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लघु वनोपज खरीदी से महिला स्व-सहायता समूहों को हो रहा फायदा

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई प्रयास किए हैं. महिला स्व रोजगार सहायता से महिलाएं आत्म निर्भर हो रही है. सीएम भूपेश ने कामों की सराहना की है.

Women are becoming self-sufficient with the sale of minor forest produce IN KANKER
कांकेर
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Published : Dec 28, 2020, 6:58 PM IST

कांकेर: जिले की महिलाओं और ग्रामीणों को सशक्त बनाने में लघु वनोपज फायदेमंद साबित हो रहा है. इस व्यवस्था से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं. साथ ही संग्राहकों को भी फायदा मिल रहा है. ग्रामीणों को जीवन-यापन के लिए भी सहारा मिल रहा है.

Women are becoming self-sufficient with the sale of minor forest produce IN KANKER
स्व-सहायता समूहों को मिला रोजगार

लघु वनोपज से 9 हजार 131 क्विंटल 84 किलोग्राम खरीदी की गई. कांकेर वनमंडल के 11 हजार 296 लघु वनोपज संग्राहकों को 01 करोड़ 95 लाख 14 हजार 138 रुपये का भुगतान किया गया. इस व्यवस्था से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं. उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.

पढ़ें : बारदाने की कमी पर केंद्र सरकार से बात कर सकते हैं CM बघेल

4 लाख 93 हजार रुपये की आमदनी
वर्तमान में हर्रा, चरोटाबीज, आंवला, बेहड़ा, हर्रा-कचरिया, लाख, बेहड़ा कचरिया आदि का संग्रहण सीजन चालू है. पूर्व में खरीदे गये वनोपज को निर्धारित गोदाम में भंडारित कर उसे बेचा जाता है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस काम की तारीफ की है. ग्रामीणों को महुआ लड्डू बेचकर 4 लाख 93 हजार रुपये की आमदनी मिली है.

कांकेर: जिले की महिलाओं और ग्रामीणों को सशक्त बनाने में लघु वनोपज फायदेमंद साबित हो रहा है. इस व्यवस्था से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं. साथ ही संग्राहकों को भी फायदा मिल रहा है. ग्रामीणों को जीवन-यापन के लिए भी सहारा मिल रहा है.

Women are becoming self-sufficient with the sale of minor forest produce IN KANKER
स्व-सहायता समूहों को मिला रोजगार

लघु वनोपज से 9 हजार 131 क्विंटल 84 किलोग्राम खरीदी की गई. कांकेर वनमंडल के 11 हजार 296 लघु वनोपज संग्राहकों को 01 करोड़ 95 लाख 14 हजार 138 रुपये का भुगतान किया गया. इस व्यवस्था से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं. उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.

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4 लाख 93 हजार रुपये की आमदनी
वर्तमान में हर्रा, चरोटाबीज, आंवला, बेहड़ा, हर्रा-कचरिया, लाख, बेहड़ा कचरिया आदि का संग्रहण सीजन चालू है. पूर्व में खरीदे गये वनोपज को निर्धारित गोदाम में भंडारित कर उसे बेचा जाता है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस काम की तारीफ की है. ग्रामीणों को महुआ लड्डू बेचकर 4 लाख 93 हजार रुपये की आमदनी मिली है.

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