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कोरबा: बारदाना घोटाले की जांच करने पहुंची प्रशासन की टीम, विस्तृत ब्यौरा कलेक्टर को भेजा

कोरबा में कस्टम मिलिंग के दौरान बारदाना घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय की टीम पहुंची. जांच के बाद विस्तृत ब्यौरा कलेक्टर को भेजा जाएगा.

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बारदाना घोटाले
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Published : Aug 7, 2020, 4:03 PM IST

Updated : Aug 7, 2020, 4:39 PM IST

कोरबा: कस्टम मिलिंग के दौरान बारदाना घोटाले की जांच करने पहुंची प्रशासन की 3 सदस्यीय टीम ने 3 हजार बारदानों की जांच की है. जांच दल की प्रभारी डिप्टी कलेक्टर कमलेश नंदनी साहू ने अनियमितता की आशंका जताई है. जांच टीम की ओर से इस केस का विस्तृत ब्योरा कलेक्टर को भेजा जाएगा.

बारदाना घोटाले की जांच करने पहुंचे प्रशासन की टीम

कस्टम मिलिंग के दौरान जिले में बारदानों के घोटाले की जांच करने तीन सदस्यीय दल कटघोरा के छुरी पहुंची, जिसके बाद जांच दल ने इस दौरान करीब 3 हजार बारदानों की सील तोड़कर जांच की. इस बारे में डिप्टी कलेक्टर कमलेश नंदिनी साहू ने बताया कि मामले की शिकायत के बाद जिला कलेक्टर किरण कौशल ने उनके नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. साहू के मुताबिक कुछ बारदानों में उन्हें गड़बड़ी नजर आई है.

पढ़ें- बिलासपुर: PDS में धांधली, रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष गिरफ्तार
नए की जगह पुराने बारदाना में कस्टम मिल्ड चावल
बारदाना घोटाला की जांच के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के कटघोरा के छुरी स्थित गोदाम में टीम ने पड़ताल की. इस दौरान डिप्टी कलेक्टर साहू के अलावा फूड ऑफिसर एके चतुर्वेदी और नायब तहसीलदार कटघोरा रवि राठौर ने नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में सुबह से शाम तक कस्टम मिलिंग के चावल के एक स्टॉक की जांच की. जांच के बाद साहू ने मीडिया को बताया की जांच में नए की जगह पुराने बारदाना में कस्टम मिल्ड चावल जमा करने की बात सामने आई है. इसके साथ जांच में कई बारदाना ऐसे मिले, जिसमें अलग-अलग राइस मील के स्टेंसिल छपे थे और स्टीकर किसी दूसरे राइस मील के लगे थे.

PDS का चावल रिसाइकल होकर पहुंचता है नान के गोदाम
इससे इस बात की पूरी संभावना है कि PDS का चावल रिसाइकल होकर दोबारा नान के गोदाम में जमा हो गया. इसी तरह जांच में केवल लाल पट्टी के बारदाना को पुराना माना गया, जबकि साल 2018- 19 की नीली पट्टी के बारदाना की पहचान नहीं हो सकी है. इसका कारण यह रहा कि साल 2019- 20 में भी नीली पट्टी बारदाना का उपयोग किया गया है और दोनों की सूक्ष्म जांच भी की जानी चाहिए.

कई बारदाते हैं फटे

जांच के दौरान कुछ बारदाना फटे पाए गए हैं, जिनका चावल बाहर बिखरा मिला है. इस चावल में निर्धारित से ज्यादा मात्रा में कनकी देखा गया, जो एक गंभीर अनियमितता की ओर इशारा करता है. साथ ही कई बारदाने ऐसे मिले जिनमें किसी मील का नाम नहीं था. इसके सिवाय केवल एक गोदाम में मात्र एक स्टेक की जांच की गई, जबकि छुरी में 6 गोदाम हैं और 70 से ज्यादा स्टेक हैं.

कोरबा: कस्टम मिलिंग के दौरान बारदाना घोटाले की जांच करने पहुंची प्रशासन की 3 सदस्यीय टीम ने 3 हजार बारदानों की जांच की है. जांच दल की प्रभारी डिप्टी कलेक्टर कमलेश नंदनी साहू ने अनियमितता की आशंका जताई है. जांच टीम की ओर से इस केस का विस्तृत ब्योरा कलेक्टर को भेजा जाएगा.

बारदाना घोटाले की जांच करने पहुंचे प्रशासन की टीम

कस्टम मिलिंग के दौरान जिले में बारदानों के घोटाले की जांच करने तीन सदस्यीय दल कटघोरा के छुरी पहुंची, जिसके बाद जांच दल ने इस दौरान करीब 3 हजार बारदानों की सील तोड़कर जांच की. इस बारे में डिप्टी कलेक्टर कमलेश नंदिनी साहू ने बताया कि मामले की शिकायत के बाद जिला कलेक्टर किरण कौशल ने उनके नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. साहू के मुताबिक कुछ बारदानों में उन्हें गड़बड़ी नजर आई है.

पढ़ें- बिलासपुर: PDS में धांधली, रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष गिरफ्तार
नए की जगह पुराने बारदाना में कस्टम मिल्ड चावल
बारदाना घोटाला की जांच के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के कटघोरा के छुरी स्थित गोदाम में टीम ने पड़ताल की. इस दौरान डिप्टी कलेक्टर साहू के अलावा फूड ऑफिसर एके चतुर्वेदी और नायब तहसीलदार कटघोरा रवि राठौर ने नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में सुबह से शाम तक कस्टम मिलिंग के चावल के एक स्टॉक की जांच की. जांच के बाद साहू ने मीडिया को बताया की जांच में नए की जगह पुराने बारदाना में कस्टम मिल्ड चावल जमा करने की बात सामने आई है. इसके साथ जांच में कई बारदाना ऐसे मिले, जिसमें अलग-अलग राइस मील के स्टेंसिल छपे थे और स्टीकर किसी दूसरे राइस मील के लगे थे.

PDS का चावल रिसाइकल होकर पहुंचता है नान के गोदाम
इससे इस बात की पूरी संभावना है कि PDS का चावल रिसाइकल होकर दोबारा नान के गोदाम में जमा हो गया. इसी तरह जांच में केवल लाल पट्टी के बारदाना को पुराना माना गया, जबकि साल 2018- 19 की नीली पट्टी के बारदाना की पहचान नहीं हो सकी है. इसका कारण यह रहा कि साल 2019- 20 में भी नीली पट्टी बारदाना का उपयोग किया गया है और दोनों की सूक्ष्म जांच भी की जानी चाहिए.

कई बारदाते हैं फटे

जांच के दौरान कुछ बारदाना फटे पाए गए हैं, जिनका चावल बाहर बिखरा मिला है. इस चावल में निर्धारित से ज्यादा मात्रा में कनकी देखा गया, जो एक गंभीर अनियमितता की ओर इशारा करता है. साथ ही कई बारदाने ऐसे मिले जिनमें किसी मील का नाम नहीं था. इसके सिवाय केवल एक गोदाम में मात्र एक स्टेक की जांच की गई, जबकि छुरी में 6 गोदाम हैं और 70 से ज्यादा स्टेक हैं.

Last Updated : Aug 7, 2020, 4:39 PM IST
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