25 फीसदी सीटों में बीपीएल वर्ग के बच्चों को प्रवेश मिलता है. इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य में टाइम टेबल जारी कर दिया गया है. इसके तहत सबसे पहले निजी स्कूलों को आरटीई पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कर सारी जानकारी को अपडेट करना होगा.
28 फरवरी तक पूरा करना होगा अपडेट: लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षा के अधिकार के तहत निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार स्कूल प्रोफाइल अपडेट काम एक फरवरी से 28 फरवरी तक होगा. जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापन का कार्य एक फरवरी से 28 फरवरी तक किया जाना है.
1 मार्च से अभिभावक कर सकेंगे आवेदन: प्रथम चरण में छात्र पंजीयन आवेदन 1 मार्च से 15 अप्रैल तक होगा. अभिभावक निजी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे. नोडल अधिकारियों की ओर से दस्तावेजों की जांच 18 अप्रैल से 17 मई तक की जाएगी. सीटों से अधिक आवेदन आने की स्थिति में लॉटरी और सीटों का आबंटन 20 मई से 30 मई तक होगा.
1 जून से दिया जाएगा प्रवेश: स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया एक जून से 30 जून तक की जाएगी. जबकि द्वितीय चरण में प्रवेश की प्रक्रिया 01 जुलाई से प्रारंभ होगी. नवीन स्कूल पंजीयन आवेदन कार्य 15 जून से 30 जून तक होगा. जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापन 15 जून से 30 जून तक किया जाएगा. छात्र 01 जुलाई से 8 जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे. नोडल अधिकारियों द्वारा 9 जुलाई से 15 जुलाई तक दस्तावेजों की जांच की जाएगी. लॉटरी एवं आबंटन की कार्रवाई 17 जुलाई से 20 जुलाई तक होगी और स्कूल दाखिला प्रक्रिया 22 जुलाई से 31 जुलाई तक की जाएगी.
पिछले वर्ष 296 स्कूलों में 8088 आवेदन: पिछले वर्ष कोरबा जिले में संचालित कल 296 निजी स्कूलों में आरटीई एक्ट से प्रवेश के लिए शिक्षा विभाग को 8088 आवेदन मिले थे. इनमें से पात्रता के आधार पर 2130 बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिला था. कई बच्चे प्रवेश से इसलिए भी वंचित रह जाते हैं, क्योंकि वह स्कूल से 3 किलोमीटर से अधिक दूर निवास करते हैं. आरटीई एक्ट से प्रवेश के लिए निवास स्थान स्कूल से 3 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए.
कक्षा पहली में आरक्षित रहती है सीट: भारत के संविधान के 86 में संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा 21(A) जोड़ा गया था. जिसके अनुसार 6 से 14 वर्ष के सभी बालकों को नि:शुल्क शिक्षा और अनिवार्य अधिकार है. संसद में नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 पारित किया. जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ है. अधिनियम के अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों सहित केन्द्रीय विद्यालयों में कक्षा 1 में या प्री स्कूल की शिक्षा से प्रारंभ होने वाले प्रायवेट स्कूलों की प्रवेशित कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर बीपीएल वर्ग के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश देना अनिवार्य है.