कांकेर: कोरोना वायरस के कारण देशभर में लागू 21 दिन के लॉकडाउन के बीच गांवों में ग्रामीणों ने मार्ग बंद कर दिया है. जिससे इमरजेंसी सेवा संजीवनी 108 और महतारी 102 की सेवा प्रभावित हो रही है. संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस के चालकों को पहले ग्रामीणों के बन्द किए गए रास्तों को एबुंलेंस से उतरकर खोलना पड़ रहा है. उसके बाद ही वो मरीजों तक पहुंच पा रहे हैं. जिससे उन्हें मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में भी देरी हो रही है.
लॉकडाउन में ग्रामीणों ने गांव के मुख्य मार्ग को बांस और झाड़ियों से बन्द कर दिया है. जिससे जरूरी काम से आने-जाने वालों को भी दिक्कतें हो रही हैं. खासकर इमरजेंसी सेवा संजीवनी और महतारी वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संजीवनी वाहन चालक पवन साहू ने बताया कि उन्हें पहले वाहन से उतरकर ब्लॉक किए गए रास्ते को खोलना पड़ रहा है. उसके बाद ही वो मरीजों तक पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में आपातकाल वाली स्तिथि में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में विलंब हो रहा है.
वहीं मुक्तांजली वाहन चालक सदानंद साहू ने बताया कि वह अन्तागढ़ ब्लॉक के एक गांव में शव छोड़ने गया था. जहां वापसी के दौरान ग्रामीणों ने उसे रोक लिया और विवाद की स्तिथि उत्पन्न हो गई थी.
मार्ग बन्द कर नदारद हो रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और मौके पर कोई भी मौजूद नहीं रहता. जिससे आवश्यक कार्य से निकलने वालों को दिक्कतों सामना करना पड़ रहा है. उसकी जगह नाके लगाए होते और ग्रामीण खुद मौके पर उपस्थित रहे तो, जरूरी कार्यों से आने-जाने वालों के लिए मार्ग खोला जा सकता है. जिससे आवश्यक सेवाएं बाधित भी नहीं होंगी.