कोंडागांव : बीजेपी के प्रदेश सहप्रभारी नितिन नबीन ने लोकसभा विस्तार योजना के अंतर्गत अपनी बात रखी. नितिन नवीन के मुताबिक ''चिह्नाकित लोकसभा क्षेत्रों में जहां पिछली बार हम मजबूती से प्रदर्शन नहीं कर पाए थे .इन सब चीजों की बारीकियों को हम अपनी कमियों से भी सीखते हैं. इन सब विषयों को ध्यान में रखते हुए संगठन की दृष्टि से बस्तर लोकसभा का एक बड़ा कार्यक्रम राष्ट्रीय अध्यक्ष की उपस्थिति में होने जा रहा है. पिछले 4 वर्षों में निश्चित रूप से बस्तर के विषयों को लेकर बस्तर की जो समस्याएं रही हैं. यहां के विकास की स्थिति समाप्ति की ओर बन गई है.''
मोहन मरकाम बीजेपी का तंज : नितिन नवीन ने कहा कि ''यहां से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी आते हैं. वैसा जिला जहां से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आते हो और वहां विकास की स्थिति शून्य है. इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है. जहां तक मेरी जानकारी है. प्रदेश अध्यक्ष को तो खुद यहां का BDO, CEO और यहां तक की यहां का इंस्पेक्टर तक नहीं सुनता है. पहले तो भूपेश बघेल ने टीएस सिंहदेव को निपटाया. अब मोहन मरकाम को निपटाने की तैयारी कर रहे हैं. भूपेश बघेल अपने आपको स्वयंभू बनाने में लगे हुए हैं. इस रस्साकशी में बस्तर की जनता की जो विकास की योजनाएं हैं वह ठप हो गई हैं.
बीजेपी बताएगी करप्शन का पैमाना : बस्तर लोकसभा का एक बड़ा रैली आयोजन 11 फरवरी को रखा गया है. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सारे विषयों को लेकर साथ ही केंद्र की बड़ी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना की जो राशि आई उसको छीन कर कांग्रेसी नेता अपने बंगले बना रहे. तो निश्चित रूप से यह सारे मुद्दे होंगे.जो विकास की योजनाएं थी जो निचले हिस्से तक जानी चाहिए थी वह सारी योजनाएं ठप हैं. डेवलपमेंट की योजनाएं हैं. जो नगर निगम से लेकर पंचायत तक होनी चाहिए वह सारी योजनाएं केवल और केवल करप्शन पर ही चल रही है.
आरक्षण के मुद्दे पर गुमराह करने का आरोप : आरक्षण के मुद्दे को लेकर नितिन नवीन ने कहा कि '' एक ओर जब नान घोटाले और सीडी कांड को लेकर कांग्रेसी करोड़ों के वकील खड़े कर सकते हैं.दिल्ली में उन्होंने बड़े-बड़े वकील खड़े कर दिए तो फिर आरक्षण के मुद्दे को लेकर उन्होंने कोई बड़ा वकील क्यों खड़ा नहीं किया. उन्होंने इस मुद्दे को ऐसे ही क्यों जाने दिया. कांग्रेसियों की शुरू से ही मंशा थी कि आरक्षण के विषय को खत्म किया जाए वह एक कहावत है ना कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं. वही है भूपेश सरकार, बोलती कुछ है और करती कुछ और है. एसटी एससी ओबीसी वर्ग के आरक्षण का चोला पहनकर समाज को प्रताड़ित किया है. जिन लोगों ने कोर्ट में आरक्षण के मुद्दे को लेकर याचिका लगाया था. उन लोगों को पुरस्कृत कर रही है कांग्रेस सरकार. और यह सब जनता देख रही है. जो क्षद्मयुद्ध कांग्रेस लड़ रही है और लोगों को गुमराह कर रही है जनता जरूर इसका जवाब देगी, आरक्षण के विषय पर कांग्रेस का जो दोहरा चरित्र है वह जनता से नहीं छिपा हुआ है, आने वाले समय में जनता इसका जवाब जरुर देगी.''
धर्मांतरण पर भी कांग्रेस को घेरा : इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता ओपी चौधरी ने कहा कि ''डीलिस्टिंग के लिए एक बड़ा अभियान अनेक सामाजिक संगठनों ने चलाया है. निश्चित रूप से भारत के संविधान के अंतर्गत लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए. जो लोग धर्म परिवर्तन करते हैं उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. धर्मांतरण या मतान्तरण हमारे देश को राष्ट्रॉन्तरण की ओर ले जाता है और आप सब देखते हैं कि कांग्रेस अपने छोटे राजनीतिक स्वार्थों के लिए मतान्तरण को बढ़ावा दे रही है. नारायणपुर की घटना में हमने देखा कि सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक सलाम की पगड़ी को उछाला गया. आदिवासी समाज का अपमान किया गया. उसका भी बदला आदिवासी समाज पूरे बस्तर में और पूरे छत्तीसगढ़ में जरूर लेगी.''
ये भी पढ़ें- कांग्रेस ने की अडाणी पर लगे आरोपों की जांच की मांग
आरक्षण के नाम पर कांग्रेस ने ठगा : भारतीय जनता पार्टी ने 2012 में आरक्षण का नया बिल लाकर आदिवासी भाइयों को 20% आरक्षण बढ़ाकर 32% किया. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस पहले ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने की बात कर कर रहे थे. लेकिन याचिका लगाने वाले कुणाल शुक्ला को कबीर शोध पीठ का अध्यक्ष बना कर सम्मानित किया. आदिवासी भाइयों के 32% आरक्षण का विरोध करने के लिए जिस पिटीशन को लगाया गया था. उसके पी खांडे को एससी कमिशन का चेयरमैन बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर पुरस्कृत करने का पाप कांग्रेस ने किया है.हर वर्ग के लिए आरक्षण के नाम पर धोखा देने का काम कांग्रेस ने किया है. आज पूरे प्रदेश में आरक्षण शून्यता की स्थिति में है.सारी भर्तियां ठप है, सारे प्रमोशन ठप हैं. उसके कारण समाज का हर वर्ग चाहे वह ओबीसी हो एसटी-एससी या जनरल हो सब प्रताड़ित है.