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पोस्टमार्टम करने वाली संतोषी दुर्गा को आया राम का निमंत्रण,प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाएंगी अयोध्या - संतोषी दुर्गा

Ayodhya Ramlala Pran Pratishtha invitation अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.इसके लिए पूरे देश से दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है.छत्तीसगढ़ के भी कई सम्मानीय जन इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनेंगे.इन्हीं में से एक हैं कांकेर के नरहरपुर की संतोषी दुर्गा.जिन्हें राममंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या आने का निमंत्रण भेजा है.संतोषी दुर्गा पेशे से स्वीपर हैं.जो अब तक 700 से ज्यादा शवों का पोस्टमार्टम कर चुकी हैं.Santoshi Durga

Santoshi Durga
अयोध्या जाएंगी संतोषी दुर्गा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 10, 2024, 3:33 PM IST

पोस्टमार्टम करने वाली संतोषी दुर्गा को आया राम का निमंत्रण

कांकेर : कांकेर जिले के नरहरपुर में रहने वाली संतोषी दुर्गा को अयोध्या से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण आया है. संतोषी दुर्गा कांकेर नरहरपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वीपर के पद पर हैं.अब तक संतोषी 7 सौ लोगों का पोस्टमॉर्टम कर चुकी हैं. जहां एक ओर सड़े-गले, अंग-भंग और जले पुराने लाश को देखकर कई महिलाएं बेहोश हो जाती हैं.वहीं नरहरपुर की संतोषी देश की पहली महिला है,जो पोस्टमार्टम के लिए ऐसी ही लाशों पर हथौड़ी और छुरा चलाती हैं.

पिता से शर्त लगाकर किया पहला पोस्टमॉर्टम : संतोषी दुर्गा के मुताबिक उनके पिता रतन सिंह इसी काम के लिए शासकीय चिकित्सालय नरहरपुर में नौकरी करते थे. जब भी पोस्टमार्टम के लिए लाश चीरघर में आती, तो वो शराब के नशे में बेहोश-सा हो जाते. समझाने पर जिद करते कि लाश का चीरफाड़ होश हवास में नहीं हो सकता.लेकिन संतोषी ने शराब ना पीकर पोस्टमार्टम करने की शर्त पिता से लगा ली.

2004 में किया था पहला पोस्टमॉर्टम : संतोषी ने पहला पोस्टमार्टम वर्ष 2004 में किशनपुरी ग्राम से पांच दिन पुरानी कब्र खोद कर निकाली गई छत-विक्षत लाश का किया था.शराब के प्रति नफरत और बाप से लगाये शर्त की वजह से लाश का सिर फोड़ते हुए ना तो संतोषी के हाथ कांपे और ना ही बदबू की वजह से वो पीछे हटी. संतोषी कहती है कि नरहरपुर चिकित्सालय में जीवन दीप योजना के तहत 26 सौ रूपये वेतन पर संविदा में रखा गया है. बाकी दिनों में उसका उपयोग एक नर्स या स्वास्थ्य सहायिका के रूप में होता है. इन 14 वर्षो में संतोषी ने अपनी एक बहन की शादी भी है.

''मैं अपने जीवन में भी नहीं सोची थी कि मुझे अयोध्या से बुलावा आएगा. लेकिन राम भगवान ने मुझे आमंत्रण पत्र भेज कर बुलाया है. मैं नरहरपुर नगर के साथ-साथ कांकेरवासियों के लिए भी वहां जाकर सुख शांति और उन्नति की कामना करूंगी.'' संतोषी दुर्गा, पोस्टमार्टम करने वाली महिला

पिता के काम को ही आगे बढ़ाया : आपको बता दें कि संतोषी दुर्गा ने अपने पिता से लगाए शर्त को पूरा करने के लिए पोस्टमार्टम करना शुरू किया था. उनके पिता शराब पीकर पोस्टमार्टम करते थे. जिस पर संतोषी ने कहा कि वो बिना शराब पीए ही पोस्टमार्टम कर सकती है.पिता ने जब ऐसा असंभव होने की बात कही तो संतोषी ने बिना शराब पिए पोस्टमॉर्टम कर दिया.आज भी संतोषी बिना शराब पिये ही शवों का पोस्टमार्टम करती है. ये काम करके दुर्गा ने अपने पिताजी से शर्त जीत ली और उन्हें शराब छोड़ने के लिए प्रेरित किया.

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पोस्टमार्टम करने वाली संतोषी दुर्गा को आया राम का निमंत्रण

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पिता से शर्त लगाकर किया पहला पोस्टमॉर्टम : संतोषी दुर्गा के मुताबिक उनके पिता रतन सिंह इसी काम के लिए शासकीय चिकित्सालय नरहरपुर में नौकरी करते थे. जब भी पोस्टमार्टम के लिए लाश चीरघर में आती, तो वो शराब के नशे में बेहोश-सा हो जाते. समझाने पर जिद करते कि लाश का चीरफाड़ होश हवास में नहीं हो सकता.लेकिन संतोषी ने शराब ना पीकर पोस्टमार्टम करने की शर्त पिता से लगा ली.

2004 में किया था पहला पोस्टमॉर्टम : संतोषी ने पहला पोस्टमार्टम वर्ष 2004 में किशनपुरी ग्राम से पांच दिन पुरानी कब्र खोद कर निकाली गई छत-विक्षत लाश का किया था.शराब के प्रति नफरत और बाप से लगाये शर्त की वजह से लाश का सिर फोड़ते हुए ना तो संतोषी के हाथ कांपे और ना ही बदबू की वजह से वो पीछे हटी. संतोषी कहती है कि नरहरपुर चिकित्सालय में जीवन दीप योजना के तहत 26 सौ रूपये वेतन पर संविदा में रखा गया है. बाकी दिनों में उसका उपयोग एक नर्स या स्वास्थ्य सहायिका के रूप में होता है. इन 14 वर्षो में संतोषी ने अपनी एक बहन की शादी भी है.

''मैं अपने जीवन में भी नहीं सोची थी कि मुझे अयोध्या से बुलावा आएगा. लेकिन राम भगवान ने मुझे आमंत्रण पत्र भेज कर बुलाया है. मैं नरहरपुर नगर के साथ-साथ कांकेरवासियों के लिए भी वहां जाकर सुख शांति और उन्नति की कामना करूंगी.'' संतोषी दुर्गा, पोस्टमार्टम करने वाली महिला

पिता के काम को ही आगे बढ़ाया : आपको बता दें कि संतोषी दुर्गा ने अपने पिता से लगाए शर्त को पूरा करने के लिए पोस्टमार्टम करना शुरू किया था. उनके पिता शराब पीकर पोस्टमार्टम करते थे. जिस पर संतोषी ने कहा कि वो बिना शराब पीए ही पोस्टमार्टम कर सकती है.पिता ने जब ऐसा असंभव होने की बात कही तो संतोषी ने बिना शराब पिए पोस्टमॉर्टम कर दिया.आज भी संतोषी बिना शराब पिये ही शवों का पोस्टमार्टम करती है. ये काम करके दुर्गा ने अपने पिताजी से शर्त जीत ली और उन्हें शराब छोड़ने के लिए प्रेरित किया.

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