कांकेर: 15 जून की रात लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन की भारत की सीमा में घुसपैठ कर भारत के जवानों पर हमले के बाद पूरा देश गुस्से में था. हर कोई चीन से बदला लेने की बात कह रहा था. भारत सरकार ने भी चीन को सबक सिखाने की बात कही थी, लेकिन क्या भारत ने चीन से बदला ले लिया, यह सवाल गलवान घाटी में शहीद हुए कांकेर जिले के गिधाली गांव के रहने वाले जवान गणेश कुंजाम के परिजनों ने भारत सरकार से पूछा है.
शहीद गणेश कुंजाम के परिजनों ने केंद्र सरकार से पूछे सवाल बता दें कि 15 अगस्त को गलवान घाटी हिंसक झड़प को दो महीने पूरे हो जाएंगे. इन दो महीने में 20 जवानों की शहादत कहीं न कहीं लोग भूलने लगे हैं. भारत और चीन के बीच कई स्तर की बातचीत होती रही, लेकिन इस बीच भी चीन सरहद पर फौज और हथियार की धौंस दिखाने से बाज नहीं आया. अब सवाल यह उठता है कि भारत सरकार ने चीन के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं. भारत ने चाइना के मोबाइल एप पर बैन लगा दिया. क्या यह काफी होगा. उन 20 जवानों को शहादत का बदला लेने के लिए, जिन परिजनों ने अपना एकलौता बेटा खो दिया, अपने बुढ़ापे का सहारा खो दिया. उन्हें ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया कि भारत सरकार ने चीन से अपने जवानों की शहादत का बदला लिया हो.
शहीद गणेश कुंजाम की तस्वीर भारत सरकार ने शहीदों का बदला नहीं लिया: शहीद के दोस्त
शहीद गणेश कुंजाम के चाचा कहते हैं, उन्हें उम्मीद अभी भी है कि भारत सरकार आज नहीं तो कल चीन से उनके बेटे की शहादत का बदला लेगी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह भारत सरकार की उन शहीदों के प्रति नाइंसाफी होगी. वहीं शहीद के दोस्त महेंद्र कहते हैं ऐसा कुछ भी कदम नहीं उठाए गए जिसे देखकर यह कहा जाए कि भारत सरकार ने शहीदों का बदला लिया हो. सब कुछ चंद महीनों में ही शांत सा हो गया है.
शहीद गणेश कुंजाम के परिजनों ने मोदी सरकार से पूछा सवाल बहन को चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने की बात शहीद गणेश कुंजाम की बहन को राज्य सरकार ने नौकरी देने की बात कही थी. अब जिला प्रशासन ने शहीद की बहन को चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने की बात कही है, जिस पर शहीद के परिजनों ने शहीद का सम्मान करते हुए कम से कम तृतीय वर्ग में नौकरी देने की मांग की है. शहीद के परिजनों ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार से 20 लाख रुपये की सहायता मिली है. वहीं कोरोना के कारण केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद नहीं मिल सकी है.
देश की खातिर घर की जिम्मेदारी छोड़ गए गणेश शहीद जवान गणेश कुंजाम अपने घर के सबसे बड़े थे. उनकी दो बहनें हैं. गणेश पर ही घर की पूरी जिम्मेदारी थी, लेकिन गणेश देश की खातिर घर की जिम्मेदारी छोड़ गए और देश की रक्षा में शहीद हो गए. अब परिजन चाहते हैं कि सरकार चीन से उनके बेटे की मौत का बदला ले. यही उसका असल सम्मान होगा.