कोंडागांव : ग्राम पंचायत किबई बालेंगा के ग्राम वासियों ने विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया था. जिसमें गांव के विकास कार्यों और अन्य विषयों पर चर्चा की जानी थी. लेकिन जब ग्राम वासियों ने सचिव-सरपंच से बीते सत्रों में ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए विकास कार्यों का ब्यौरा मांगा तो सचिव-सरपंच हिसाब किताब देने से आनाकानी करने लगे और ग्राम पंचायत के पास किसी भी मद में किसी भी प्रकार की राशि उपलब्ध नहीं होने की बात कही. गोलमोल जवाब देने से ग्रामवासी भड़क गए और सचिव-सरपंच से सभी मदों के कैश बुक दिखाने को कहा. लेकिन सचिव-सरपंच उस पर भी टालमटोल करने लगे और कैश बुक जनपद पंचायत कोंडागांव में ऑडिट के लिए जमा है कहने लगे. जिस पर ग्राम सभा में उपस्थित जनपद सदस्य राम लाल सलाम ने जनपद सीईओ कोंडागांव से बात करता हूं कहने पर सचिव-सरपंच कैश बुक और दूसरे मदों की राशि का ब्यौरा दिखाने को राजी हुए.
मामले में नया मोड़ तो तब आया जब ग्राम वासियों ने विशेष ग्राम सभा में कैश बुक के पन्ने पलटे और लाखों रुपए के कार्य कराए जाने के बाद भी खाते में लाखों रुपए शेष बाकी जमा दिखा. जिससे ग्रामवासी भड़क गए और एक-एक करके सभी कार्यों का हिसाब-किताब सरपंच-सचिव से मांगने लगे. आयोजित विशेष ग्राम सभा में ग्राम वासियों का आक्रोश देख सरपंच और सचिव ने कराए गए कार्यों में लाखों रुपए के कमीशन खोरी की बात स्वीकार की. इतना ही नहीं उन्होंने विशेष ग्राम सभा की कार्यवाही में यह भी लिख कर दिया कि पूर्व में रहे सरपंच-सचिव ने भी यहां के कई विकास कार्यों में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार किया है.
ग्राम वासियों का कहना है कि अक्सर देखा गया है कि ग्राम पंचायतों के वित्तीय अनियमितता भ्रष्टाचार कमीशन खोरी मामले में विभागीय कार्रवाई के नाम पर सचिव को निलंबित कर खानापूर्ति कार्यवाई कर दी जाती है और कुछ दिनों बाद उसी सचिव को ग्राम पंचायतों के सचिव का प्रभार बनाकर बहाल कर दिया जाता है इसलिए गांव वालों ने विशेष ग्रामसभा किबई बालेंगा में एकमत होकर वर्तमान सरपंच-सचिव और पूर्व के सरपंच सचिव के खिलाफ पुलिस एसडीओपी से मिलकर सभी मामलों में एफ आई आर दर्ज करते हुए दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है. ताकि यह कार्रवाई सभी पंचायतों के लिए एक मिसाल बने और ग्राम पंचायतों के विकास के लिए आवंटित मदों का किसी भी सरपंच-सचिव द्वारा दुरुपयोग ना हो.