कोरबा: दिल्ली में फंसे जिले के 73 लोगों की वापसी हो गई है. बता दें, ये सभी लोग दिल्ली अपने-अपने काम के सिलसिले में गए थे. कोई पढ़ाई करने गया था तो कोई व्यवसाय करने, कोई इलाज कराने गया था तो कोई घूमने के लिए दिल्ली गया था. सभी वहां कोरोना के कारण हुए लाॅकडाउन में फंस गए थे, जिनकी वापसी बुधवार हुई है. फिलहाल सभी की मेडिकल स्क्रिनिंग करने के बाद 14 दिनों तक के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है.
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कोरबा एसडीएम सुनील नायक ने बताया कि दिल्ली में फंसे 73 लोगों को लेकर तीन बसें शाम को कोरबा पहुंची है. इन बसों से आये हुए लोगों के लिए जिला प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में ठहरने की व्यवस्था की है. जिला प्रशासन ने पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास, मिनीमाता गर्लस कॉलेज हॉस्टल, आईटीआई गोपालपुर, केंद्रीय विद्यालय गोपालपुर, सर्वमंगला के पास भण्डार कक्ष सहित आईटी कॉलेज में भी अन्य प्रांतों से लौटे लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखने की पूरी व्यवस्थाएं की है. इन जगहों पर अन्य प्रांतों से लौटे लोगों के रहने के साथ-साथ खाने-पीने की निःशुल्क व्यवस्था शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार की गई है.
एसडीएम नायक ने बताया कि क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा अतिरिक्त सुविधाओं की मांग अनुसार प्रशासन ने कोरबा शहरी क्षेत्र के चार होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हांकित किया है, जिसमें होटल महाराजा इन, होटल ग्रीन पार्क, होटल टाप इन टाउन और होटल फोर सीजन में अतिरिक्त सुविधाओं की मांग करने वाले लोगों को निर्धारित शुल्क देकर क्वॉरेंटाइन में रहने की सुविधा दी जा रही है. इन होटलों में वातानुकूलित कमरे के लिए साढ़े सात सौ रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से जिला प्रशासन द्वारा होटल संचालकों की सहमति अनुसार निर्धारित की गई है. एक कमरे में अधिकतम दो लोग रह सकेंगे. इस निर्धारित शुल्क में ही ठहरने वाले के लिए सुबह, शाम का नाश्ता, दोपहर और रात में शाकाहारी भोजन की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की गई है. होटलों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में ठहरने वाले लोगों को इसके अतिरिक्त किसी अन्य सुविधा के लिए होटल प्रबंधन को निर्धारित शुल्क देना होगा.