कांकेर: प्रदेश के कई वनमंडलों से होते हुए हाथियों का एक दल अब कांकेर जिले के काफी करीब पहुंच गया है. महासमुंद इलाके से भटक कर धमतरी जिले में मौजूद हाथियों का दल जिले के बेहद नजदीक पहुंच गया है. बता दें फिलहाल हाथियों का दल जिले के नरहरपुर ब्लॉक से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है. साथ ही प्रशासन के सुस्त रवैये ने उन्हें चिंता में डाल दिया है.
हाथियों के इस दल को लेकर वन विभाग के अधिकारियों का रवैया बेहद हैरान करने वाला है. DFO ऐसे गंभीर समस्या के दौरान मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए और उन्होने इस बारे में जानकरी नही होने तक की बात कह दी. जबकि नरहरपुर रेंजर कैलाश ठाकुर ने इस बात की पुष्टि की है कि दल जिले की ओर बढ़ रहा है.
बता दें हाथियों का एक दल महासमुंद इलाके से भटक कर धमतरी जिले में प्रवेश कर गया था, जिसमें 21 हाथी थे. हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहा है. फिलहाल धमतरी और कांकेर जिले के बॉर्डर पर पहुंच चुका है. फिलहाल हाथियों की अंतिम लोकेशन कलार बहारा के जंगलों में बताई जा रही है. जो कि नरहरपुर ब्लॉक के आरोद और धौराभांटा से लगा हुआ इलाका है. पहली बार जिले के नजदीक इतनी बड़ी संख्या में हाथियों के झुंड की मौजूदगी से इलाके के लोगों दहशत है. क्षेत्र के लोग जंगली जानवर भालू, तेंदुआ के आतंक से पहले ही परेशान है ऐसे में हाथियों के बड़े झुंड की इलाके के नजदीक मौजूद होने की खबर ने लोगो की नींद उड़ा दी है.
बता दें छत्तीसगढ़ में हाथियों की समस्या को लंबा वक्त बीत चुका है. मामले पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है. साल भर हाथियों के उत्पात से घरों के तबाह होने, फसलों के बर्बाद होने और लोगों के मारे जाने की खबरें आती रहती हैं. प्रदेश में कई सालों से हाथियों को लेकर अभ्यारण बनाने या एलिफेंट रिजर्व बनाने की बात भी सामने आती रहती है. लेकिन अब तक ऐसा कोई महत्वपूर्ण कदम नही उठाए गए हैं.