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कांकेर: इन ग्रामीणों की आय का जरिया है 'हरा सोना', कड़ी धूप में भी बहा रहे पसीना - Tendu leaves

ग्रामीण अंचल के लोगों के व्यवसाय का महत्वपूर्ण साधन 'हरा सोना' कहे जाने वाले 'तेंदूपत्ता' की तोड़ाई का काम शुरू हो गया है. प्रदेश के नवनिर्वाचित सरकार ने इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि बढ़ाकर 400 रुपये प्रति सैकड़ा कर दी है. जिससे लोगों में उत्साह है.

आय का जरिया है 'हरा सोना'
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Published : May 7, 2019, 6:08 PM IST

कांकेर: जिले के ग्रामीण अंचल के लोगों के व्यवसाय का महत्वपूर्ण साधन 'हरा सोना' कहे जाने वाले 'तेंदूपत्ता' की तोड़ाई का काम शुरू हो गया है. जिससे ग्रामीण इलाके के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. 'वो कहते हैं न पेट पालना है, तो मेहनत से क्यों डरना'. कुछ इसी तरह ग्रामीण अजीविका के लिए आग उगलती गर्मी में भी तेंदूपत्ता तोड़ाई के कार्य में जुटे हुए हैं.

कड़ी धूप में बहा रहे पसीना

सरकार ने बढ़ाया संग्रहण मूल्य
बता दें कि प्रदेश के नवनिर्वाचित सरकार ने इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि बढ़ाकर 400 रुपये प्रति सैकड़ा कर दी है. इसी के साथ तेंदूपत्ता के मानक बोरे पर भी मूल्य बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रति बोरे के दर से खरीदी करने वाली है. इससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, ग्रामीणों का कहना है कि इस बार तेंदूपत्ता भी अच्छा हुआ है और संग्रहण मूल्य बढ़ाए जाने से उन्हें काफी आर्थिक लाभ होगा.

बारिश न बिगाड़ दे खेल, बेमौशम बारिश से ग्रामीणों में डर
तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य समितियों के माध्यम से करवाया जा रहा है. ग्रामीण तेंदूपत्ता का संग्रहण कर उसे खुले आसमान के नीचे सुखा रहे हैं, लेकिन इस बार मौसम बेईमान बना हुआ है, पिछले कुछ दिनों से रोजाना शाम को बादल छाए रहते हैं. जिससे ग्रामीणों में डर बना हुआ है कि कहीं बेमौसम बारिश उनके मेहनत पर पानी ना फेर दे.

कांकेर: जिले के ग्रामीण अंचल के लोगों के व्यवसाय का महत्वपूर्ण साधन 'हरा सोना' कहे जाने वाले 'तेंदूपत्ता' की तोड़ाई का काम शुरू हो गया है. जिससे ग्रामीण इलाके के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. 'वो कहते हैं न पेट पालना है, तो मेहनत से क्यों डरना'. कुछ इसी तरह ग्रामीण अजीविका के लिए आग उगलती गर्मी में भी तेंदूपत्ता तोड़ाई के कार्य में जुटे हुए हैं.

कड़ी धूप में बहा रहे पसीना

सरकार ने बढ़ाया संग्रहण मूल्य
बता दें कि प्रदेश के नवनिर्वाचित सरकार ने इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि बढ़ाकर 400 रुपये प्रति सैकड़ा कर दी है. इसी के साथ तेंदूपत्ता के मानक बोरे पर भी मूल्य बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रति बोरे के दर से खरीदी करने वाली है. इससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, ग्रामीणों का कहना है कि इस बार तेंदूपत्ता भी अच्छा हुआ है और संग्रहण मूल्य बढ़ाए जाने से उन्हें काफी आर्थिक लाभ होगा.

बारिश न बिगाड़ दे खेल, बेमौशम बारिश से ग्रामीणों में डर
तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य समितियों के माध्यम से करवाया जा रहा है. ग्रामीण तेंदूपत्ता का संग्रहण कर उसे खुले आसमान के नीचे सुखा रहे हैं, लेकिन इस बार मौसम बेईमान बना हुआ है, पिछले कुछ दिनों से रोजाना शाम को बादल छाए रहते हैं. जिससे ग्रामीणों में डर बना हुआ है कि कहीं बेमौसम बारिश उनके मेहनत पर पानी ना फेर दे.

Intro:कांकेर - अंचल के ग्रामीणों के आय का महत्वपूर्ण साधन हरा सोना ( तेंदूपत्ता) तोड़ाई का काम शुरू हो गया है , प्रदेश सरकार के द्वारा इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण के प्रति सैकड़ा का मूल्य भी बढा दिया है जिससे ग्रामीण खासे उत्साहित है और आग उगलती गर्मी में भी तेंदूपत्ता तोड़ाई के कार्य मे लगे हुए है ।इस वर्ष तेंदूपत्ता की पैदावार भी अच्छी हुई है और इस बार लक्ष्य से अधिक संग्रहण का अनुमान भी लगाया जा रहा है।


Body:बूटा कटाई के बाद नए पत्ते आने से बार एक मई से पत्तो का संग्रहण कार्य शुरू किया गया है। जिससे शहर से सटे नवागांव , मनकेसरी , इच्छापुर सहित आस पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ग्रामीण इस कार्य मे जूट गए है । तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य समितियों के माध्यम से करवाया जा रहा है । प्रदेश सरकार ने इस बार तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि भी बढा कर 400 रुपये प्रति सैकड़ा कर दी है , जिससे ग्रामीणों में खुशी है , ग्रामीणों का कहना है कि इस बार तेंदूपत्ता भी अच्छा हुआ है और संग्रहण मूल्य बढ़ाये जाने से उन्हें काफी आर्थिक लाभ होगा । क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए गर्मी के मौसम में आय का प्रमुख साधन तेंदूपत्ता है , ग्रामीणों की आय का जरिया होने के कारण ही इसे हरा सोना भी कहा जाता है।

बारिश ना बिगाड़ दे खेल
ग्रामीण तेंदूपत्ता का संग्रहण कर उसे खुले आसमान के नीचे सूखा रहे है लेकिन इस बार मौसम बेईमान बना हुआ है , पिछले कुछ दिनों से रोजाना शाम को बादल छा रहे है जिससे ग्रामीणों में डर बना हुआ है कि कही बेमौसम बारिश उनके मेहनत पर पानी ना फेर दे ।


Conclusion:तेंदूपत्ता के मानक बोरे पर भी प्रदेश सरकार ने मूल्य बढ़ाया है इस बार 4 हजार रूपये प्रति बोरे के दर से सरकार खरीदी करने वाली है ।

बाइट- ग्रामीण महिलाये
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