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प्राइवेट कंपनियां बना रहीं बेरोजगारों का मजाक, ऑफर कर रहीं 4 से 5 हजार की सैलरी - मजाक उड़ा रही

कांकेर जिले में रोजगार कार्यालय शिक्षित बेरोजगारों का मजाक उड़ा रहा है.

रोजगार कार्यालय उड़ा रही है बेरोजगारों का मजाक
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Published : Nov 9, 2019, 11:29 AM IST

Updated : Nov 9, 2019, 11:51 PM IST

कांकेर: बढ़ती बेरोजगारी के बीच रोजगार कार्यालय हाथी के दांत बनकर रह गया है. रोजगार कार्यालय से रोजगार की जानकारी बेरोजगारों को नहीं मिल रही है. वहीं पंजीकृत बेरोजगारों के साथ प्राइवेट कंपनियां रोजगार के नाम पर 2 हजार 4 हजार की नौकरी ऑफर कर रही हैं.

प्राइवेट कंपनियां बना रहीं बेरोजगारों का मजाक

रोजगार कार्यालय की स्थापना इसलिए कि गई थी, ताकि शिक्षित वर्ग अपने शिक्षा का पंजीयन यहां करवा सके और उन्हें समय-समय पर विभिन्न विभागों के रिक्त पदों की जानकारी मिलती रहे, जिससे उन्हें नौकरी ढूंढ़ने में आसानी हो सके, लेकिन रोजगार कार्यालय मात्र पंजीयन कार्यालय बनकर रह गया. यहां से किसी भी तरह की रोजगार की जानकारी बेरोजगारों को नहीं मिल रही है. प्राइवेट कंपनियां रोजगार के नाम पर 2 हजार से 4 हजार तक के जॉब ऑफर कर बेरोजगारों का मजाक बना रही हैं.

'कंपनियां दे रहीं चार से पांच हजार रुपये की जॉब'
रोजगार कार्यालय से बेरोजगारों को शासकीय विभागों में रिक्त पदों की तो कोई जानकारी नहीं मिलती, लेकिन यहां आयोजित किए जाने वाले प्लेसमेंट कैम्प में प्रदेश भर से आने वाली प्राइवेट कंपनियां पढ़े लिखे बेरोजगार युवकों को 4 से 5 हजार की नौकरियां ऑफर कर उनका मजाक बनाती हैं.

'सैलरी का फैसला कंपनियों का होता है'
इस मामले पर जिला रोजगार अधिकारी बी आर ठाकुर का कहना है कि 'सैलरी का फैसला कंपनियों का होता है, इसमें रोजगार कार्यालय से कुछ नहीं किया जा सकता. रोजगार अधिकारी से जब यह पूछा गया कि पंजीकृत के आकड़ों में कुल कितने बेरोजगार हैं और कितने की नौकरी लग चुकी है, तो उनके पास इसका भी कोई आंकड़ा मौजूद नहीं था.

'इस साल मात्र 77 लोगों को मिली नौकरी'
रोजगार कार्यालय इस साल अब तक 6 बार प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन कर चुकी है, जिसमें प्राइवेट कंपनियों ने जॉब ऑफर की थी, इसमें कुल 940 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन कंपनियों की तय और बेहद कम वेतन के चलते मात्र 77 लोगों ने नौकरियां ज्वॉइन की. इससे यह दर्शाता है कि किस कदर रोजगार कार्यलय के माध्यम से प्राइवेट कंपनियां बेरोजगारी का फायदा उठा रही है और प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है.

रोजगार कार्यालय में कुल 76 हजार से अधिक पंजीयन दर्ज
जिले के रोजगार कार्यालय में कुल 76 हजार 369 लोगों के पंजीयन दर्ज है, लेकिन इसमें से कितने लोगों को नौकरी मिली और कितने अभी भी बेरोजगार है. इसका आंकड़ा खुद रोजगार अधिकारी के पास मौजूद नहीं है.

कांकेर: बढ़ती बेरोजगारी के बीच रोजगार कार्यालय हाथी के दांत बनकर रह गया है. रोजगार कार्यालय से रोजगार की जानकारी बेरोजगारों को नहीं मिल रही है. वहीं पंजीकृत बेरोजगारों के साथ प्राइवेट कंपनियां रोजगार के नाम पर 2 हजार 4 हजार की नौकरी ऑफर कर रही हैं.

प्राइवेट कंपनियां बना रहीं बेरोजगारों का मजाक

रोजगार कार्यालय की स्थापना इसलिए कि गई थी, ताकि शिक्षित वर्ग अपने शिक्षा का पंजीयन यहां करवा सके और उन्हें समय-समय पर विभिन्न विभागों के रिक्त पदों की जानकारी मिलती रहे, जिससे उन्हें नौकरी ढूंढ़ने में आसानी हो सके, लेकिन रोजगार कार्यालय मात्र पंजीयन कार्यालय बनकर रह गया. यहां से किसी भी तरह की रोजगार की जानकारी बेरोजगारों को नहीं मिल रही है. प्राइवेट कंपनियां रोजगार के नाम पर 2 हजार से 4 हजार तक के जॉब ऑफर कर बेरोजगारों का मजाक बना रही हैं.

'कंपनियां दे रहीं चार से पांच हजार रुपये की जॉब'
रोजगार कार्यालय से बेरोजगारों को शासकीय विभागों में रिक्त पदों की तो कोई जानकारी नहीं मिलती, लेकिन यहां आयोजित किए जाने वाले प्लेसमेंट कैम्प में प्रदेश भर से आने वाली प्राइवेट कंपनियां पढ़े लिखे बेरोजगार युवकों को 4 से 5 हजार की नौकरियां ऑफर कर उनका मजाक बनाती हैं.

'सैलरी का फैसला कंपनियों का होता है'
इस मामले पर जिला रोजगार अधिकारी बी आर ठाकुर का कहना है कि 'सैलरी का फैसला कंपनियों का होता है, इसमें रोजगार कार्यालय से कुछ नहीं किया जा सकता. रोजगार अधिकारी से जब यह पूछा गया कि पंजीकृत के आकड़ों में कुल कितने बेरोजगार हैं और कितने की नौकरी लग चुकी है, तो उनके पास इसका भी कोई आंकड़ा मौजूद नहीं था.

'इस साल मात्र 77 लोगों को मिली नौकरी'
रोजगार कार्यालय इस साल अब तक 6 बार प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन कर चुकी है, जिसमें प्राइवेट कंपनियों ने जॉब ऑफर की थी, इसमें कुल 940 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन कंपनियों की तय और बेहद कम वेतन के चलते मात्र 77 लोगों ने नौकरियां ज्वॉइन की. इससे यह दर्शाता है कि किस कदर रोजगार कार्यलय के माध्यम से प्राइवेट कंपनियां बेरोजगारी का फायदा उठा रही है और प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है.

रोजगार कार्यालय में कुल 76 हजार से अधिक पंजीयन दर्ज
जिले के रोजगार कार्यालय में कुल 76 हजार 369 लोगों के पंजीयन दर्ज है, लेकिन इसमें से कितने लोगों को नौकरी मिली और कितने अभी भी बेरोजगार है. इसका आंकड़ा खुद रोजगार अधिकारी के पास मौजूद नहीं है.

Intro:कांकेर - लग़ातर बढ़ती बेरोजगारी के बीच रोजगार कार्यलय के द्वारा भी शिक्षित बेरोजगारों के साथ जमकर मजाक किया जा रहा है, रोजगार कार्यलय की स्थापना इसलिए कि गई थी ताकि शिक्षित वर्ग अपने शिक्षा का पंजीयन यहां करवा सके और उन्हें समय समय पर विभन्न विभागों के रिक्त पदों की जानकारी मिलते रहे जिससे उन्हें नौकरी ढूढने में आसानी हो लेकिन रोजगार कार्यलय मात्र पंजीयन कार्यलय बनकर रह गया है, यहां से किसी भी तरह की रोजगार की जानकारी बेरोजगारों को नही मिल रही है, और पंजीकृत बेरोजगारों के साथ प्राइवेट कंपनियां रोजगार के नाम पर 2 हजार 4 हजार की जॉब ऑफर कर बेरोजगारों का मजाक बना रही है ।


Body:रोजगार कार्यलय में रोजाना काफी संख्या में शिक्षित बेरोजगार अपने मार्कशीट का पंजीयन करवाने पहुचते है इस उम्मीद के साथ की उन्हें रोजगार कार्यलय के माध्यम से नौकरी मिलने में आसानी होगी, लेकिन आज के समय मे रोजगार कार्यलय प्राइवेट कंपनियों के लिए बंधवा मजदूर ढूढने का माध्यम बन गया है, रोजगार कार्यलय से बेरोजगारों को शासकीय विभागों में रिक्त पदों की तो कोई जानकारी नही मिलती लेकिन यहां आयोजित किये जाने वाले प्लेसमेंट कैम्प में प्रदेश भर से आने वाली प्राइवेट कंपनियां पढ़े लिखे लोगो को 4 से 5 हजार की नौकरियां ऑफर कर उनका मजाक बनाती है । इस बारे में जब जिला रोजगार अधिकारी बी आर ठाकुर का कहना है कि सैलरी का फैसला कंपनियों का होता है इसमें रोजगार कार्यलय से कुछ नही किया जा सकता , रोजगार अधिकारी से जब यह पूछा गया कि पंजीकृत के आकड़ो में कुल कितने बेरोजगार है और कितने की नौकरी लग चुकी है इसका भी कोई आंकड़ा उनके पास मौजूद नही था ।

इस साल मात्र 77 लोगो को मिली नौकरी
रोजगार कार्यलय के द्वारा इस साल अब तक 6 बार प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया गया था , जिसमे प्राइवेट कंपनियों ने जॉब आफर की थी, इसमें कुल 940 लोगो ने आवेदन किया था लेकिन कंपनियों के द्वारा तय बेहद कम वेतन के चलते मात्र 77 लोगो ने नौकरियां ज्वाइन की । यह दर्शाता है कि किस कदर रोजगार कार्यलय के माध्यम से प्राइवेट कंपनियां बेराजगारी का फायदा उठा रही है और प्रशासन आंख मूंदे बैठा है ।


Conclusion:रोजगार कार्यलय में कुल 76 हजार से अधिक पंजीयन दर्ज
जिले के रोजगार कार्यलय में कुल 76 हजार 369 लोगों के पंजीयन दर्ज है, लेकिन इसमें से कितने लोगों को नौकरी मिली और कितने अभी भी बेरोजगार है इसके आंकड़े खुद रोजगार अधिकारी के पास मौजूद नही है ।

बाइट - बी आर ठाकुर रोजगार अधिकारी
Last Updated : Nov 9, 2019, 11:51 PM IST
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