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पुलिसवालों की पत्नियों ने संभाली कमान, नौनिहालों को दे रहीं अक्षर ज्ञान

पुलिस विभाग की नेक पहल ने बच्चों की जिंदगी में रोशनी भर दी है. एक तरफ जहां पुलिस जवान भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नियां भविष्य संवारने का काम कर रही हैं.

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Published : Aug 9, 2019, 11:35 PM IST

Updated : Aug 10, 2019, 3:29 PM IST

पुलिसवालों की पत्नियों ने संभाली कमान

कांकेर: ग्राम पंचायत सिंगारभाट में मौजूद रक्षित केंद्र के पास पुलिस के जवानों के रहने के लिए एक कॉलोनी बनाई गई है. शहर के दूर होने पर कॉलोनी में रहने वाले पुलिसवालों के बच्चों को कोचिंग देने के लिए शिक्षक नहीं मिल पा रहे थे. जब इस बात की जानकारी पुलिस अधिकारियों की पत्नियों को हुई, तो उन्होंने बिना देर दिए इन नौनिहालों की कोचिंग का जिम्मा अपने सिर ले लिया.

पुलिसवालों की पत्नियों ने संभाली कमान

खुश हैं कोचिंग पढ़ने वाले बच्चे
कोचिंग पढ़ाने के लिए टीचर तो मिल गए थे, लेकिन सबसे बड़ी समस्या इस बात की थी कि इतने सारे बच्चों को पढ़ाने के लिए जगह का इंतजाम कैसे होगा. जवानों ने दिक्कत से रक्षित केंद्र प्रभारी मोसिन खान को अवगत कराया, जिसके बाद उन्होंने मामले को लेकर एसपी गोवर्धन ठाकुर से बात की. अपने साथी और उनकी पत्नियों के नेक इरादे को देखते हुए. पुलिस जवानों के बने ट्रेनिंग सेंटर को कोचिंग क्लास के लिए उपलब्ध करा दिया. कोचिंग मिलने से यहां पढ़ने वाले बच्चे भी खासे खुश नजर आ रहे हैं.

सिखाई जाती है पेटिंग और रंगोली
यहां पुलिस अफसरों की पत्नियों की ओर से बच्चों को पढ़ाई की कोचिंग देने के साथ-साथ पेंटिंग, रंगोली, खेल-कूद की प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं, ताकि बच्चों पर पड़ने वाले पढ़ाई के बोझ को कम किया जा सके. पुलिस कॉलोनी में कुल 150 पुलिस परिवार रह रहे हैं. एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि जिला मुख्यालय से दूर होने की वजह से पुलिसवालों के बच्चों को कोचिंग पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं मिल पा रहे थे, ऐसे में पुलिसकर्मियों की पत्नियों ने पहल की.

नेक सोच को सलाम
पुलिसवालों की पत्नियों की नेक सोच को सलाम. यकीकन पुलिस जवानों की पत्नियों की यह सोच जवानों के बच्चों के जीवन में उजाले की किरण लाने में एक मील का पत्थर साबित होगी.

कांकेर: ग्राम पंचायत सिंगारभाट में मौजूद रक्षित केंद्र के पास पुलिस के जवानों के रहने के लिए एक कॉलोनी बनाई गई है. शहर के दूर होने पर कॉलोनी में रहने वाले पुलिसवालों के बच्चों को कोचिंग देने के लिए शिक्षक नहीं मिल पा रहे थे. जब इस बात की जानकारी पुलिस अधिकारियों की पत्नियों को हुई, तो उन्होंने बिना देर दिए इन नौनिहालों की कोचिंग का जिम्मा अपने सिर ले लिया.

पुलिसवालों की पत्नियों ने संभाली कमान

खुश हैं कोचिंग पढ़ने वाले बच्चे
कोचिंग पढ़ाने के लिए टीचर तो मिल गए थे, लेकिन सबसे बड़ी समस्या इस बात की थी कि इतने सारे बच्चों को पढ़ाने के लिए जगह का इंतजाम कैसे होगा. जवानों ने दिक्कत से रक्षित केंद्र प्रभारी मोसिन खान को अवगत कराया, जिसके बाद उन्होंने मामले को लेकर एसपी गोवर्धन ठाकुर से बात की. अपने साथी और उनकी पत्नियों के नेक इरादे को देखते हुए. पुलिस जवानों के बने ट्रेनिंग सेंटर को कोचिंग क्लास के लिए उपलब्ध करा दिया. कोचिंग मिलने से यहां पढ़ने वाले बच्चे भी खासे खुश नजर आ रहे हैं.

सिखाई जाती है पेटिंग और रंगोली
यहां पुलिस अफसरों की पत्नियों की ओर से बच्चों को पढ़ाई की कोचिंग देने के साथ-साथ पेंटिंग, रंगोली, खेल-कूद की प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं, ताकि बच्चों पर पड़ने वाले पढ़ाई के बोझ को कम किया जा सके. पुलिस कॉलोनी में कुल 150 पुलिस परिवार रह रहे हैं. एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि जिला मुख्यालय से दूर होने की वजह से पुलिसवालों के बच्चों को कोचिंग पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं मिल पा रहे थे, ऐसे में पुलिसकर्मियों की पत्नियों ने पहल की.

नेक सोच को सलाम
पुलिसवालों की पत्नियों की नेक सोच को सलाम. यकीकन पुलिस जवानों की पत्नियों की यह सोच जवानों के बच्चों के जीवन में उजाले की किरण लाने में एक मील का पत्थर साबित होगी.

Intro:कांकेर -पुलिस विभाग के जवानों के लिए ग्राम पंचायत सिंगारभाट में नए रक्षित केंद्र के पास कालोनी बनाई गई है , जो कि शहर से थोड़ी दूरी पर है जिससे यहां रहने वाले जवानों के बच्चो को कोचिंग के लिए शिक्षक नही मिल रहे थे , जिसके चलते बच्चो की पढाई प्रभावित हो रही थी , इसकी जानकारी होंने पर अब पुलिस अफसरो की पत्नियों ने बच्चो की पढाई का जिम्मा उठाया है ।


Body:शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नये पुलिस कालोनी में पुलिस अधिकरियो और जवानों का परिवार रहता है , यहां जवानों के बच्चो को कोचिंग के लिए शिक्षक नही मिल रहे थे , इस बात की जानकारी जब पुलिस अधिकरियो की पत्नियों को हुई तो उन्होंने बच्चो को फ्री कोचिंग देने की सोची , लेकिन इतने सारे बच्चो को एक साथ कोचिंग देने के लिए जगह की कमी थी , इस बात से रक्षित केंद्र प्रभारी मोसिन खान को अवगत करवाया जिसके बाद बात एएसपी कीर्तन राठौर तक पहुची तो उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक गोवर्धन ठाकुर से चर्चा कर रक्षित केंद्र के ट्रेनिंग हाल को कोचिंग क्लास के लिए उपलब्ध करवा दिया । अब यहां पुलिस जवानों की ट्रेनिंग के साथ साथ बच्चो की कोचिंग क्लास भी संचालित हो रही है , अफसरों की पत्नियों ने जिस तरह से जवानों के बच्चो के भविष्य सवारने का बीड़ा उठाया उसकी तारीफ हर तरफ हो रही है।

कोचिंग के साथ अन्य गतिविधियां भी
यहां बच्चो को कोचिंग के साथ साथ अन्य तरह के गतिविधियों में भी दुरस्त करने अफसरों की पत्नियां जुटी हुई है , हफ्ते में एक दिन पढाई के साथ पेंटिंग , रंगोली , खेल कूद की प्रतियोगिता भी करवाई जा रही है , जिससे बच्चो का मन पढाई के बोझ के साथ थोड़ा बहल भी जाए ।

40 बच्चो को मिल रहा लाभ
रक्षित केंद्र प्रभारी मोसिन खान की पत्नी आसमा खान ने बताया कि यहां अभी 40 बच्चे पढ़ने आ रहे है , जिसमें पहेली से लेकर सातवी तक के बच्चे शामिल है । उन्होंने बताया कि कुछ बच्चे उनके घर मे पढ़ने आते थे जिसके बाद उन्होंने मन बनाया की क्यों ना बच्चो को एक साथ कोचिंग दी जाए , जिसके बाद पुलिस अधिकरियो की मदद से अपने साथियों के साथ वो बच्चो को फ्री कोचिंग दे रही है ।


Conclusion:150 परिवार निवासरत

नवनिर्मित पुलिस कालोनी में अभी 150 पुलिस परिवार निवासरत है , एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि दूरी के कारण बच्चो को कोचिंग शिक्षक नही मिल रहे थे , जिस पर अधिकरियो की पत्नियों ने कोचिंग देने की पहल की थी, एसपी के निर्देश पर रक्षित केंद्र भवन उपलब्ध करवाकर इस नेक पहल की शुरुवात की गई है।


बाइट- आसमा खान कोचिंग शिक्षिका

बच्चे

कीर्तन राठौर एएसपी कांकेर
Last Updated : Aug 10, 2019, 3:29 PM IST
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