कांकेर: जिले के अंदरूनी क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन बच्चियों को पिछले कुछ माह से रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत कराटे सिखाए जा रहे हैं. वहीं, पिछले तीन माह से कराटे के प्रशिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है. कुछ प्रशिक्षकों ने तो काम छोड़ दिया है तो कुछ वेतन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है.
तीन माह से नहीं मिल रहा प्रशिक्षकों को वेतन: दरअसल, कांकेर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बच्चियों को रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है. इन बच्चियों को छेड़छाड़, अपहरण जैसी घटनाओं का सामना करने के लिए स्कूलों में कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिले के अंदरूनी क्षेत्रों के ब्लेक बेल्ट होल्डर्स बच्चियों को कराटे का गुर सीखा रहे हैं. हालांकि इन प्रशिक्षकों को पिछले तीन माह से उनका पैसा नहीं मिल रहा है.
वेतन के लिए दर-दर भटक रहे प्रशिक्षक: ईटीवी से बातचीत के दौरान कराटे के प्रशिक्षकों ने बताया कि, "रानी लक्ष्मीबाई मार्शल आर्ट के प्रशिक्षक हैं. अक्टूबर से शासकीय शालाओं में प्रशिक्षण का योगदान बालिकाओं को प्रदान कर रहे हैं. 3 माह पूरा हो गया है. हमारा पैसा अब तक नहीं मिला है. हम जिले के अंदरूनी क्षेत्रों के स्कूलों में बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेंनिग दे रहे थे. हम लोगों को कराटे में ब्लेक ब्लेट मिला हुआ है. हम वेतन के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालांकि हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है."
कांकेर जिला कराटे संगठन की ओर से इन प्रशिक्षकों को रखा गया था. संगठन के खाते में पैसा डाला गया है. जांच कर रहे हैं कि आखिर क्यों इन प्रशिक्षकों को पैसा नहीं मिला है. -भुवन जैन, जिला शिक्षा अधिकारी
बता दें कि जिले में मीडिल, हायर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चियों को 100 ब्लेक बेल्ट प्रशिक्षक के द्वारा कराटे का प्रशिक्षण दिया गया है. एक प्रशिक्षक 5 से 6 स्कूल में कराटे का प्रशिक्षण देते थे. इनको 15 हजार रुपए देने की बात हुई थी. हालांकि तीन माह से इन्हें वेतन नहीं मिलने से ये निराश है. मामले में अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.