कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला में प्रदेश का पहला और एकलौता भारत माता का मंदिर स्थापित है. यह जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर कटघोरा में है. इस मंदिर के दरवाजे सिर्फ राष्ट्रीय पर्व के दिन ही खुलते हैं. यह मंदिर न सिर्फ देश भक्ति की भावनाओं से ओतप्रोत है, बल्कि यह सर्वधर्म समभाव का संदेश भी देती है.
भारत माता मंदिर की स्थापना कटघोरा में सन 1952 में की गई थी, जिसे कटघोरा तहसील में पदस्थ तत्कालीन तहसीलदार आरएस ठाकुर ने स्थानीय शिक्षकों की मदद से शुरुआत की थी, जिसमें अखंड भारत का नक्शा जमीन पर उकेरा गया था. काफी दिनों तक भारत माता और अखंड भारत के नक्शे को पूजा जाता रहा. बाद में यहां एक छोटे से मंदिर का निर्माण कर दिया गया, जिसके बाद संस्कार भारती के सदस्य लगातार यहां पूजा अर्चना करते हैं. साथ ही मंदिर का देखभाल भी वही करते हैं.
22 समाज के लोगों ने दिया है जीर्णोद्धार को समर्थन
भारत माता का यह मंदिर न सिर्फ देश प्रेम की भावना और आजादी की याद कराता है, बल्कि यह सर्वधर्म समभाव के लिए भी एक प्रेरणा है. कटघोरा के हिंदू-मुस्लिम सहित लगभग 22 समाज के लोगों ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार को समर्थन दिया है. काफी दिनों तक उपेक्षित रहा यह मंदिर जल्द ही भव्य रूप लेगा. कोरोना संकट के बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराए जाने की योजना है.
संक्षिप्त कार्यक्रम
यूं तो भारत माता मंदिर में स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर ही कार्यक्रम आयोजित होते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण यहां कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे, सिर्फ ध्वाजारोहण ही कराया जाएगा. ताकि लोगों की भीड़ न रहे, साथ ही कोरोना का खतरा भी लोगों में न हो.