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कांकेर: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क, गिट्टी के ढेर में हुई तब्दील

कांकेर जिले में गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण होने के कारण यह गिट्टी के ढेर में तब्दील हो गई है, जिसके कारण लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी हो रही है.

सड़क गिट्टी में हुई तब्दील
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Published : Sep 26, 2019, 12:13 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 1:35 PM IST

कांकेर: छतीसगढ़ को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सबसे बेहतर कार्य के लिए अभी हाल ही देश में पहला स्थान मिला है. बड़े-बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए छतीसगढ़ ने यह सम्मान प्राप्त किया था. सरकारी आकड़ों में शानदार दिखने वाली छतीसगढ़ की इन सड़कों की असल कहानी कुछ और ही बयां करती है. जिले के अंदरूनी इलाकों की सड़कें बारिश के तीन महीने नहीं झेल पायी और गिट्टी के ढेर में तब्दील हो गई हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क

बता दें कि मायापुर तक करीब 11 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई थी, लेकिन पहली बारिश में ही सड़क सिर्फ गिट्टियों की ढेर बन कर रह गई हैं. करोड़ों की लागत से बनी ये सड़क अब ग्रामीणों के लिए राहत से ज्यादा मुसीबत बन चुकी है.

स्टेट क्वालिटी जांच एजेंसी यहां के सड़क की जांच कर रही है, लेकिन सड़क की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल को लेकर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर रही है. जिम्मेदार अधिकारियों ने भारी वाहनों की आवाजाही का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है. वहीं ठेकेदार ने सड़क बनाने के नियमों को अनदेखा कर अपने तरीकों से इसका निर्माण किया है, कारण यह है कि संबंधित सड़क पर जिन इंजीनियर के तैनाती पर निर्माण होना था, वह इंजीनियर नजर नहीं आ रहे थे. इसी मौके का फायदा उठा कर ठेकेदार ने गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण कर दिया था.

कांकेर: छतीसगढ़ को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सबसे बेहतर कार्य के लिए अभी हाल ही देश में पहला स्थान मिला है. बड़े-बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए छतीसगढ़ ने यह सम्मान प्राप्त किया था. सरकारी आकड़ों में शानदार दिखने वाली छतीसगढ़ की इन सड़कों की असल कहानी कुछ और ही बयां करती है. जिले के अंदरूनी इलाकों की सड़कें बारिश के तीन महीने नहीं झेल पायी और गिट्टी के ढेर में तब्दील हो गई हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क

बता दें कि मायापुर तक करीब 11 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई थी, लेकिन पहली बारिश में ही सड़क सिर्फ गिट्टियों की ढेर बन कर रह गई हैं. करोड़ों की लागत से बनी ये सड़क अब ग्रामीणों के लिए राहत से ज्यादा मुसीबत बन चुकी है.

स्टेट क्वालिटी जांच एजेंसी यहां के सड़क की जांच कर रही है, लेकिन सड़क की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल को लेकर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर रही है. जिम्मेदार अधिकारियों ने भारी वाहनों की आवाजाही का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है. वहीं ठेकेदार ने सड़क बनाने के नियमों को अनदेखा कर अपने तरीकों से इसका निर्माण किया है, कारण यह है कि संबंधित सड़क पर जिन इंजीनियर के तैनाती पर निर्माण होना था, वह इंजीनियर नजर नहीं आ रहे थे. इसी मौके का फायदा उठा कर ठेकेदार ने गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण कर दिया था.

Intro:कांकेर - हाल ही में छतीसगढ़ को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सबसे बेहतर कार्य के लिए देश मे पहला स्थान मिला है , बड़े बड़े राज्यो को पीछे छोड़ते हुए छतीसगढ़ ने यह सम्मान प्राप्त किया था , सरकारी आकड़ो में शानदार दिखने वाले छतीसगढ़ की इन सड़कों की असल कहानी कुछ और ही है । जिले के अंदरूनी इलाको में यह सड़के बारिश के तीन माह भी नही झेल पायी और गिट्टी के ढेर में तब्दील हो गई है। Body:पखांजूर से मायापुर तक करीब 11 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई थी । लेकिन पहली बारिश में ही उक्त सड़क गिट्टियों का ढेर बन गई...करोड़ों की लागत से बनी ये सड़क अब ग्रामीणों के लिए राहत से ज्यादा मुसीबत बन चुकी है. बता दे स्टेट क्यालिटी जाच एजेंसी सड़क की जाच कर रही है मगर कैमरे के सामने सड़क के गुणबत्ता के बारे में बोलने से साफ इंकार कर दिया...जिम्मेदार अधिकारियों ने भारी वाहनों की आवाजाही का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया।ठेकेदार ने सड़क को नियम अनुसार न बनाकर अपने तरीकों से निर्माण की क्योंकि संबंधित सड़क पर जो इंजीनियर के तैनातगी पर निर्माण होना था दूर दूर तक इंजीनियर नजर नहीं आते थे मौके का फायदे उठा कर ठेकेदार ने गुणबत्ता विहीन सड़क निर्माण कर दिया।
Conclusion:चंद दिनों की खुशी मिली ग्रामीणों को

इस सड़क के निर्माण शुरु होते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी मगर गुणबत्ता विहीन निर्माण कार्य होने पर ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था उस समय ग्रामीणों को जिम्मेदार अधिकारियों एवं ठेकेदार द्वारा आस्वासन दिया गया था कि ये सड़क अच्छे से बनाया जाएगा मगर पहली बारिश में ही पूरी सड़क पर बिछाए गए गिट्टी एवं डामर उखड़ कर बड़े बड़े गड्ढे बन गए है इस बात पर ग्रामीणों ने रोष व्याप्त है कि पूरी सड़क को अधिकारियों के साठ गांठ से ठेकेदार ने घटिया निर्माण किया है जिसका खामियाजा राहगीरों को उठाना पड़ रहा है।
बाइट - गोपेश मंडल (ग्रामीण)
बाइट - रमेश मंडल (वाहन चालक )
Last Updated : Sep 26, 2019, 1:35 PM IST
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