कांकेर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासियों के कद्दावर नेता अरविंद नेताम के भाई का निधन सोमवार को रायपुर में हो गया. शिव नेताम अभिवाजित मध्यप्रदेश सरकार में वन मंत्री के पद पर दायित्व निभा चुके थे. शिव नेताम कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. इलाज के लिए परिवार के सदस्यों ने उनको रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. शिव नेताम की मौत के बाद कांकेर और पूरे बस्तर संभाग में शोक की लहर फैल गई है. शिव नेताम का मंगलवार को अंतिम संस्कार बिरनपुर में किया जाएगा.
बड़े मिलनसार थे शिव नेताम: शिव नेताम को जानने वाले लोग कहते हैं कि वो बड़े मिलनसार व्यवहार के थे. उनसे मिलने जो भी जाता था उसे वो खाली हाथ नहीं लौटाते थे. जब वो वन मंत्री थे तब भी गांव के लोग उनसे मिलने जाते तो वो इंकार नहीं करते थे. अपने व्यस्त समय में जरूर उनसे मुलाकात कर गांव घर का हाल चाल लेते थे. अक्सर वो अपने सुरक्षाकर्मियों से कहते थे कि कोई मुझसे मिलने आया करे तो उसे रोका नहीं करना आने देना. शिव नेताम करते थे कि जब कोई मिलने आता है तो बड़ी उम्मीद लेकर आता है. उसको बिना मिले वापस भेज देना मुझसे नहीं होता.
शिव नेताम का राजनीतिक करियर: 1990 में पहली बार कोंडागांव के केशकाल से चुनाव लड़ा. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े शिव नेताम पहली बार चुनाव हार गए थे. साल 1993 में वो फिर से चुनाव में खड़े हुए इस बार वो कांकेर सीट से लड़े और जीत गए. उस वक्त अभिवाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी. दिग्विजय सिंह ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनको वन मंत्री बनाया. साल 1998 में में जब चुनाव हुए तो इस बार भी पार्टी ने उनको कांकेर से ही टिकट दिया लेकिन इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और वो हार गए.
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