कांकेर: देश-दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, सफाईकर्मी अपनी सेवा दे रहे हैं. वहीं एक ऐसा विभाग भी है जिसके कर्मचारी दिन-रात लगातार कोरोना वॉरियर्स बनकर अपनी सेवा दे रहे हैं, शिक्षा विभाग. इस विभाग के 100 कर्मचारी पूरे विकासखंड में कोरोना वॉरियर्स बनकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की ट्रेसिंग करने का काम रोजाना कर रहे हैं. अबूझमाड़, बंडापाल, कोडकुर्सई, अमोड़ी जैसे अंदरूनी सुदूर क्षेत्रों में शिक्षा विभाग के कर्मचारी जा रहे हैं और कोरोना से जंग में अपना योगदान दे रहे हैं.
परिस्थितियां चाहे कितनी भी जटिल क्यों ना हों अपने दायित्वों का निर्वहन ये शिक्षक कर रहे हैं. इस काम में शिक्षा विभाग ने कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे हैं. इस संकट की घड़ी में इस प्रकार की चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन करना वास्तव में काबिल-ए-तारीफ है. जहां ये सभी विभाग के कर्मचारी कोरोना से जंग जंग जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा चुके हैं.
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जान-जोखिम में डालकर शिक्षक निभा रहे फर्ज
कोरोना से जंग में शिक्षा विभाग के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर दूर दराज के इलाकों में जा रहे हैं. लेकिन इन्हें जिला प्रशासन से किसी भी प्रकार की मदद और सुरक्षा नहीं मिल रही है. प्रशासन इन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है. अंतागढ़ ब्लॉक में सुरक्षा के नाम पर खाना पूर्ति कर सिर्फ मास्क, दस्ताने, कवर, हेयर कवर के अलावा कुछ भी नहीं दिया जाता है.
शिक्षकों को नहीं मिला किसी प्रकार का बीमा
शिक्षकों का कहना है कि हम शासन के निर्देश के अनुसार सभी दायित्वों का निर्वाहन करने में आगे रहते हैं. लेकिन सरकार ने अब तक उनको बीमा कवर नहीं दिया है.