कोंडागांव: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ इस दिन को मनाया. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार जिले में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम को दस भागों बांटा गया था. भीड़ कम करने के लिए ब्लॉक और पंचायत स्तर पर इस बार कार्यक्रमों का आयोजन किया. जहां आदिवासी समाज के लोगों ने बड़े धूम धाम से विश्व आदिवासी दिवस मनाया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की भी खूब धज्जियां उड़ाई गई.
कोरोना काल से पहले कोंडागांव जिला मुख्यालय में भव्य कार्यक्रम रखा जाता था, जिसमें विभिन्न राजनीतिक पार्टी के आदिवासी नेता भी शामिल होते थे, लेकिन इस बार इस कार्यक्रम में कोई भी राजनीतिक आदिवासी नेता शामिल नहीं हो सके. कोरोना के कारण इस बार शांति पूर्ण ढंग से सादगी के साथ आदिवासी नेता शहीद वीरनारायण और शहीद गुंडधार की पूजा अर्चना की गई.
धारा 144 की उड़ाई गई धज्जियां
इस दौरान आदिवासी समाज के अध्यक्ष बंगाराम ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन-प्रशासन की ओर से विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिले में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए धारा 144 लागू की गई है, जिसमें किसी आयोजन के लिए शासन-प्रशासन से अनुमति मिलने पर ही किया जा रहा है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा 50 से लोग ही शामिल हो सकते हैं.
शासन-प्रशासन के बिना अनुमति के निकाली गई रैली
वहीं कार्यक्रम के दौरान देखा गया कि शासन-प्रशासन के अनुमति के बिना ही आदिवासी समाज के लोगों ने रैली का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए. कोविड-19 के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. पिछले कुछ दिनों से शासन-प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी ने कोविड-19 के नियमों का पालन कराने में एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं. वहीं रैली और कार्यक्रमों के दौरान शासन प्रशासन मूक दर्शक बना रहा. बिना किसी अनुमति के ही रैली और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिससे कोरोना संकट काल में स्थिति भयावह होने से इनकार नहीं किया जा सकता.