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हाथियों से प्रभावित ग्रामीणों को मिला मुआवजा - संपत्ति को नुकसान

कांकेर के चारामा और नरहरपुर परिक्षेत्र में हाथियों से प्रभावित पीड़ित ग्रामीणों को वन विभाग की ओर से मुआवजा दिया गया है. कुल 301 किसानों को मुआवजा दिया गया है.

crop and property loss at kanker
हाथियों ने किया संपत्ति नुकसान
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Published : Jan 1, 2021, 4:46 PM IST

कांकेर: हाथियों से हुए नुकसान का मुआवजा दिया गया है. चारामा और नरहरपुर परिक्षेत्र के ग्रामीण हाथियों से प्रभावित है. यहां हाथियों ने कई एकड़ फसल और ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाया था. वन विभाग ने इनके प्रकरण तैयार किए थे. जिसके बाद पीड़ितों को मुआवजा देने की कार्रवाई की गई है. कुल 301 किसानों को मुआवजा दिया गया है.

पढ़ें: SPECIAL: छत्तीसगढ़ का पहला एलिफेंट रिजर्व बनने जा रहा है लेमरू, बड़ा सवाल क्या इससे हाथी-मानव के बीच संघर्ष होगा कम?

चारामा और नरहरपुर परिक्षेत्र में हाथियों ने 86.701 हेक्टेयर क्षेत्र में 288 किसानों की फसल हानि पहुंचाया था. 13 व्यक्तियों की संपत्ति का नुकसान हुआ था. कुल 26 लाख 3075 रूपये का मुआवजा राशि भुगतान किया गया है. हाथियों ने नरहरपुर परिक्षेत्र के 105 किसानों के 23.989 हेक्टेयर और चारामा परिक्षेत्र के 183 किसानों के 62.712 हेक्टेयर क्षेत्र के फसल का नुकसान किया था. जिसके एवज में किसानों को 25 लाख 41 हजार 975 रूपये दिया गया. हाथियों ने नरहरपुर परिक्षेत्र के 7 ग्रामीणों चारामा परिक्षेत्र के 6 व्यक्तियों के संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. जिसके एवज में उन्हें 61100 रुपये का भुगतान किया गया है.

पढ़ें: मानव बन गया जानवर तो हाथी भी नहीं रहे साथी, कैसे रुकेगा संघर्ष?

धमतरी वनमंडल के जंगलों से गुजरते हुए 14 जून से 21 जून तक चंदा हाथी के नेतृत्व में 22-23 हाथियों का दल परिक्षेत्र नरहरपुर के ग्राम मरादेव, बदबनी, मुरूमतरा, मारवाड़ी, बागडोंगरी के जंगलों में विचरण किया. 16 सितम्बर को दोबारा परिक्षेत्र नरहरपुर सीमा के क्षेत्र में हाथियों का दल देखा गया. ग्राम मुरूमतरा, मारवाड़ी, देवीनवागांव क्षेत्र में 22 सितंबर तक विचरण करते हुए ग्राम हल्बा, हाराडुला, तांसी एवं डोकला में पहुंचकर चारामा परिक्षेत्र सीमा में 24 दिनों तक विचरण कर कई किसानों की फसल और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. 8 दिसंबर से 12 दिसंबर तक लखनपुरी के ग्राम पलेवा और बाड़ाटोला में पहुंचे थे.

कांकेर: हाथियों से हुए नुकसान का मुआवजा दिया गया है. चारामा और नरहरपुर परिक्षेत्र के ग्रामीण हाथियों से प्रभावित है. यहां हाथियों ने कई एकड़ फसल और ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाया था. वन विभाग ने इनके प्रकरण तैयार किए थे. जिसके बाद पीड़ितों को मुआवजा देने की कार्रवाई की गई है. कुल 301 किसानों को मुआवजा दिया गया है.

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चारामा और नरहरपुर परिक्षेत्र में हाथियों ने 86.701 हेक्टेयर क्षेत्र में 288 किसानों की फसल हानि पहुंचाया था. 13 व्यक्तियों की संपत्ति का नुकसान हुआ था. कुल 26 लाख 3075 रूपये का मुआवजा राशि भुगतान किया गया है. हाथियों ने नरहरपुर परिक्षेत्र के 105 किसानों के 23.989 हेक्टेयर और चारामा परिक्षेत्र के 183 किसानों के 62.712 हेक्टेयर क्षेत्र के फसल का नुकसान किया था. जिसके एवज में किसानों को 25 लाख 41 हजार 975 रूपये दिया गया. हाथियों ने नरहरपुर परिक्षेत्र के 7 ग्रामीणों चारामा परिक्षेत्र के 6 व्यक्तियों के संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. जिसके एवज में उन्हें 61100 रुपये का भुगतान किया गया है.

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धमतरी वनमंडल के जंगलों से गुजरते हुए 14 जून से 21 जून तक चंदा हाथी के नेतृत्व में 22-23 हाथियों का दल परिक्षेत्र नरहरपुर के ग्राम मरादेव, बदबनी, मुरूमतरा, मारवाड़ी, बागडोंगरी के जंगलों में विचरण किया. 16 सितम्बर को दोबारा परिक्षेत्र नरहरपुर सीमा के क्षेत्र में हाथियों का दल देखा गया. ग्राम मुरूमतरा, मारवाड़ी, देवीनवागांव क्षेत्र में 22 सितंबर तक विचरण करते हुए ग्राम हल्बा, हाराडुला, तांसी एवं डोकला में पहुंचकर चारामा परिक्षेत्र सीमा में 24 दिनों तक विचरण कर कई किसानों की फसल और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. 8 दिसंबर से 12 दिसंबर तक लखनपुरी के ग्राम पलेवा और बाड़ाटोला में पहुंचे थे.

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