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खदान के लाल पानी से त्रस्त किसान, खराब हो रही फसल, जमकर किया विरोध

मेटाबोदेली माइंस से निकल रहे लाल पानी की वजह से किसान काफी परेशान हैं. इसी को लेकर किसानों ने आज जमकर हंगामा किया है.

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Published : Aug 16, 2019, 8:15 PM IST

मेटाबोदेली माइंस का लाल पानी

कांकेर: मेटाबोदेली माइंस से निकलने वाले लाल पानी की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. साथ ही माइंस में चलने वाले भारी वाहनों से सड़के बुरी तरह जर्जर हो गई हैं. इसी के विरोध में किसानों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया है.

खदान के लाल पानी से त्रस्त किसान, खराब हो रही फसल

ग्रामीणों का आरोप है कि मेटाबोदेली खदान से लौह अयस्क का खनन कर कंपनी मालामाल हो रही है, जबकि इस माइंस से प्रभावित क्षेत्र के किसान और ग्रामीणों की समस्या बढ़ती जा रही है.

ग्रामीणों ने आंदोलन किया
किसानों के खेतों में माइंस के खदान से बहकर आये लाल पानी के कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कई बार इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया, तब क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि इस मामले का हल निकाला जाएगा, लेकिन आज तक स्थिति जस की तस बनी हुई है और किसी ने भी इन ग्रामीणों की सुध नहीं ली.

भारी वाहनों से सड़कें खराब, जगह-जगह भरे गड्ढे
माइंस के भारी वाहनों से सड़कें बुरी तरह खराब हो चुकी है. जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, इसको लेकर अंतागढ़ में बड़ा आंदोलन भी बीते साल हुआ था, जिसके बाद भारी वाहनों पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन बात सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित रही, जिससे लोग आज भी खासा परेशान हैं.

मुआवजा देने की बात कह मुकर गई कंपनी
खेत में लाल पानी घुसने से फसल बर्बाद होने के बाद कम्पनी ने ग्रामीणों को मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन बाद में कंपनी ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया. इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. इसी मामले को लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाइश दी और माहौल को शांत कराया.

कांकेर: मेटाबोदेली माइंस से निकलने वाले लाल पानी की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. साथ ही माइंस में चलने वाले भारी वाहनों से सड़के बुरी तरह जर्जर हो गई हैं. इसी के विरोध में किसानों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया है.

खदान के लाल पानी से त्रस्त किसान, खराब हो रही फसल

ग्रामीणों का आरोप है कि मेटाबोदेली खदान से लौह अयस्क का खनन कर कंपनी मालामाल हो रही है, जबकि इस माइंस से प्रभावित क्षेत्र के किसान और ग्रामीणों की समस्या बढ़ती जा रही है.

ग्रामीणों ने आंदोलन किया
किसानों के खेतों में माइंस के खदान से बहकर आये लाल पानी के कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कई बार इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया, तब क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि इस मामले का हल निकाला जाएगा, लेकिन आज तक स्थिति जस की तस बनी हुई है और किसी ने भी इन ग्रामीणों की सुध नहीं ली.

भारी वाहनों से सड़कें खराब, जगह-जगह भरे गड्ढे
माइंस के भारी वाहनों से सड़कें बुरी तरह खराब हो चुकी है. जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, इसको लेकर अंतागढ़ में बड़ा आंदोलन भी बीते साल हुआ था, जिसके बाद भारी वाहनों पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन बात सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित रही, जिससे लोग आज भी खासा परेशान हैं.

मुआवजा देने की बात कह मुकर गई कंपनी
खेत में लाल पानी घुसने से फसल बर्बाद होने के बाद कम्पनी ने ग्रामीणों को मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन बाद में कंपनी ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया. इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. इसी मामले को लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाइश दी और माहौल को शांत कराया.

Intro:कांकेर - ग्रामीणो में मेटाबोदेली माइंस की मनमानी से भारी आक्रोश इन दिनों देखने को मिल रहा है , माइंस से निकलने वाले लाल पानी के खेतों में घुसने से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है तो वही माइंस में चलने वाली भारी वाहनों से सड़के बुरी तरह जर्जर हो गई है , जिसके विरोध में आज ग्रामीण सड़क पर उतर आए । जिसके बाद मौके पर पहुँच पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश दी तब जाकर ग्रामीण शांत हुए । Body:ग्रामीणों का आरोप है कि मेटाबोदेली खदान से लौह अयस्क का खनन कर कंपनी मालामाल हो रही है , जबकि इस माइंस से प्रभावित क्षेत्र के किसान और ग्रामीणो की समस्या बढ़ती जा रही है , किसानों के खेतो में माइंस के खदान से बहकर आये लाल पानी से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है , जिससे ग्रामीणों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, कई बार इस मामले को लेकर ग्रामीणो ने आंदोलन किया तब क्षेत्र के जनप्रतिनिधयों और अधिकारियों ने आश्वसन दिया था कि इस मामले का हल निकाला जाएगा लेकिन आज तक स्तिथि जस की तस बनी हुई है और किसी ने भी इन ग्रामीणों की सुध नही ली।


भारी वाहनों से सड़के खराब , जगह जगह गड्ढे
माइंस के भारी वाहनों से सड़के बुरी तरह खराब हो चुकी है , जगह जगह गड्ढे हो चुके है ,इसको लेकर अन्तागढ़ में बड़ा आंदोलन भी बीते साल हुआ था , जिसके बाद भारी वाहनों पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी , लेकिन बात सिर्फ आश्वसन तक ही सीमित रही। जिससे लोग आज भी खासे परेशान है ।Conclusion:मुआवजा देने की बात कह मुकर गई कंपनी
खेत मे लाल पानी घुसने से फसल बर्बाद होने के बाद कम्पनी ने ग्रामीणों को मुआवजा देने की बात कही थी , लेकिन बाद में कंपनी ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है ।

बाइट- ग्रामीण महिला
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