कांकेर: मड़पा गांव लोग बीट गार्ड की मनमानी से तंग आ चुके हैं. बार बार गांव खाली कराने की धमकी से आजिज गांववाले सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और बीट गार्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. ग्रामीण संतु राम दर्रो ने बताया कि "हमारे गांव को सामूहिक वन संसाधन अधिकार पत्र मिलने के बाद भी बिना ग्रामसभा की अनुमति के वहां काम कराया जा रहा है. लकड़ी कटवाई जा रही है. बांस का कूप कटवाया जा रहा है."
वन संसाधन अधिकार पत्र को मानने से किया इनकार: संतु राम दर्रो के मुताबिक "हम लोगों ने सवाल किया कि हमें सामुदायिक वन संसाधन पत्र मिला हुआ है, जिसमें जंगल प्रबंधन का ग्राम सभा को अधिकार है और ग्राम सभा में किसी तरह का प्रस्ताव भी नहीं लिया गया है. वन प्रबंधन से भी किसी तरह का सहमति नहीं लिया गया है." इस पर बीट गार्ड रूपेश कोर्राम ने कहा कि "जो आप लोगों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र मिला है, उसको मैं नहीं मानता हूं. मेरी बात नहीं मानोगे तो आप लोगों का गांव खाली करवा सकता हूं." ग्रामीणों ने बताया कि "बीड गार्ड की ओर से लगातार ग्रामवालों को धमकी दी जाती है."
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ग्रामीणों ने दिखाए कटाई के फोटो और वीडियो: ग्रामीणों ने पेड़ कटाई और बांस के कूप कटाई का फोटो और वीडियो मीडिया को दिखाया. वन अधिकार मामलों के जानकर योगेश नरेटी कहते है कि "एक वन विभाग का कर्मचारी वन अधिकार पत्र को नहीं मनाने की बात कह रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने पेसा विस्तार नियम लागू किया है, उसे नहीं मनाने की बात कह रहा है. जबकि उस गांव को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र मिला है. उस गांव के वन समिति गठित है प्रबंधन का पूरा अधिकार है. इस तरह धमकी देने वाले और बाकी दूसरे गांव को भड़काने वाले बीट गार्ड को निलंबित करना चाहिए."