कांकेर: बस्तर में राम वन गमन पथ पर पर्यटन रथ यात्रा की शुरुआत सुकमा जिले से हो चुकी है. यात्रा 16 दिसंबर बुधवार को कांकेर पहुंचने वाली है. लेकिन जिले में पहुंचने से पहले ही राम वन गमन पथ पर पर्यटन रथ यात्रा विवादों में घिरती नजर आ रही है. जिला मुख्यालय में सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग ने विरोध जताया है. सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अनुविभागीय अधिकारी से मुलाकात की है.
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सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि सुकमा के रामाराम से राम वन गमन रथ बगैर मिट्टी लिए आगे बढ़ गया. ऐसे में कांकेर में सर्व आदिवासी समाज ने राम वन गमन रथ रोकने और मिट्टी न ले जाने की बात कही है. सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन ने पेशा कानून का उल्लंघन भी किया है.
सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के अध्यक्ष योगेश नरेटी ने कहा कि संविधान धर्म निरपेक्षता की बात करती है. सरकार जबरन एक धर्म को आदिवासियों के ऊपर नहीं थोप सकती है. उन्होंने राजनीतिक पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि आप कुछ भी बनाइए लेकिन बस्तर जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को अपनी राजनीतिक ब्रांडिंग का साधन न बनाएं. हम इसका विरोध करते हैं. कांकेर में जब रैली आएगी. यंहा से मिट्टी ले जाने की कोशिश की जाएगी हम ले जाने नहीं देंगे.
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राजनीतिक पार्टियां भी आमने-सामने
राम के नाम पर राजनीतिक पार्टियां भी आमने-सामने आ गई हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. कृषि बिल को लेकर किए गए एक प्रेसवार्ता में भाजपा नेता विक्रम उसेंडी ने समाज के आंदोलन की अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कांग्रेस पर राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. वहीं कांकेर विधानसभा के विधायक शिशुपाल शोरी ने जवाब में कहा है कि 15 सालों से बीजेपी राम के नाम पर वोट बटोर रही थी. अब जाकर कोई काम हुआ है. तो इन्हें तकलीफ हो रही है.