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'मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण' इकाई का जिला उद्योग के उच्च अधिकारियों ने किया निरीक्षण

कोंडागांव जिला उद्योग के उच्च अधिकारियों ने शुक्रवार को 'मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण' इकाई का निरीक्षण किया है. इस दौरान मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी और प्रबंधक बलाई चक्रवर्ती ने अधिकारियों को कोरोना से लड़ने में मददगार हर्बल चाय पिलाई.

Ayush Health Ministry latest news
मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण यूनिट का निरीक्षण
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Published : Sep 4, 2020, 9:42 PM IST

कोंडागांव : जिला उद्योग के उच्च अधिकारियों ने 'मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण' इकाई के हर्बल चाय ,सफेद मुसली कैप्सूल और स्टीविया की पत्तियों से जीरो कैलोरी वाली अनूठी शक्कर के निर्माण के संयंत्रों का निरीक्षण किया है. जानकारी के मुताबिक आयुष स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार की ओर से कोरोना से लड़ने में मददगार 'हर्बल काढ़ा' यहीं बनता है.

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मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण यूनिट का निरीक्षण

देश विदेश में बस्तर की पहचान बन चुकी कोविड-19 सहित 16 असाध्य बीमारियों से लड़ने में मददगार मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की प्रसिद्ध 'हर्बल चाय' और मूसली के कैप्सूल निर्माण के संयंत्रों का कोंडागांव जिला उद्योग कार्यालय के उच्चाधिकारियों की टीम ने निरीक्षण किया है. उच्चाधिकारियों की टीम में टोप्पो, नम्रता एल्मा और कई अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कोंडागांव के गांधीनगर वार्ड स्थित मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण इकाई का दल-बल सहित निरीक्षण किया.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी बनने का काम जारी

बता दें कि कोरोना महामारी में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के 'आयुष' विभाग द्वारा अनुमोदित जड़ी बूटियों का कार्य और हर्बल काढ़ा इसी प्रसंस्करण इकाई में बनाया जा रहा है. इसके साथ ही यहां कोरोना से लड़ने में मदद करने वाली और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी बनने का काम किया जा रहा है, जिसे हाल में ही बनाने का लाइसेंस प्राप्त हुआ है. अब जल्द ही यह उत्पाद छत्तीसगढ़ और देश के लोगों को कोरोना से लड़ने में प्रभावी मदद करेगा.

पढ़ें: सरगुजा: स्वास्थ्य मंत्री ने किया निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज भवन का निरीक्षण

उच्चाधिकारियों की टीम ने देश की पहली मूसली छिलाई और सुखाई करने वाली प्रोसेसिंग यूनिट की इकाई की कार्यविधि को देखा और समझा. इसके साथ ही भारत सरकार के सीएसआईआर के तकनीकी मार्गदर्शन में लगने वाले स्टीविया के पत्तो से कड़वाहट रहित स्टीविया शक्कर बनाने के कारखाने के संयंत्र की कार्यविधि की जानकारी ली. यह संयंत्र अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है. जल्द ही इस संयंत्र के शुरू होने की संभावना है. वहीं उच्चाधिकारियों की टीम यहां पर बन रहे सफेद मूसली और हल्दी के जैविक कैप्सूल के प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया.

पढ़ें: दुर्ग कमिश्नर ने कवर्धा में खेतों का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश

अधिकारियों ने संयंत्र में जल संरक्षण के लिए बनाए गए सोख्ता का भी निरीक्षण किया. साथ ही वॉटर रीसाइकलिंग इकाई की भी जांच की. आखिर में अधिकारियों को मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी और प्रबंधक बलाई चक्रवर्ती ने कोरोना से लड़ने में मददगार हर्बल चाय पिलाई.

कोंडागांव : जिला उद्योग के उच्च अधिकारियों ने 'मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण' इकाई के हर्बल चाय ,सफेद मुसली कैप्सूल और स्टीविया की पत्तियों से जीरो कैलोरी वाली अनूठी शक्कर के निर्माण के संयंत्रों का निरीक्षण किया है. जानकारी के मुताबिक आयुष स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार की ओर से कोरोना से लड़ने में मददगार 'हर्बल काढ़ा' यहीं बनता है.

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देश विदेश में बस्तर की पहचान बन चुकी कोविड-19 सहित 16 असाध्य बीमारियों से लड़ने में मददगार मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की प्रसिद्ध 'हर्बल चाय' और मूसली के कैप्सूल निर्माण के संयंत्रों का कोंडागांव जिला उद्योग कार्यालय के उच्चाधिकारियों की टीम ने निरीक्षण किया है. उच्चाधिकारियों की टीम में टोप्पो, नम्रता एल्मा और कई अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कोंडागांव के गांधीनगर वार्ड स्थित मां दंतेश्वरी हर्बल प्रसंस्करण इकाई का दल-बल सहित निरीक्षण किया.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी बनने का काम जारी

बता दें कि कोरोना महामारी में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के 'आयुष' विभाग द्वारा अनुमोदित जड़ी बूटियों का कार्य और हर्बल काढ़ा इसी प्रसंस्करण इकाई में बनाया जा रहा है. इसके साथ ही यहां कोरोना से लड़ने में मदद करने वाली और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी बनने का काम किया जा रहा है, जिसे हाल में ही बनाने का लाइसेंस प्राप्त हुआ है. अब जल्द ही यह उत्पाद छत्तीसगढ़ और देश के लोगों को कोरोना से लड़ने में प्रभावी मदद करेगा.

पढ़ें: सरगुजा: स्वास्थ्य मंत्री ने किया निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज भवन का निरीक्षण

उच्चाधिकारियों की टीम ने देश की पहली मूसली छिलाई और सुखाई करने वाली प्रोसेसिंग यूनिट की इकाई की कार्यविधि को देखा और समझा. इसके साथ ही भारत सरकार के सीएसआईआर के तकनीकी मार्गदर्शन में लगने वाले स्टीविया के पत्तो से कड़वाहट रहित स्टीविया शक्कर बनाने के कारखाने के संयंत्र की कार्यविधि की जानकारी ली. यह संयंत्र अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है. जल्द ही इस संयंत्र के शुरू होने की संभावना है. वहीं उच्चाधिकारियों की टीम यहां पर बन रहे सफेद मूसली और हल्दी के जैविक कैप्सूल के प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया.

पढ़ें: दुर्ग कमिश्नर ने कवर्धा में खेतों का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश

अधिकारियों ने संयंत्र में जल संरक्षण के लिए बनाए गए सोख्ता का भी निरीक्षण किया. साथ ही वॉटर रीसाइकलिंग इकाई की भी जांच की. आखिर में अधिकारियों को मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी और प्रबंधक बलाई चक्रवर्ती ने कोरोना से लड़ने में मददगार हर्बल चाय पिलाई.

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