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कोंडागांव के जंगलों में एक-दो नहीं 65 'शेरनियों' ने संभाल रखी है कमान - महिला फॉरेस्ट कर्मी कोंडागांव

फिल्म शेरनी (FILM SHERNI) में विद्या बालन ने एक जुझारू और संजीदा फॉरेस्‍ट अफसर का रोल निभाया है. गांव और जंगल के बीच उस किरदार के सामने कई चुनौतियां हैं. न‍िजी जिंदगी में वह परेशानियों से जूझ रही है. इस फिल्म की काफी सराहना की जा रही है. इसी तारीफ के काबिल हैं घने जंगलों में चुनौतियों से लोहा लेने वाली रियल लाइफ शेरनियां. ETV भारत पर मिलिए कोंडागांव की उन महिला वनकर्मियों से जो जंगल में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं.

women forest worker in kondagaon
महिला फॉरेस्ट कर्मी कोंडागांव
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Published : Jun 24, 2021, 11:01 PM IST

कोंडागांव: हाल ही में आई फिल्म शेरनी (FILM SHERNI) ने बड़ी तारीफ बटोरी है. अभिनेत्री विद्या बालन ने इस फिल्म में फॉरेस्ट ऑफिसर का किरदार निभाया है. ऐसी अफसर जो अपने काम के लिए बहुत डेडीकेटेड है. छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी रियल लाइफ शेरनियों ने बड़ी जिम्मेदारी संभाल रखी है. कोंडागांव जिले (forest in kondagaon) में वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी 65 महिला वनकर्मियों के पास है, जिसे वे बखूबी संभाल रही हैं. आइए ETV भारत पर मिलिए यहां की शेरनियों से.

कोंडागांव के जंगलों में एक-दो नहीं 65 शेरनियां

महिला कर्मचारियों को वनों की सुरक्षा कमान

कोंडागांव जिले का वन क्षेत्र करीब 5000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. जिसमें दुर्लभ वृक्षों के साथ-साथ वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं. कोंडागांव वन मंडल और केशकाल वन मंडल के क्षेत्रों की विशेषता है कि यहां पर साल के वृक्ष बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. इन साल के वृक्षों के कारण ही कोंडागांव जिले का वन क्षेत्र विख्यात है. जिले के वन क्षेत्रों में वन संसाधनों और वन्य प्राणियों को सहेजने, संवारने और सुरक्षा की जिम्मेदारी वन परिक्षेत्र अधिकारी के साथ-साथ वनपाल और वन रक्षकों की होती है. हालांकि फील्ड पर रहने के दौरान वनकर्मियों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है. जिससे वन संसाधन और वन्य प्राणी सुरक्षित रहें. उत्तर वन मंडल केशकाल और दक्षिण वन मंडल कोंडागांव के स्टाफ की एक विशेषता है कि यहां पर वन संसाधनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा की कमान महिला वनकर्मियों के पास है. एक बहुत अहम हिस्से में महिला कर्मचारियों की धमक से यहां के जंगलों की सुरक्षा होती है.

women proect forest and wildlife in kondagaon
फील्ड पर महिला वन कर्मी

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38 महिला कर्मियों के जिम्मे में वनों की सुरक्षा

कोंडागांव और केशकाल वन मंडलों में पुरुष स्टाफ के साथ-साथ महिला स्टाफ भी कंधे से कंधा मिलाकर वन संसाधन और वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए जुटी हुई हैं. दक्षिण वन मंडल कोंडागांव और उत्तर वन मंडल केशकाल में कुल 65 महिला वनकर्मी कार्यरत हैं. जिसमें 38 महिला वनकर्मी फील्ड पर अपनी बेहतर सेवाएं दे रही हैं.

women proect forest and wildlife in kondagaon
फील्ड पर महिला वन कर्मी

दक्षिण वन मंडल, कोंडागांव में कार्यरत महिला वनकर्मी

पद संख्या
वन पाल12
वन रक्षक 16
लिपिक 6
चतुर्थ वर्ग 8

उत्तर वन मंडल, कोंडागांव में कार्यरत महिला वनकर्मी

पद संख्या
वन पाल5
वन रक्षक 5
लिपिक 9
चतुर्थ वर्ग 4

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घर से साथ वनों की रक्षा की जिम्मेदारी

महिला वन कर्मचारी पुरुष वन कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं. इस दौरान उन्हें जंगलों में बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. घर की जिम्मेदारियों के साथ वे वन संसाधन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा बेहतर तरीके से कर रही हैं. वनपाल अनीता मरकाम बताती हैं कि वे पहले पुलिस विभाग में कार्यरत थीं, लेकिन उनकी रुचि वनों में थी इसलिए वे वनपाल बनीं. अनीता ने बताया कि उन्हें अच्छा लगता है कि वे जंगलों की सुरक्षा कर रही हैं और प्रकृति से जुड़ी हुई हैं. उनके सामने वन क्षेत्रों में ग्रामीणों की ओर से किए जा रहे अतिक्रमण को लेकर बड़ी चुनौती है. जिसे वह ग्रामीणों से सामंजस्य स्थापित कर उन्हें समझाते हुए वन क्षेत्रों के भू-भाग को अतिक्रमण से मुक्त कराती हैं.

women proect forest and wildlife in kondagaon
फील्ड पर महिला वन कर्मी

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'वन संपदा और वन्य प्राणियों की सुरक्षा करना अच्छा लगता है'

वनपाल अलका नाग बताती हैं कि वन विभाग में उनकी नौकरी शादी के बाद लगी है. वे गृहस्थी के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन कर रही हैं. वन संपदा की सुरक्षा के साथ-साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा करना उन्हें अच्छा लगता है. इसके लिए वह लगातार फील्ड पर रहते हुए ग्रामीणों को वन क्षेत्रों की सुरक्षा करने के लिए प्रेरित भी करती हैं. वन रक्षक दीपिका कोर्राम बताती हैं कि वे लगातार फील्ड पर रहकर वन संसाधनों को सहेजने, संवारने और सुरक्षा देने में जुटी रहती हैं.

women proect forest and wildlife in kondagaon
फील्ड पर महिला वन कर्मी

हर परिस्थिति से निपटने को तैयार महिला वनकर्मी

वन मंडल अधिकारी उत्तम गुप्ता ने बताया कि सामने सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण को लेकर होती है. जब वन के किसी भू-भाग पर अतिक्रमण होता है तो सबसे पहले ग्रामीण महिलाएं ही सामने आकर विरोध करती हैं, जिससे निपटने के लिए महिला वनकर्मी तैयार रहती हैं. उन्होंने बताया कि वन संपदा को बचाने और सुरक्षा देने का कार्य महिला वनकर्मी करती हैं जो काबिले तारीफ है.

कोंडागांव: हाल ही में आई फिल्म शेरनी (FILM SHERNI) ने बड़ी तारीफ बटोरी है. अभिनेत्री विद्या बालन ने इस फिल्म में फॉरेस्ट ऑफिसर का किरदार निभाया है. ऐसी अफसर जो अपने काम के लिए बहुत डेडीकेटेड है. छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी रियल लाइफ शेरनियों ने बड़ी जिम्मेदारी संभाल रखी है. कोंडागांव जिले (forest in kondagaon) में वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी 65 महिला वनकर्मियों के पास है, जिसे वे बखूबी संभाल रही हैं. आइए ETV भारत पर मिलिए यहां की शेरनियों से.

कोंडागांव के जंगलों में एक-दो नहीं 65 शेरनियां

महिला कर्मचारियों को वनों की सुरक्षा कमान

कोंडागांव जिले का वन क्षेत्र करीब 5000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. जिसमें दुर्लभ वृक्षों के साथ-साथ वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं. कोंडागांव वन मंडल और केशकाल वन मंडल के क्षेत्रों की विशेषता है कि यहां पर साल के वृक्ष बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. इन साल के वृक्षों के कारण ही कोंडागांव जिले का वन क्षेत्र विख्यात है. जिले के वन क्षेत्रों में वन संसाधनों और वन्य प्राणियों को सहेजने, संवारने और सुरक्षा की जिम्मेदारी वन परिक्षेत्र अधिकारी के साथ-साथ वनपाल और वन रक्षकों की होती है. हालांकि फील्ड पर रहने के दौरान वनकर्मियों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है. जिससे वन संसाधन और वन्य प्राणी सुरक्षित रहें. उत्तर वन मंडल केशकाल और दक्षिण वन मंडल कोंडागांव के स्टाफ की एक विशेषता है कि यहां पर वन संसाधनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा की कमान महिला वनकर्मियों के पास है. एक बहुत अहम हिस्से में महिला कर्मचारियों की धमक से यहां के जंगलों की सुरक्षा होती है.

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फील्ड पर महिला वन कर्मी

गणेश हाथी से लेकर खतरनाक भालू को काबू में करने तक, कोरबा की 'SHERNI' ने सुनाई हिम्मत की कहानी

38 महिला कर्मियों के जिम्मे में वनों की सुरक्षा

कोंडागांव और केशकाल वन मंडलों में पुरुष स्टाफ के साथ-साथ महिला स्टाफ भी कंधे से कंधा मिलाकर वन संसाधन और वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए जुटी हुई हैं. दक्षिण वन मंडल कोंडागांव और उत्तर वन मंडल केशकाल में कुल 65 महिला वनकर्मी कार्यरत हैं. जिसमें 38 महिला वनकर्मी फील्ड पर अपनी बेहतर सेवाएं दे रही हैं.

women proect forest and wildlife in kondagaon
फील्ड पर महिला वन कर्मी

दक्षिण वन मंडल, कोंडागांव में कार्यरत महिला वनकर्मी

पद संख्या
वन पाल12
वन रक्षक 16
लिपिक 6
चतुर्थ वर्ग 8

उत्तर वन मंडल, कोंडागांव में कार्यरत महिला वनकर्मी

पद संख्या
वन पाल5
वन रक्षक 5
लिपिक 9
चतुर्थ वर्ग 4

SPECIAL: दंतेश्वरी और बस्तर फाइटर्स 'लाल आतंक' का करेंगे खात्मा !

घर से साथ वनों की रक्षा की जिम्मेदारी

महिला वन कर्मचारी पुरुष वन कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं. इस दौरान उन्हें जंगलों में बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. घर की जिम्मेदारियों के साथ वे वन संसाधन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा बेहतर तरीके से कर रही हैं. वनपाल अनीता मरकाम बताती हैं कि वे पहले पुलिस विभाग में कार्यरत थीं, लेकिन उनकी रुचि वनों में थी इसलिए वे वनपाल बनीं. अनीता ने बताया कि उन्हें अच्छा लगता है कि वे जंगलों की सुरक्षा कर रही हैं और प्रकृति से जुड़ी हुई हैं. उनके सामने वन क्षेत्रों में ग्रामीणों की ओर से किए जा रहे अतिक्रमण को लेकर बड़ी चुनौती है. जिसे वह ग्रामीणों से सामंजस्य स्थापित कर उन्हें समझाते हुए वन क्षेत्रों के भू-भाग को अतिक्रमण से मुक्त कराती हैं.

women proect forest and wildlife in kondagaon
फील्ड पर महिला वन कर्मी

CRPF कोबरा बटालियन में जल्द होगी महिला कमांडो की तैनाती

'वन संपदा और वन्य प्राणियों की सुरक्षा करना अच्छा लगता है'

वनपाल अलका नाग बताती हैं कि वन विभाग में उनकी नौकरी शादी के बाद लगी है. वे गृहस्थी के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन कर रही हैं. वन संपदा की सुरक्षा के साथ-साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा करना उन्हें अच्छा लगता है. इसके लिए वह लगातार फील्ड पर रहते हुए ग्रामीणों को वन क्षेत्रों की सुरक्षा करने के लिए प्रेरित भी करती हैं. वन रक्षक दीपिका कोर्राम बताती हैं कि वे लगातार फील्ड पर रहकर वन संसाधनों को सहेजने, संवारने और सुरक्षा देने में जुटी रहती हैं.

women proect forest and wildlife in kondagaon
फील्ड पर महिला वन कर्मी

हर परिस्थिति से निपटने को तैयार महिला वनकर्मी

वन मंडल अधिकारी उत्तम गुप्ता ने बताया कि सामने सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण को लेकर होती है. जब वन के किसी भू-भाग पर अतिक्रमण होता है तो सबसे पहले ग्रामीण महिलाएं ही सामने आकर विरोध करती हैं, जिससे निपटने के लिए महिला वनकर्मी तैयार रहती हैं. उन्होंने बताया कि वन संपदा को बचाने और सुरक्षा देने का कार्य महिला वनकर्मी करती हैं जो काबिले तारीफ है.

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