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नक्सलियों का शहरी नेटवर्क: फरार आरोपी वरुण जैन गिरफ्तार, राजनांदगांव पुलिस ने कांकेर पुलिस को सौंपा - नक्सल शहरी नेटवर्क छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. पिछले दो महीने के अंदर पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क की कमर तोड़कर रख दी है. पुलिस ने शहरी नेटवर्क के मामले में फरार चल रहे आरोपी वरुण जैन को गिरफ्तार कर लिया है.

Naxal helper Varun Jain
varun jain
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Published : Jul 3, 2020, 12:28 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 1:01 PM IST

कांकेर: छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर शिकंजा कस दिया है. नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में फरार चल रहे आरोपी वरुण जैन को राजनांदगांव पुलिस ने कांकेर पुलिस को सौंप दिया गया है. पुलिस देर रात वरुण को लेकर कांकेर पहुंची है. नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में अब कांकेर पुलिस के शिंकजे में 14 आरोपी आ चुके हैं.

वरुण जैन गिरफ्तार

वरुण जैन काफी समय से फरार चल रहा था. मामले में 13 आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके थे. वरुण जैन पर 10 हजार का इनाम पुलिस ने घोषित कर रखा था. वरुण का भाई निशांत पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

2002 में गुड़गांव से आया था छत्तीसगढ़

पुलिस अधीक्षक एम आर अहिरे ने बताया कि वरुण जैन साल 2002 में गुड़गांव से तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिले सड़क निर्माण कार्य को करने राजनांदगांव आया था. इसके बाद उसने अपने बड़े भाई निशांत जैन के साथ 2006 मे लैंडमार्क कंपनी बनाई. बाद में 2013-14 में लैंडमार्क रायल इंजीनयरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनायई, जिसके डायरेक्टर वर्तमान में वरुण एवं रिचा जैन हैं.

सड़क निर्माण के नाम पर करता था सामान सप्लाई

जिले के अंदरूनी क्षेत्र कोयलीबेड़ा , आमाबेड़ा, सिकसोड,रावघाट , टाडोकी में पीएमजेएसवाय के अंतर्गत 25 सड़क निर्माण में कंपनी रॉयल के डायरेक्टर वरुण के द्वारा 2 से 3 वर्ष में ही जिले के अंदरूनी इलाको में ठेका लेकर अपने अधिनस्थ लोगो के जरिए माल सप्लाई करता था. आरोप है कि सड़क निर्माण के नाम पर वरुण जैन नक्सलियों को जूता, वर्दी कपड़ा, वायरलेस सेट, दवाई, बिजली तार, नकदी राजनादगांव एवं अन्य शहरों से आरोपी मुकेश सलाम एवं राजेन्द्र सलाम के माध्यम से नक्सलियों को दे रहा था.

जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्य करने के पहले सुरक्षा के लिए ठेकेदार पुलिस से संपर्क करते हैं, जिस पर पुलिस के द्वारा उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करवाई जाती है. लेकिन कुछ लोगों के द्वारा पुलिस को बिना जानकरी दिए ही कार्य करवाया जाता है, जिस पर अब पुलिस नज़र रख रही है, जिससे ऐसे लोग नक्सलियों के सम्पर्क में आकर उनके मददगार न बन जाएं और इसका फायदा उठाकर नक्सली अपने नापाक इरादों में कामयाब ना हो सकें.

पढ़ें:नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर पुलिस का शिकंजा, एक महीने में 21 नक्सली मददगार गिरफ्तार

नक्सलियों का बड़ा नेटवर्क टूटा

कांकेर पुलिस ने कोयलीबेड़ा इलाके में नक्सलियों के मददगार बने 14 लोगो कों अब तक गिरफ्तार किया है, जिसमे कई बड़े ठेकेदार शामिल हैं. इन लोगों के गिरफ्तार होने से नक्सलियों की शहरी नेटवर्क की एक बड़ी चेन टूटी है, जिसका सीधा नुकसान नक्सलियों को होगा. पुलिस इसे बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है.

जून में 21 सहयोगी हुए थे गिरफ्तार

पुलिस ने जून महीने में संभाग से कुल 21 नक्सली मददगारों को धर दबोचा है और इनके पास से नक्सलियों को सप्लाई करने वाला सामान बरामद किया है. पुलिस इन नक्सल मददगारों को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है.

जून महीने में पुलिस ने नक्सलियों के 21 मददगारों को धर दबोचा.

  • 13 नक्सल सहयोगी कांकेर जिले से अरेस्ट किए गए.
  • 6 नक्सल मददगार सुकमा जिले से पकड़े गए.
  • 2 नक्सल सहयोगी दंतेवाड़ा से हुए गिरफ्तार.

कांकेर: छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर शिकंजा कस दिया है. नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में फरार चल रहे आरोपी वरुण जैन को राजनांदगांव पुलिस ने कांकेर पुलिस को सौंप दिया गया है. पुलिस देर रात वरुण को लेकर कांकेर पहुंची है. नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में अब कांकेर पुलिस के शिंकजे में 14 आरोपी आ चुके हैं.

वरुण जैन गिरफ्तार

वरुण जैन काफी समय से फरार चल रहा था. मामले में 13 आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके थे. वरुण जैन पर 10 हजार का इनाम पुलिस ने घोषित कर रखा था. वरुण का भाई निशांत पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

2002 में गुड़गांव से आया था छत्तीसगढ़

पुलिस अधीक्षक एम आर अहिरे ने बताया कि वरुण जैन साल 2002 में गुड़गांव से तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिले सड़क निर्माण कार्य को करने राजनांदगांव आया था. इसके बाद उसने अपने बड़े भाई निशांत जैन के साथ 2006 मे लैंडमार्क कंपनी बनाई. बाद में 2013-14 में लैंडमार्क रायल इंजीनयरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनायई, जिसके डायरेक्टर वर्तमान में वरुण एवं रिचा जैन हैं.

सड़क निर्माण के नाम पर करता था सामान सप्लाई

जिले के अंदरूनी क्षेत्र कोयलीबेड़ा , आमाबेड़ा, सिकसोड,रावघाट , टाडोकी में पीएमजेएसवाय के अंतर्गत 25 सड़क निर्माण में कंपनी रॉयल के डायरेक्टर वरुण के द्वारा 2 से 3 वर्ष में ही जिले के अंदरूनी इलाको में ठेका लेकर अपने अधिनस्थ लोगो के जरिए माल सप्लाई करता था. आरोप है कि सड़क निर्माण के नाम पर वरुण जैन नक्सलियों को जूता, वर्दी कपड़ा, वायरलेस सेट, दवाई, बिजली तार, नकदी राजनादगांव एवं अन्य शहरों से आरोपी मुकेश सलाम एवं राजेन्द्र सलाम के माध्यम से नक्सलियों को दे रहा था.

जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्य करने के पहले सुरक्षा के लिए ठेकेदार पुलिस से संपर्क करते हैं, जिस पर पुलिस के द्वारा उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करवाई जाती है. लेकिन कुछ लोगों के द्वारा पुलिस को बिना जानकरी दिए ही कार्य करवाया जाता है, जिस पर अब पुलिस नज़र रख रही है, जिससे ऐसे लोग नक्सलियों के सम्पर्क में आकर उनके मददगार न बन जाएं और इसका फायदा उठाकर नक्सली अपने नापाक इरादों में कामयाब ना हो सकें.

पढ़ें:नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर पुलिस का शिकंजा, एक महीने में 21 नक्सली मददगार गिरफ्तार

नक्सलियों का बड़ा नेटवर्क टूटा

कांकेर पुलिस ने कोयलीबेड़ा इलाके में नक्सलियों के मददगार बने 14 लोगो कों अब तक गिरफ्तार किया है, जिसमे कई बड़े ठेकेदार शामिल हैं. इन लोगों के गिरफ्तार होने से नक्सलियों की शहरी नेटवर्क की एक बड़ी चेन टूटी है, जिसका सीधा नुकसान नक्सलियों को होगा. पुलिस इसे बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है.

जून में 21 सहयोगी हुए थे गिरफ्तार

पुलिस ने जून महीने में संभाग से कुल 21 नक्सली मददगारों को धर दबोचा है और इनके पास से नक्सलियों को सप्लाई करने वाला सामान बरामद किया है. पुलिस इन नक्सल मददगारों को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है.

जून महीने में पुलिस ने नक्सलियों के 21 मददगारों को धर दबोचा.

  • 13 नक्सल सहयोगी कांकेर जिले से अरेस्ट किए गए.
  • 6 नक्सल मददगार सुकमा जिले से पकड़े गए.
  • 2 नक्सल सहयोगी दंतेवाड़ा से हुए गिरफ्तार.
Last Updated : Jul 3, 2020, 1:01 PM IST
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