कांकेर: चारामा विकासखण्ड के ग्राम लिलेझर के प्री-मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में शिक्षा के साथ-साथ किचन गार्डन भी तैयार किया गया है. इसमें मौसमी सब्जी भिण्डी, बैंगन, गोभी, करेला, सेमी, कुंदरु, पालक, लालभाजी उगाई गई है. किचन गार्डन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को विद्यालय के निकट छात्रावास में रहकर भोजन, आवास और अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराना है.
लिलेझर के छात्रावास अधीक्षक विकास ठाकुर ने बताया कि शुरुआत में छात्रावास 20 सीटर का हुआ करता था. जो पंचायत भवन में संचालित होता था. इसके बाद शासन ने छात्रावास के संचालन के लिए भवन निर्माण कराया. सीटों की संख्या 20 से बढ़ाकर 35 की गई. लोक निर्माण विभाग ने 2 अतिरिक्त भवन का निर्माण किया है. वर्तमान समय में छात्रावास में 50 बच्चों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत
2019-20 में लिलेझर के छात्रावास में रहकर 10वीं में पढ़ने वाले बच्चों का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा. प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है. वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण के कारण बच्चों को पढ़ाई में काफी नुकसान हुआ. इसके भरपाई के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई.
सब्जियों का उत्पादन
लिलेझर छात्रावास प्रांगण में छात्रों और छात्रावास कर्मचारियों के द्वारा बागवानी भी तैयार किया गया है. इसमें सुंदर और सुगंधित फूलों के अलावा औषधि गुण वाले पौधें भी लगाए गए हैं. इससे छात्रावास में शुद्ध और स्वच्छ वातावरण बना रहता है.