कोरबाः रजगामार चौकी के पुलिस ने सेनोस्फेयर नामक कीमती खनिज से भरी 4 ट्रक को जब्त किया है, जिसे तस्कर नागपुर भेजने की फिराक में थे. पुलिस ने ट्रकों को जब्त कर ड्राइवरों को पकड़ लिया है. वहीं पुलिस तस्करी के वास्तविक नेटवर्क के पीछे सफेदपोश तस्करों की तलाश में जुट गई है.
दरअसल जिले में प्लांट से कोयले का राख बहुत ज्यादा मात्रा में निकलता है. पावर प्लांटों के राख डैम से सेनोस्फेयर की उत्पत्ति होती है. लम्बे समय से जिले में सेनोस्फेयर की हेरा-फेरी जारी है. इसमें कुछ नामचीन सफेदपोश लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. क्षेत्र में इस कारोबार में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ते हुए दिखने लगी है. जिस वजह से पुलिस की पकड़ में इतनी बड़ी मात्रा में सेनोस्फेयर आया है.
सेनोस्फेयर की तस्करी
डीएसपी रामगोपाल करियारे ने बताया कि रजगामार फिल्टर प्लांट के पास घेराबंदी कर 4 ट्रकों को पकड़ा गया है. चारों ट्रकों में राखड़ बांध से प्राप्त होने वाली सेनोस्फेयर भरा हुआ था. पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर चालकों ने ट्रक में सेनोस्फेयर लेकर नागपुर भेजे जाने की जानकारी दी. जब पुलिस ने सेनोस्फेयर और ट्रक संबंधित कागजात दिखाने को बोला तो ट्रक ड्राइवर गोलमोल जवाब देने लगे, जिसके बाद ट्रकों को जब्त कर रजगामार चौकी लाया गया. कार्रवाई को दौरान रजगामार पुलिस चौकी के अमले के साथ डीएसपी भी खुद मौके पर मौजूद रहे.
क्या होता है सेनोस्फेयर
थर्मल पावर प्लांटों में कोयले को जलाने की प्रक्रिया में फ्लाई ऐश उत्सर्जित होती है, जिसमें सिरेमिक के कण होते हैं, जो बहुत हद तक एल्यूमिनियम और सिलिका से बने होते हैं. ये जटिल रासायनिक और भौतिक परिवर्तन के माध्यम से 1500 से 1750°C (2730 से 3180°F) के तापमान पर उत्पादित होते हैं. इसकी रासायनिक संरचना और संरचना कोयले की संरचना के आधार पर अलग होती है. फ्लाई ऐश में सिरेमिक कणों की संरचना तीन प्रकार की होती है. पहले प्रीस्पिटेटर, दूसरा सेनोस्फियर और तीसरा प्लेरोस्फियर होता है.