कांकेर: सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए भले ही तमाम तरह की योजनाएं चला रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर गरीब आदिवसियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिले में सात महीने की गर्भवती पत्नी को साइकिल पर जांच के लिए अस्पताल लाते वक्त रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया. इस दौरान नवजात की मौके पर ही मौत हो गई. गर्भवती महिला के पेट मे दर्द उठने के बाद उसका पति उसे साइकिल से ही अस्पताल ला रहा था, क्योंकि मितानिन को सूचना देने के बाद भी उसके घर तक महतारी एक्सप्रेस नहीं पहुंची थी.
जिला अस्पताल में महतारी एक्सप्रेस की व्यवस्था नहींजिला मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूर मोहपुर गांव के रहने वाले रूपेश नेताम की पत्नी 7 माह की गर्भवती थी. बीती रात उसे पेट में दर्द उठा था, जिसकी जानकारी उसके पति ने सुबह मितानिन को दी. जिस पर उसने जिला अस्पताल में चेकअप के लिए ले जाने को कहा, लेकिन उसके लिए महतारी एक्सप्रेस की व्यवस्था नहीं की. इससे रूपेश अपनी पत्नी को साइकिल पर ही लेकर जिला अस्पताल आने के लिए निकला था.
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नहीं पहुंंची थी मितानिन
शहर के नए बस स्टैंड के पास पहुंचते ही उसकी पत्नी के पेट में तेज दर्द उठा. जिस पर रूपेश ने उसे सड़क किनारे बिठाया था. कुछ देर में वहीं महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया, जिसकी कुछ ही देर में ही मौत हो गई.
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शहर की मितानिन ने की मदद
महिला के सड़क किनारे बच्चे को जन्म देने की घटना के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई थी, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. वहीं पास की एक महिला जमुना भंडारी ने महतारी एक्सप्रेस को कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने फोन तक नहीं उठाया. जिसके बाद उन्होंने शहर की मितानिन सुषमा यादव को बुलाया. उसने तत्काल महिला और उसके बच्चे को अस्पताल पहुंचवाया, जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया.
जिनके लिए सुविधा उन तक नहीं पहुंच रहा लाभ
शासन जब भी किसी योजना की शुरुआत करती है, तो बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत तब सामने आती है, जब इस तरह के मामले सामने आते हैं. अगर इस महिला को महतारी एक्प्रेस का लाभ मिला होता, तो शायद इस तरह की घटना ना घटी होती.