कांकेर: कोरोना संक्रमण की वजह से बाजार बंद हैं. बाजारों में दुकान लगाकर अपना घर चलाने वाले लोग आर्थित तंगी से परेशान हैं. महीनों से बंद बाजारों ने इन व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. कोरोना की वजह से राज्य शासन ने साप्ताहिक बाजारों में रोक लगा रखी है. वहीं ग्रामीण भी बाहरी व्यापारियों को गांव में घुसने नहीं दे रहे हैं. महीनों से घर में बैठे इन व्यापारियों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. व्यापार बंद होने की वजह से बहुत से व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ गई है.
साप्ताहिक बाजारों में पसरा लगाकर व्यापार करने वाले व्यपारी कांकेर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे. उन्होंने साप्ताहिक बाजार खोलने की मांग की. ईटीवी भारत की टीम ने व्यपारियों से बात की. व्यपारियों का कहना था कि जिले में हाट-बाजारों से अपना जीवन यापन करने वाले 6 हजार परिवार आश्रित है. गांव-कस्बो में हमारे द्वारा बेचा गया सामान ही लिया जाता है. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते साप्ताहिक बाजार पर रोक लगा दी गई है. अब सारी बड़ी दुकाने खोली जा रही है, हम छोटे व्यपारियों को भी दुकान खोलने की अनुमति दी जाए.
कांकेर जिले में 15 जून के बढ़ा लॉकडाउन, शर्तों के साथ व्यापारिक गतिविधियों में छूट
कर्ज से परेशान व्यापारी
कलेक्ट्रेट आए एक कपड़ा व्यापारी ने बताया कि 2 महीनों से हाट बाजार बंद होने से कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. व्यापारियों का भुगतान करना भी मुश्किल हो रहा है. परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. हमारे सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई.
कोरोना संक्रमण दर में कमी
जिले में कोरोना संक्रमण के मामले में कमी देखी जा रही है. अप्रैल में रोजाना 500 से ऊपर केस मिल रहे थे. अब 50 से नीचे केस आ रहे हैं. जिसके मद्देनजर जिले में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक व्यपारिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति दी गई है. जिले में 15 जून तक नाइट कर्फ्यू का आदेश जिला कलेक्टर ने जारी किया है. लेकिन अब तक साप्ताहिक हाट-बाजारों को खोलने के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं मिल पाई है.