कांकेर : लॉकडाउन में सभी होटल, दुकान और बाजार बंद हो गए हैं. जहां आम आदमी खाने-पीने के लिए परेशान हो रहा है तो वहीं बेजुबान जानवरों भी इन दिनों खाने के लिए भटक रहे हैं. इन जानवरों की देखभाल के लिए कई सामाजिक संस्थाएं सामने आ रही हैं. कांकेर में इन मवेशियों के लिए खेमनारायण शर्मा मसीहा बनकर सामने आए हैं. शर्मा मास्क लगाकर रोज मवेशियों की देखभाल के लिए निकल जाते हैं. शहर में कोई मवेशी घायल हो या किसी का एक्सीडेंट हो गया हो, खेमनारायण वहां पहुंचकर उनका उपचार करते हैं. उनके इस काम के लिए शहरवासी भी उनकी सराहना करते नहीं थकते.
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खेमनारायण शर्मा नगर में कुछ साल से वे लगातार आवारा जानवरों की देखभाल कर रहे हैं. जानवरों को अस्पताल पहुंचाना और उनके लिए भोजन का व्यवस्था करना उनका रोज का काम है. खेमनारायण अपने साथ एक झोला लेकर चलते हैं. झोले में वे दवाइयां और कुछ जरूरी सामान हमेशा रखे रहते हैं. खेमनारायण से ETV भारत ने उनके काम के विषय में चर्चा की.
खेमनारायण ने बताया कि 'लॉकडाउन के समय बेजुबान जानवरों की स्थिति खराब है. उन्हें भोजन-पानी नहीं मिल पा रहा है. बाजार खुला रहता है तो उनके खाने का इंतजाम हो जाता है. इस दौरान जानवर बीमार भी पड़ रहे हैं. उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है. हमेशा कोशिश रहती है कि इन जानवरों का ध्यान रख सकूं.'
घायल जानवरों का करते हैं इलाज
खेमनारायण बेजुबान जानवरों की सेवा करने के पीछे कारण बताते हुए कहते हैं कि 'गाय का हमने दूध पिया है. बेजुबान जानवर की स्थिति देखकर अच्छा नहीं लगता. यही वजह है कि इस काम को करने का मन हुआ है. सड़क के किनारे बैठे ये मवेशी हमेशा दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इंसान तो अस्पताल चला जाता है, लेकिन ये बेजुबान वहां दर्द से तड़पते रहते हैं. हमारी कोशिश रहती है कि इन घायल जानवरों का इलाज करें. प्राथमिक ट्रीटमेंट से बात नहीं बनने पर पशु चिकित्सक के पास भी उन्हें लेकर जाते हैं. पहले तो ये काम अकेले ही करता था, लेकिन अब कुछ साथी भी मुझसे जुड़ गए हैं. अब हम सभी टीम की तरह काम करते हैं.'
दिनभर घूमती है टीम
खेमनारायण के साथ आज 10 से 12 युवाओं की टीम काम कर रही है. टीम सुबह 7 बजे से लेकर पूरी रात सड़कों पर घूमती है. बेजुबान और दुर्बल जानवरों की सेवा करती है. खेमनारायन शर्मा ने अपील की है कि कोरोनाकाल में लॉकडाउन के चलते आवारा पशु जहां भी दिखे उन्हें भोजन जरूर उपलब्ध कराएं. बेजुबान जानवरों को इस दौरान जितना हो सके उतनी मदद करें.