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कोंडागांव: बिना इलाज दम तोड़ देते थे इस गांव के लोग, ITBP ने अपने कैंप में शुरू किया इलाज

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ITBP के जवान लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहे हैं. एमआई सेंटर खुलने की वजह से लोगों को न सिर्फ इलाज मिल रहा है बल्कि गांववालों और जवानों के बीच संबंध भी मजबूत होने लगे हैं.

ITBP starts treatment in Naxal area in kondagaon
देवदूत बने जवान
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Published : Feb 4, 2020, 12:09 AM IST

Updated : Feb 4, 2020, 7:08 AM IST

कोंडागांव: जिले के हड़ेली गांव के लोगों के लिए ITBP के जवान देवदूत से कम नहीं हैं. यहां नक्सली उपद्रव की वजह से सभी स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई थी. बीमार पड़ने पर लोगों को इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मयस्सर नहीं थी. ऐसे में ITBP की 41वीं बटालियन इन ग्रामीणों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आया.

देवदूत बने जवान

आईटीबीपी के जवान कैंप लगाकर गांव के लोगों का इलाज कर रहे हैं और दवाइयां मुहैया करा रहे हैं. ग्रामीण भी जवानों के साथ जुड़ने लगे हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं. गांववालों का कहना है कि कैंप की वजह से उनकी जान बच रही है, साथ ही बेहतर इलाज भी मिल रहा है.

मीलों दूर था अस्पताल

मर्दापाल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस गांव में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मीलों दूर चलकर दूसरे गांव तक जाना पड़ता था. कैंप के MI सेंटर के स्थापित होने से लोगों को किसी भी समय मेडिकल संबंधित सुविधाएं आसानी से मिल रही है.

ITBP को मिल रहा ग्रामीणों का सहयोग

ITBP के MI सेंटर में केवल जवानों के उपचार की सुविधाएं होती हैं. गांव में स्वास्थ्य सुविधा की हालत को देखते हुए ITBP कोंडागांव के कमांडेट ने कैंप के स्थापना के बाद से ही स्वास्थ्य सुविधा हड़ेली सहित आस-पास के 35 गांवों में देने का आदेश जारी किया. वर्तमान में इस सुविधा का लाभ सैकड़ों ग्रामीण ले रहे हैं. ITBP को इस काम के लिए ग्रामीणों का पूरा सहयोग भी मिल रहा है, जिसे देखते हुए कैंप स्वास्थ्य के साथ शिक्षा की भी सुविधा लोगों तक पहुंचा रहा है.

ग्रामीणों में जगी उम्मीद की किरण

नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में सुविधाएं नहीं होने से ग्रामीण बिना इलाज के जान गंवा रहे थे. बारिश के मौसम में हालत इतनी खराब हो जाती थी कि लोग नदी के उफान की वजह से अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते थे और वहीं दम तोड़ देते थे. ITBP का MI सेंटर ग्रामीणों के लिए एक वरदान बनकर सामने आया है. कैंप के स्थापित होने से ग्रामीणों और जवानों के बीच संबंध मजबूत होने लगे हैं और उम्मीद की किरण नजर आने लगी है.

कोंडागांव: जिले के हड़ेली गांव के लोगों के लिए ITBP के जवान देवदूत से कम नहीं हैं. यहां नक्सली उपद्रव की वजह से सभी स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई थी. बीमार पड़ने पर लोगों को इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मयस्सर नहीं थी. ऐसे में ITBP की 41वीं बटालियन इन ग्रामीणों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आया.

देवदूत बने जवान

आईटीबीपी के जवान कैंप लगाकर गांव के लोगों का इलाज कर रहे हैं और दवाइयां मुहैया करा रहे हैं. ग्रामीण भी जवानों के साथ जुड़ने लगे हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं. गांववालों का कहना है कि कैंप की वजह से उनकी जान बच रही है, साथ ही बेहतर इलाज भी मिल रहा है.

मीलों दूर था अस्पताल

मर्दापाल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस गांव में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मीलों दूर चलकर दूसरे गांव तक जाना पड़ता था. कैंप के MI सेंटर के स्थापित होने से लोगों को किसी भी समय मेडिकल संबंधित सुविधाएं आसानी से मिल रही है.

ITBP को मिल रहा ग्रामीणों का सहयोग

ITBP के MI सेंटर में केवल जवानों के उपचार की सुविधाएं होती हैं. गांव में स्वास्थ्य सुविधा की हालत को देखते हुए ITBP कोंडागांव के कमांडेट ने कैंप के स्थापना के बाद से ही स्वास्थ्य सुविधा हड़ेली सहित आस-पास के 35 गांवों में देने का आदेश जारी किया. वर्तमान में इस सुविधा का लाभ सैकड़ों ग्रामीण ले रहे हैं. ITBP को इस काम के लिए ग्रामीणों का पूरा सहयोग भी मिल रहा है, जिसे देखते हुए कैंप स्वास्थ्य के साथ शिक्षा की भी सुविधा लोगों तक पहुंचा रहा है.

ग्रामीणों में जगी उम्मीद की किरण

नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में सुविधाएं नहीं होने से ग्रामीण बिना इलाज के जान गंवा रहे थे. बारिश के मौसम में हालत इतनी खराब हो जाती थी कि लोग नदी के उफान की वजह से अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते थे और वहीं दम तोड़ देते थे. ITBP का MI सेंटर ग्रामीणों के लिए एक वरदान बनकर सामने आया है. कैंप के स्थापित होने से ग्रामीणों और जवानों के बीच संबंध मजबूत होने लगे हैं और उम्मीद की किरण नजर आने लगी है.

Intro:बीते दो दशकों से नक्सली उपद्रव की वजह से सिस्टम के उपेक्षा की मार झेल रहे हड़ेली में आईटीबीपी बटालियन के स्वास्थ्य सुविधाओं से कई लोगों की जान बचाई जा सकी है।
Body:मर्दापाल थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत हड़ेली और उसके साथ आसपास के 30 से 32 गांव जहां पर बीते दो दशकों से शासन-प्रशासन की पहुंच नहीं होने के कारण लोगों की जान पर आफत आ बनी थी पर आइटीबीपी 41 बटालियन के कैम्प की स्थापना के बाद से यहां पर लोगों में उम्मीद की किरण जागी , लोग अब लाल सलाम के दहशत से उबर कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ते हुए शांतिपूर्ण जीवन यापन कर रहे हैं ,इसमें आइटीबीपी के चिकित्सा सुविधा एमआई रूम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है , दूरस्थ अंचल होने के कारण और नक्सलियों के दहशत से यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई थी जिन पर आईटीबीपी ने स्थापना के बाद से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना शुरू किया हालांकि यहां आइटीबीपी की एमआई रूम में केवल जवानों के उपचार हेतु दवाइयां व सुविधाएं उपलब्ध होती हैं पर कमांडेंट आइटीबीपी कोंडागांव के निर्देशानुसार व आदेशानुसार आईटीबीपी के जवानों ने हड़ेली व आस-पास के 32 गांव में स्वास्थ्य सुविधा देना शुरू किया जिसका लाभ आज सैकड़ों ग्रामीणों को मिल रहा है और इससे उनकी जान भी बच रही है।

बाइट_बलदेव कोर्राम, ग्रामीण,
बाइट_सुमित्रा कोर्राम, ग्रामीण,
बाइट_सुलोचना कोर्राम, ग्रामीण,
बाइट_सुरेश यादव, अस्सिस्टेंट कमांडेंट, ITBP हड़ेली
पीटीसी_सुनील यादवConclusion:हालांकि आईटीबीपी का मूल कार्य नक्सलिस्म को क्षेत्र से खत्म करने का है, पर यह ग्रामीणों के सहयोग के बिना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था और जिसे देखते हुए आईटीबीपी ने स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में ग्रामीणों को लाभ देना शुरू किया ।
जिससे ग्रामीणों में लाल आतंक के प्रति भय कम होने लगा और नक्सलवाद का साया अब छटने लगा है।
नक्सलगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं न होने से ग्रामीण असमय ही काल के गाल में समाने लगे थे , बारिश के मौसम में हालत अत्यधिक दयनीय हो जाती थी पुल - पुलिये न होने और नदियों के उफान की वजह से कई जिंदगियां स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर न मिलने से दम तोड़ देतीं थी , पर अब आईटीबीपी के एम आई रूम से ग्रामीणों को लाभ मिला है।
Last Updated : Feb 4, 2020, 7:08 AM IST
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