कोंडगांव: जिले के माकड़ी ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम बालोंड में डीएड और बीएड प्रशिक्षित युवाओं ने बैठक का आयोजन किया. इस चर्चा का मुख्य विषय विद्या मितान और अतिथि शिक्षक भर्ती परिक्रिया में जिला स्तरीय डीएड,बीएड प्रशिक्षित युवाओं को प्राथमिकता दिया जाना था. डीएड और बीएड संघ के अध्यक्ष बलीचंद मरकाम ने कहा कि शासन डीएड और बीएड का प्रशिक्षण देती है लेकिन प्रशिक्षण के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. जबकि राजस्व और स्वास्थ्य विभाग में प्रशिक्षण के बाद रोजगार दिया जाता है.
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डीएड और बीएड प्रशिक्षित युवाओं ने कहा कि सरकार को अभी वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति अधिनियम 2020 के तहत शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय प्रशिक्षित बेरोजगारों को ही प्राथमिकता देना चाहिए. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में TET में छूट दी जाए. 2 साल पहले की प्रक्रिया में नॉन डीएड, बीएड प्रशिक्षित युवाओं को शिक्षण कार्य में लिया गया है,जो शिक्षित है उन युवाओं के साथ ऐसा करना धोखा है. बलीचंद मरकाम ने कहा कि शासन ने स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित को छोड़ कर गैर-प्रशिक्षित लोगों को शिक्षण कार्य में लिया गया है. वर्तमान में कोंडागांव जिला में ट्यूटर शिक्षक भर्ती किया गया है, जिनमें 100 में से 10 फीसदी ही प्रशिक्षित हैं. शासन ने 2010-11 से 2020 तक सिर्फ विज्ञान और गणित शिक्षक की भर्ती कराती रही है, इससे तो कला संकाय के युवाओं को विषय के नाम पर धोखा दिया जा रहा है.
कला संकाय वालों से हो रहा धोखा
बलीचंद मरकाम ने कहा कि आज से पहले भी रमन शासन के समय भी कला समूह के अभ्यर्थियों को धोखा में रखा गया और वर्तमान शासन मे भूपेश सरकार भी सिर्फ विज्ञान और गणित की भर्ती करती है और कला समूह वालों की तरफ शासन ध्यान नहीं दे रही.अगर शासन कला समूह की भर्ती नहीं करती है तो कला समूह को बंद कर देना चाहिए. कला समूह में अंग्रेजी माध्यम बना कर शासन प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं से खिलवाड़ कर रही है,साथ ही हिंदी माध्यम वाले प्रशिक्षित बेरोजगार फिर कहा जाएंगे.
शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने के पश्चात फिर से 5 बार परीक्षा देनी पड़ती है परीक्षा-
- डीएड /बीएड में प्रवेश के लिए व्यापम की परीक्षा
- डीएड/बीएड पास करने के लिए दो बार परीक्षा
- बीएड पास करने के लिए 4 बार (सेमेस्टर) परीक्षा
- टीईटी की परीक्षा में व्यापम की ओर से इंटरव्यू