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कांकेर में ब्लैक फंगस के 3 मरीज, किसी को सिर में तो किसी को दांत में हुई थी तकलीफ, कोरोना पीड़ित भी हुए - ब्लैक फंगस की पुष्टि

कांकेर में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के तीनों मरीजों का इलाज रायपुर में चल रहा है. एक मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि होने के बाद गाल का ऑपरेशन किया गया. वहीं एक अन्य मरीज का मेकाहारा में इलाज जारी है.

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कांकेर में ब्लैक फंगस
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Published : Jun 9, 2021, 9:17 PM IST

कांकेर: जिले में ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने दस्तक दे दी है. अब तक तीन मामले सामने आए हैं. तीनों मरीजों का इलाज रायपुर में चल रहा है. पहला मरीज चारामा का रहने वाला है. मरीज को कोरोना संक्रमण हुआ था और टायफाइड से भी पीड़ित था. कोरोना के उपचार के दौरान गाल पर सूजन, आंख लाल, सिर दर्द का लक्षण सामने आया था. जिसके बाद वहां चिकित्सकों ने उसे बेहतर उपचार के लिए नागपुर जाकर उपचार कराने की सलाह दी. परिजनों ने 13 मई को उसे रायुपर एम्स में भर्ती कराया. जहां जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि होने के बाद गाल का ऑपरेशन किया गया.

सिर में दर्द के बाद कराई गई जांच

दूसरा मामला पखांजूर क्षेत्र में सामने आया है. इस मरीज को भी 25 अप्रैल को कोरोना हुआ था. होम आइसोलेशन में इनका इलाज जारी था लेकिन सिर में तेज दर्ज होने के बाग डॉक्टर से सलाह ली गई. सीटी स्कैन और निजी अस्पताल में नाक के ऑपरेशन के बाद इनका सैंपल जब जांच के लिए भेजा गया, तब ब्लैक फंगस का पता चला. 27 मई को ब्लैक फंगस की पुष्टि के बाद मेकाहारा में इलाज जारी है.

रायपुर: ब्लैक फंगस के 79 मरीजों का अब तक सफल ऑपरेशन, 16 मरीजों की हुई मौत

दांत दर्द के बाद पता चली बीमारी

तीसरा मामला भानुप्रतापपुर क्षेत्र में सामने आया है. जहां 48 साल के व्यक्ति को पहले दांत में दर्द की समस्या हुई. इसके बाद आंखें लाल हुईं. जांच कराने पर 2 जून को ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. जिसके बाद एम्स में उनका उपचार चल रहा है. उनका आपरेशन किया गया है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी जेएल उइके ने बताया कि जिले में अब तक ब्लैक फंगस के तीन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनका रायपुर में एम्स व मेकाहारा में चल रहा है.

कांकेर: जिले में ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने दस्तक दे दी है. अब तक तीन मामले सामने आए हैं. तीनों मरीजों का इलाज रायपुर में चल रहा है. पहला मरीज चारामा का रहने वाला है. मरीज को कोरोना संक्रमण हुआ था और टायफाइड से भी पीड़ित था. कोरोना के उपचार के दौरान गाल पर सूजन, आंख लाल, सिर दर्द का लक्षण सामने आया था. जिसके बाद वहां चिकित्सकों ने उसे बेहतर उपचार के लिए नागपुर जाकर उपचार कराने की सलाह दी. परिजनों ने 13 मई को उसे रायुपर एम्स में भर्ती कराया. जहां जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि होने के बाद गाल का ऑपरेशन किया गया.

सिर में दर्द के बाद कराई गई जांच

दूसरा मामला पखांजूर क्षेत्र में सामने आया है. इस मरीज को भी 25 अप्रैल को कोरोना हुआ था. होम आइसोलेशन में इनका इलाज जारी था लेकिन सिर में तेज दर्ज होने के बाग डॉक्टर से सलाह ली गई. सीटी स्कैन और निजी अस्पताल में नाक के ऑपरेशन के बाद इनका सैंपल जब जांच के लिए भेजा गया, तब ब्लैक फंगस का पता चला. 27 मई को ब्लैक फंगस की पुष्टि के बाद मेकाहारा में इलाज जारी है.

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दांत दर्द के बाद पता चली बीमारी

तीसरा मामला भानुप्रतापपुर क्षेत्र में सामने आया है. जहां 48 साल के व्यक्ति को पहले दांत में दर्द की समस्या हुई. इसके बाद आंखें लाल हुईं. जांच कराने पर 2 जून को ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. जिसके बाद एम्स में उनका उपचार चल रहा है. उनका आपरेशन किया गया है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी जेएल उइके ने बताया कि जिले में अब तक ब्लैक फंगस के तीन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनका रायपुर में एम्स व मेकाहारा में चल रहा है.

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