कांकेर: छतीसगढ़ को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सबसे बेहतर कार्य के लिए अभी हाल ही देश में पहला स्थान मिला है. बड़े-बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए छतीसगढ़ ने यह सम्मान प्राप्त किया था. सरकारी आकड़ों में शानदार दिखने वाली छतीसगढ़ की इन सड़कों की असल कहानी कुछ और ही बयां करती है. जिले के अंदरूनी इलाकों की सड़कें बारिश के तीन महीने नहीं झेल पायी और गिट्टी के ढेर में तब्दील हो गई हैं.
बता दें कि मायापुर तक करीब 11 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई थी, लेकिन पहली बारिश में ही सड़क सिर्फ गिट्टियों की ढेर बन कर रह गई हैं. करोड़ों की लागत से बनी ये सड़क अब ग्रामीणों के लिए राहत से ज्यादा मुसीबत बन चुकी है.
स्टेट क्वालिटी जांच एजेंसी यहां के सड़क की जांच कर रही है, लेकिन सड़क की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल को लेकर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर रही है. जिम्मेदार अधिकारियों ने भारी वाहनों की आवाजाही का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है. वहीं ठेकेदार ने सड़क बनाने के नियमों को अनदेखा कर अपने तरीकों से इसका निर्माण किया है, कारण यह है कि संबंधित सड़क पर जिन इंजीनियर के तैनाती पर निर्माण होना था, वह इंजीनियर नजर नहीं आ रहे थे. इसी मौके का फायदा उठा कर ठेकेदार ने गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण कर दिया था.