कांकेर: बारदा हाईस्कूल के तत्कालीन प्राचार्य ने 8 साल तक शासन के नियमों को अनदेखा कर स्कूल की राशि का आहरण किया और शासन को नुकसान पहुंचाया. 8 साल से कोषाध्यक्ष के दुर्गकोंदल ब्लॉक में स्थानांतरण होने के बावजूद प्रिंसिपल राशि निकलवाता रहा. साथ ही खर्च किए गए रुपयों का फर्जी बिल रोकड़ पुस्तिका में चिपकाता रहा. तत्कालीन शिक्षक ने RMSA की राशियों का आहरण करता रहा. ऐसे में शिक्षा विभाग पर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले का खुलासा RTI से हुआ है.
RMSA की राशि से निकाला
इस विषय में जब तत्कालीन कोषाध्यक्ष बारदा शिवलाल कोमरे से बातचीत की गई तो, उन्होंने अपनी गलती को मानते हुए कहा कि मैंने कई बार प्राचार्य को मना किया. चेक में हस्ताक्षर करने से मना करने पर प्राचार्य ने पुरानी राशि बताया. साल 2010 में दुर्गकोंदल पोस्टिंग होने के बाद भी प्राचार्य घर पर आकर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाता था.
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प्रशासन आहरण से अंजान
RTI से मांगी गई जानकारी से खुलासा हुआ कि उच्च अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं थी. इसकी भनक शासन प्रशासन तक को नहीं लगी. अब देखना होगा कि अधिकारी जांच करते हैं या फिर जांच के नाम पर एक दूसरे पर सवाल उठाते हैं. बता दें कि स्कूल कल्याण एवं स्कूली खर्च के लिए जिले से प्रत्येक हाईस्कूलों में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) के तहत राशि आबंटित की जाती है.