कोंडागांव: छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में इंसेफेलाइटिस टीकाकरण को लेकर 5 पांच जिलों को चयनित किया है. इसमें कोंडागांव के केशकाल का भी नाम शामिल है. केशकाल में इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क ज्वर) जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा रहा है. इसी के तहत सोमवार को केशकाल के शासकीय कन्या स्कूल में टीकाकरण शिविर आयोजित किया गया. जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. डीके बिसेन की मौजूदगी में 1-15 वर्ष के बच्चों को टीका लगाया गया.
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टीकाकरण अधिकारी डॉ डीके बिसेन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाया गया था. जहां 1 से 15 वर्ष तक के बच्चों को इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए टीका लगाया गया. इस अभियान के तहत केशकाल विकासखंड में 24 हजार बच्चों को टीका लगाया जाएगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और स्वास्थ्य विभाग के कड़े निर्देश हैं, जिसके तहत बच्चों को टीका लगाया जा रहा है.
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जापानी बुखार एक खतरनाक बीमारी
बता दें कि जापानी बुखार एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है. इंसेफेलाइटिस की अधिकांश घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलती है. साथ ही शहरों में भी यह बीमारी धीरे-धीरे अपना पैर पसार रही है, जिसको लेकर 23 नवंबर से जिले में इंसेफेलाइटिस के टीकाकरण का शुभारंभ किया गया. यह अभियान 18 दिसंबर लगातार चलेगा.
23 नवंबर 18 दिसंबर तक चलेगा इंसेफेलाइटिस को लेकर वैक्सीनेशन अभियान
रोशन जमीर खान ने अभिभावकों से की अपील
वहीं केशकाल नगर पंचायत के अध्यक्ष रोशन जमीर खान ने बताया कि इंसेफेलाइटिस के टीकाकरण के लिए राज्य में से केवल 5 जिलों को चुना गया है, जिसमे से कोंडागांव जिला भी शामिल है. जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बिसेन के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है. साथ ही मैं क्षेत्र के समस्त अभिभावकों से अपील करता हूं कि जिनके घरों में 1 से 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से यह टिका लगवाएं. यह भविष्य में बच्चों की सेहत के लिए काफी लाभदायक साबित होगा.
टीकाकरण के लिए 5 जिलों में से कोंडागांव को भी मिला स्थान
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. डीके बिसेन ने बताया कि 23 नवंबर से कोंडागांव में इंसेफेलाइटिस का टीकाकरण किया जा रहा है. कोंडागांव जिले में 1 से 15 वर्ष तक कि उम्र वाले कुल 1 लाख 58 हजार बच्चों को टीका लगाया जाना है. इसके तहत 23 नवंबर से 18 दिसंबर तक जिले के प्रत्येक ब्लॉक के गांव-गांव में जाकर बच्चों को टीका लगाया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य अमला, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षकों के सहयोग से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है.
जापानी बुखार से बचाव संभव
विशेषज्ञ डॉक्टरों का मानना है कि जापानी बुखार के लक्षण लगभग चमकी जैसे ही है लेकिन ये उतना घातक नहीं है. इस पर पहले से ही डाइग्नोसिस हो चुका है और समय रहते इसका इलाज भी संभव है. वहीं चमकी बुखार पर अभी रिसर्च चल रहा है और अभी तक इस रोग का प्रामाणिक कारण सामने नहीं आया है.
जिला प्रशासन जापानी बुखार से बचने के लिए तमाम जरूरी उपायों को कर लेने का दावा भी कर रहा है. शहर के प्रमुख अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाने और संबंधित दवाइयों की व्यवस्था कर ली गई है.
जापानी बुखार के लक्षण
- अचानक तेज बुखार
- हाथ पैर में अकड़न
- बेहोश हो जाना
- शरीर में कंपन
- शुगर की कमी
बचने के उपाय-
- आम लोगों को चाहिए कि बच्चों को भूखा न रखें
- गंदगी और संक्रमण से बचें
- हल्का खाना खाएं
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
- दूषित खाने से परहेज करें
- अधिक से अधिक पानी का सेवन करें
- शुरुआती लक्षण में ही चिकित्सक से संपर्क करें