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अपहरण के 12 दिन बाद परिजनों को मिला 1 महीने का बच्चा, रिश्तेदार पर चोरी का आरोप

12 दिन पहले केशकाल के आलमेर से एक महीने के बच्चे की चोरी हुई थी. पुलिस लगातार बच्चे की तलाश कर रही थी. परिजनों ने बच्चे का पता लगा लिया. पुलिस की मदद से बच्चा वापस परिजनों को सौंप दिया गया. साथ ही पुलिस आरोपी महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

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मां के साथ बच्चा
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Published : Nov 30, 2020, 2:08 AM IST

केशकाल: उरनदाबेड़ा थाना इलाके के ग्राम आलमेर में 18 नवंबर की सुबह एक घर से 1 महीने के बच्चे की चोरी हुई थी. जिसके बाद इलाके में हडकंप मच गया था. उरनदाबेड़ा पुलिस ने मामला दर्ज किया था. जिसके बाद से लगातार बच्चे की खोज जारी थी. 12 दिनों के बाद शिनवार को बच्चे का पता चल गया. पुलिस ने सही सलामत बच्चे को उसके परिजनों को सौंपा दिया. पुलिस ने चोरी के आरोप में एक महिला को हिरासत में लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है.

बच्चा बरामद

बच्चे का पता परिजनों ने ही लगाया है. बच्चे की चोरी में रिश्तेदार का हाथ होने की बात सामने आई है. आरोपी को ग्राम चिंगनार के जमकोटपारा से हिरासत में लिया गया है. जानकारी के मुताबिक आलमेर से 18 नवंबर की सुबह 6 बजे के करीब श्रवण नाग के घर से बच्चे की चोरी हुई थी. परिजनों को जानकारी मिली कि आलमेर से कुछ ही दूर ग्राम चिंगनार के जमकोटपारा में एक महिला सगो बाई के पास बच्चे को देखा गया है. बच्चे के माता-पिता और स्थानीय लोगों ने मौके पर बच्चे को पहचान लिया.

पढ़ें: जशपुर: बच्चा चोरी मामले में होगा डीएनए टेस्ट, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने दिए निर्देश

स्वास्थ्य विभाग के एएनएम ने बच्चे की पुष्टी की

बच्चे के मिलने की जानकारी मिलते ही फरसगांव एसडीओपी पुलिस की टीम के साथ तत्काल ग्राम चिंगनार पहुंचे थे. पुलिस जब महिला से पूछताछ कर रही थी तो महिला सभी आरोपी को एक सिरे से खारिज कर रही थी. महिला का कहना था कि यह बच्चा उसी का है. जिसके बाद बच्चे की बांह पर लगे बीसीजी के टीके की पहचान करने के लिए पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से एनएम को बुलाया. एनएम ने बताया कि यह बीसीजी का टीका है, जो कुछ दिनों पहले ही उन्होंने बच्चे दक्ष को लगाया गया था.

गर्भवती थी आरोपी महिला

आरोपी महिला सगो बाई के ससुर रूपसिंह नाग ने बताया कि महिला की शादी कर्रापारा में हुई थी. उसकी 2 बेटियां हैं. आरोपी महिला अपने पति को छोड़ कर ग्राम हाट छपाई में रह रही थी. 2 महीने से वह अपने मायके चिंगनार में थी. रूपसिंह ने यह भी बताया कि साल भर पहले मेरा छोटा बेट महिला को हमारे घर लेकर आया था. जिसके बाद वहीं से महिला अपने मायके के लिए रवाना हुई थी. महिला उस वक्त 6 माह की गर्भवती भी थी. रूपसिंह ने बताया कि 27 नवंबर को उन्हें छट्ठी कार्यक्रम में आने का आमंत्रण मिला था. मुझे स्थानीय लोगों से पता चला कि बच्चे का जन्म 17 नवंबर की रात हुआ है. बच्चा चोरी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.

पढ़ें: मां की पुलिस से गुहार, 'मेरा बच्चा लौटा दो', एक सप्ताह बाद भी नहीं मिला कोई सुराग

पुलिस की पूछताछ जारी

ससुर की माने तो मायके चिंगनार जाने से पहले महिला 6 माह की गर्भवती थी. लेकिन उसके बच्चे की कोई जानकारी नहीं है. वह सभी को दक्ष को अपना बच्चा बता रही है. ऐसे में पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसका बच्चा कहां है. महिला से पूछताछ की जा रही है. इधर अपने बच्चे को 12 दिन बाद दोबारा अपने पास देखकर परिवार काफी खुश है. परिवार ने पुलिस का धन्यावाद किया है.

केशकाल: उरनदाबेड़ा थाना इलाके के ग्राम आलमेर में 18 नवंबर की सुबह एक घर से 1 महीने के बच्चे की चोरी हुई थी. जिसके बाद इलाके में हडकंप मच गया था. उरनदाबेड़ा पुलिस ने मामला दर्ज किया था. जिसके बाद से लगातार बच्चे की खोज जारी थी. 12 दिनों के बाद शिनवार को बच्चे का पता चल गया. पुलिस ने सही सलामत बच्चे को उसके परिजनों को सौंपा दिया. पुलिस ने चोरी के आरोप में एक महिला को हिरासत में लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है.

बच्चा बरामद

बच्चे का पता परिजनों ने ही लगाया है. बच्चे की चोरी में रिश्तेदार का हाथ होने की बात सामने आई है. आरोपी को ग्राम चिंगनार के जमकोटपारा से हिरासत में लिया गया है. जानकारी के मुताबिक आलमेर से 18 नवंबर की सुबह 6 बजे के करीब श्रवण नाग के घर से बच्चे की चोरी हुई थी. परिजनों को जानकारी मिली कि आलमेर से कुछ ही दूर ग्राम चिंगनार के जमकोटपारा में एक महिला सगो बाई के पास बच्चे को देखा गया है. बच्चे के माता-पिता और स्थानीय लोगों ने मौके पर बच्चे को पहचान लिया.

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स्वास्थ्य विभाग के एएनएम ने बच्चे की पुष्टी की

बच्चे के मिलने की जानकारी मिलते ही फरसगांव एसडीओपी पुलिस की टीम के साथ तत्काल ग्राम चिंगनार पहुंचे थे. पुलिस जब महिला से पूछताछ कर रही थी तो महिला सभी आरोपी को एक सिरे से खारिज कर रही थी. महिला का कहना था कि यह बच्चा उसी का है. जिसके बाद बच्चे की बांह पर लगे बीसीजी के टीके की पहचान करने के लिए पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से एनएम को बुलाया. एनएम ने बताया कि यह बीसीजी का टीका है, जो कुछ दिनों पहले ही उन्होंने बच्चे दक्ष को लगाया गया था.

गर्भवती थी आरोपी महिला

आरोपी महिला सगो बाई के ससुर रूपसिंह नाग ने बताया कि महिला की शादी कर्रापारा में हुई थी. उसकी 2 बेटियां हैं. आरोपी महिला अपने पति को छोड़ कर ग्राम हाट छपाई में रह रही थी. 2 महीने से वह अपने मायके चिंगनार में थी. रूपसिंह ने यह भी बताया कि साल भर पहले मेरा छोटा बेट महिला को हमारे घर लेकर आया था. जिसके बाद वहीं से महिला अपने मायके के लिए रवाना हुई थी. महिला उस वक्त 6 माह की गर्भवती भी थी. रूपसिंह ने बताया कि 27 नवंबर को उन्हें छट्ठी कार्यक्रम में आने का आमंत्रण मिला था. मुझे स्थानीय लोगों से पता चला कि बच्चे का जन्म 17 नवंबर की रात हुआ है. बच्चा चोरी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.

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पुलिस की पूछताछ जारी

ससुर की माने तो मायके चिंगनार जाने से पहले महिला 6 माह की गर्भवती थी. लेकिन उसके बच्चे की कोई जानकारी नहीं है. वह सभी को दक्ष को अपना बच्चा बता रही है. ऐसे में पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसका बच्चा कहां है. महिला से पूछताछ की जा रही है. इधर अपने बच्चे को 12 दिन बाद दोबारा अपने पास देखकर परिवार काफी खुश है. परिवार ने पुलिस का धन्यावाद किया है.

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