कोंडागांव: भारतीय जनता पार्टी की पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार आ रहे आंधी-तूफान की वजह से किसानों की लगाई हुई सब्जियां और मक्के की फसल खराब हो गई है, जिसे लेकर शासन-प्रशासन ने चुप्पी साध ली है. पूर्व मंत्री ने बताया कि मक्के की बंपर पैदावार जिले में हो रही है, लेकिन सरकारी दाम पर इसकी खरीदी नहीं होने की वजह से सभी किसान न्यूनतम दर पर लोकल व्यापारियों को मक्का बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं. जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल रही है.
लता उसेंडी ने कहा कि जिले में इमली की भरपूर मात्रा में तोड़ाई के बाद वन विभाग समूहों के माध्यम से इमली की खरीदी कर रहा है. इसमें भी भारी अनिमियता देखी जा रही है. इस वजह से लोगों को इमली का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन की तरफ से इसकी जांच होनी चाहिए. इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार मनरेगा में बहुत वाहवाही लूट रही है, जबकि इसके विपरीत कोंडागांव जिले में अलग मामले आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ज्यादातर जगहों पर मनरेगा का काम मशीनों की मदद से किया जा रहा है, जिसकी जांच गंभीरता से होनी चाहिए.
शिल्पियों के लिए जताई चिंता
पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि कला की कोई कीमत नहीं होती है. कोंडागांव जिला शिल्प कला के लिए देश-विदेश में प्रख्यात है. आज शिल्पियों के कई परिवार कोंडागांव में रहते हैं, जिनके पास आजीविका का और कोई साधन नहीं है. जिनके सामान देश-विदेश में बहुत जाते हैं, लेकिन सभी जगह लॉकडाउन की वजह से लंबे समय तक उनके कार्य प्रभावित रहेंगे. इस वजह से प्रशासन को शिल्पियों के रोजगार को लेकर चिंतन करना चाहिए.