कांकेर: जिले के अन्तागढ़ विकासखंड मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर लगाकर भूमकाल दिवस मनाने का ऐलान किया. नक्सलियों ने अन्तागढ़-आमाबेड़ा मार्ग पर पेड़ों में बैनर बांधे. इस दौरान कई जगह रास्ते में पोस्टर भी फेंके गए.
नक्सलियों ने गांव-गांव में भूमकाल दिवस मनाने की अपील की है. नक्सलियों ने राज्य सरकार के भूअर्जन, पुनर्वास नीति के संशोधन के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की. नक्सलियों की किसकोड़ो एरिया कमेटी ने बैनर बांधे.
नक्सलियों के बैनर पोस्टर से क्षेत्र में दहशत
हर साल 10 फरवरी को नक्सली भूमकाल दिवस मनाते हैं. भूमकाल दिवस के पहले अक्सर नक्सली बैनर-पोस्टर लगाकर भूमकाल दिवस को सफल बनाने की बात कहते हैं.अन्तागढ़-आमाबेड़ा मार्ग में यात्रियों की आवाजाही रहती है. जिससे दहशत का माहौल है.
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भूमकाल दिवस
बस्तर में शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस के रूप में हर साल सर्व आदिवासी समाज 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाता है. इस साल शहीद गुण्डाधुर के बलिदान दिवस की 111वीं जयंती हैं. देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बस्तर में संघर्ष का शंखनाद करते हुए भूमकाल की शुरूआत की गई थी. भूमकाल यानी जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन, जिसमें भूमकाल के महानायक शहीद गुण्डाधुर, डेबरीधूर और अन्य क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया था.'