कांकेर : जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पलेवा गांव में तेंदुए के आतंक (leopard terror) से परेशान वन अमले ने तेंदुआ को पकड़ने के लिए पिंजरा (cage) लगाया था, लेकिन इस पिंजरे में तेंदुआ तो नहीं फंसा बल्कि बेचारा एक भालू (Bear) कैद हो गया. वन अमले को जब इस बात की जानकारी हुई तब अमले ने मौके पर पहुंचकर पिंजरे में कैद भालू को दूर घने जंगलों में छोड़ दिया है.
दरअसल, पलेवा और आस-पास के गांव में तेंदुआ का आतंक कायम हो गया है. आदमखोर हो चुके तेंदुए ने पलेवा में एक बुजुर्ग को घर में घुसकर मार डाला था. वहीं इसके नजदीक के एक गांव भैंसाकट्टा में भी तेंदुआ ने एक महिला को अपना शिकार बनाया था. इसके बाद वन अमले ने आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए जगह-जगह पिंजरा लगा रखा है. लेकिन तेंदुआ इस पिंजरे में कैद नहीं हुआ बल्कि भालू कैद हो गया. भालू को वन विभाग के अमले ने जंगल में छोड़ दिया है. वहीं तेंदुआ को पकड़ने को वन अमला अभी भी मशक्कत कर रहा है.
वन विभाग किसी भी कीमत पर आदमखोर तेंदुआ को पकड़ना चाहता है. इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंक सारे तरकीब अपना चुका है. अब उसे पकड़ने ट्रंकुलाइजर गन से शूट करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए रायपुर से स्पेसियलिस्ट को बुलाया जाएगा. इसके चलते गांव में कुछ जगह शिकार की तर्ज पर मचान आदि बनाए जाएंगे, जहां से तेंदुआ आना-जाना करता है. साथ ही चारे के रूप में मुर्गे-बकरे भी रखेंगे, ताकि तेंदुआ वहां पहुंचे और उसे आसानी से शूट कर बेहोश करने के बाद उसे पकड़ा जा सके.