कोंडागांव/केशकालः एक बार फिर केशकाल विधानसभा क्षेत्र का धनोरा ब्लॉक सुर्खियों में है. ग्राम पंचायत बिंझे में गुरुवार को एक बीमार महिला की मौत हो गई. जिसे परिजनों ने अपने ही खेत में दफना दिया. इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो, वे इसका विरोध शुरू कर दिए. ग्रामीणों ने दफन किए शव को निकालकर मृतिका के भाई के घर में रख दिया. महिला ने कुछ दिन पहले धर्म परिवर्तन कर लिया था, जिससे अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद शुरू हो गया था.
गांव में माहौल बिगड़ता देख पुलिस को सूचना दी गई. सूचना पर तहसीलदार, एसडीओपी, नायब तहसीलदार, जनपद सीईओ, थाना प्रभारी समेत प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. प्रशासन ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी राय जानने की कोशिश की.
क्या था पूरा मामला ?
मामला धर्म परिवर्तन से जुड़ा था. धर्म परिवर्तन करने वाली एक युवती रामबत्ती कोर्राम की बीमारी से मौत हो गई. जिसे उसके भाई ने गांव में ही अपने निजी भूमि पर गुरुवार की शाम को दफन कर दिया था. ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे. गांववाले धर्मपरिवर्तन करने के कारण, गांव में शव को दफनाने से मना कर रहे थे. ग्रामीणों के विरोध के बाद गांव में तनाव की स्थिति बन गई थी. नराज गांववालों ने मृतिका के परिवार को कब्र से शव को निकालने को कहा. मृतिका के परिवार ने शव निकालकर उसके भाई के घर में रख दिया. जिसकी सूचना ईरागांव थाने में दी गई.
सूजरपुरः मामूली विवाद में महिला की हत्या
अंतिम संस्कार को लेकर हुआ विवाद
घटना को लेकर ग्राम पंचायत बिंझे के सरपंच पति ने बताया कि, गांव में धर्मपरिवर्तन करने वाले परिवार में एक महिला सदस्य की मौत हो गई थी. लेकिन बिना गांव वालों की सहमति लिए शव को दफन कर दिया गया था. जिसका गांव वाले विरोध कर रहे थे. दफनाए गए शव का निकाला गया. फिर ग्रामीणों ने शव का आदिवासी समाज के रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार किया.
प्रशासन के दखल के बाद मामला सुलझा
मौके पर पहुंचे केशकाल तहसीलदार राकेश साहू ने बताया कि, ग्रामीणों ने गांव में तनाव होने की सूचना दी थी. तनाव की स्थिति को देखते हुए गांव में पुलिस प्रशासन की टीम आई हुई थी. एक महिला के शव को दफन करने के बाद फिर से खनन कर बाहर निकाला गया था. जिससे परिवार में गुस्सा था. समझाइस के बाद मामला शांत हो गया है. अब दोनों पक्ष आपसी सहमति से शव का अंतिम संस्कार करने को तैयार हैं.