पखांजूर/कांकेर : राज्य सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए लाख कोशिशें कर रही है, लेकिन इनकी जमीनी हकीकत नेलटोला गांव के आंगनबाड़ी केंद्र को देखकर पता लगाई जा सकती है.
अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता की मार झेल रही ये आंगनबाड़ी कोयलीबेड़ा ब्लॉक के उलिया गांव के आश्रित गांव में 2016 में खोली गई थी. आंगनबाड़ी खोले जाने के बाद इसका विकास करना किसी ने मुनासिब नहीं समझा और 2016 से अब तक ये आंगनबाड़ी झोपड़ी में संचालित हो रही है, जहां 15 नौनिहाल बारिश, गर्मी झेलते हुए क, ख, ग सीख रहे हैं.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दुलाली नंदी ने कहा कि आंगनबाड़ी भवन नहीं होने के कारण बास-बल्ली से झोपड़ी बनाकर नौनिहालों को अक्षर ज्ञान दिया जाता है और पढ़ाई से लेकर पोषक आहार तक सब कुछ यहीं पर किया जाता है.
की गई थी भवन निर्माण की मांग
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मुताबिक कई बार सरपंच से भवन निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. ये आंगनबाड़ी केंद्र चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ है लिहाजा जंगलों से कभी-कभी जहरीले सांप-बिच्छू झोपड़ी में घुस जाते हैं, ऐसे में बच्चों को खतरा भी बना रहता है, लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है.