कोंडागांव: छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस के संकेत चिन्ह को फरसगांव पुलिस अनुविभागीय अधिकारी ने जवानों की वर्दी में लगाया. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य गठन के 19 साल बाद छत्तीसगढ़ पुलिस को प्रतीक चिह्न दिया है. वर्दी पर पुलिस चिन्ह लगने पर जवानों में नया उत्साह देखने को मिला. अधिकारियों ने जवानों को पुलिस चिन्ह के बारे में भी बताया.
बता दें, छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश के पुलिस अधिकारियों, कर्मियों द्वारा प्रतीक चिन्ह धारण नहीं किया जा सका था. अब छत्तीसगढ़ राज्य की विशिष्टताओं और विविधताओं को समाहित कर राज्य पुलिस द्वारा प्रतीक चिन्ह तैयार कर पुलिस अधिकारी, कर्मियों को लगाया जा रहा है. कोंडागांव पुलिस अधीक्षक ने एसपी कार्यालय में पुलिस अधिकारियों, कर्मियों को राज्य पुलिस प्रतीक चिन्ह लगाया. इसके बाद थाना फरसगांव में सबसे पहले पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पुष्पेन्द्र नायक ने थाने के जवानों को राज्य पुलिस का प्रतीक चिन्ह लगाया गया और उसके महत्व के बारे में भी बताया.
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प्रतिक चिन्ह हैं इन चीजों का पर्याय
पुलिस के प्रतीक चिह्न में ढाल, ढाल की सुनहरी बॉर्डर, अशोक चिन्ह, सूर्य रूपी प्रगति चक्र, बाइसन हॉर्न बना हुआ है. साथ ही 'परित्राणाय साधुनाम' लिखा हुआ है. प्रतीक में उल्लेखित 2000 राज्य गठन का वर्ष है. ढाल का रंग गहरा नीला है जो अपार धैर्य, सहनशक्ति, जिजीविषा, संवेदनशीलता और गंभीरता का प्रतीक है.
वर्दी की बढ़ाएगी शान
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य गठन होने के 19 साल बाद छत्तीसगढ़ पुलिस को प्रतीक चिह्न दिया है. छत्तीसगढ़ पुलिस के हर अफसर और जवान अब इस प्रतीक चिन्ह को अपनी वर्दी पर लगाएंगे. पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों अपनी वर्दी की बांयी भुजा पर यह नया प्रतीक चिन्ह लगाएंगे.पुलिसकर्मी की ड्रेस का यह अहम हिस्सा होगा.अब वर्दी के साथ प्रतीक चिन्ह पुलिस वर्दी की शान बढ़ाएगी.