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5 महीने से बस सेवा बंद, आर्थिक तंगी से जूझ रहे चालक-परिचालक ने प्रशासन से लगाई गुहार

कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में पिछले 5 महीने से बस सेवा ठप पड़ी हुई है, जिससे बस चालकों, परिचालकों और बुकिंग एजेंटों की माली हालत खस्ता हो गई है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे चालक-परिचाल अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप मदद की गुहार लगाये हैं.

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बस सेवा बंद रहने से परेशान चालक और परिचालकों ने प्रशासन से लगाई गुहार
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Published : Aug 19, 2020, 9:09 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 9:48 PM IST

कांकेर: कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में पिछले 5 महीने से बस सेवा बन्द पड़ी हुई है, जिससे अब बस चालक, परिचालक और बुकिंग एजेंटों की माली हालत खस्ता हो गई है. इन्हीं सभी समस्याओं को लेकर बस यूनियन के लोगों ने बुधवार को कलेक्टर केएल चौहान को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही कलेक्टर से मदद ही गुहार लगाई है. बता दें, बस संचालन को लेकर प्रदेश सरकार कई बार बैठक कर चुकी है. इसके बाद भी बस संचालन को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है, जिससे पिछले 5 महीने से बस चालक, परिचालक, बुकिंग एजेंट बेरोजगार हो गए हैं.

चालक-परिचाल ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

बस चालकों और परिचालकों ने बताया कि उन्हें बस मालिकों की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है, जिससे उन्हें अब आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. बस यूनियन के लोगों का कहना है कि घर खर्च तक के लिए उनके पास पैसे नहीं बचे हैं. वहीं लॉकडाउन में काम बंद हो जाने के कारण उनके पास कुछ भी जमा पूंजी नहीं बची है.

पढ़ें: SPECIAL: सिटी बसों के पहिए थमने से मुसाफिर परेशान, कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर लगा ब्रेक

बस यूनियन के लोगों ने बताया कि घर चलाने के लिए उन्हें अब मार्केट से उधारी लेकर सामान लेना पड़ रहा है. बस चालकों का कहना है कि बस सेवा शुरू होने की अभी भी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसे में आगे चलकर उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी, जिसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

बेरोजगारी भत्ते की मांग

बस कर्मचारियों ने प्रशासन से बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की है, ताकि उनके घर का खर्च चल सके. बस कर्मचारियों ने बताया कि अब स्कूल में एडमिशन भी शुरू हो गए हैं, लेकिन उनके पास घर चलाने तक के लिए पैसे नहीं है. ऐसे में वो बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए वे सक्षम नहीं है. बस कर्मचारियों ने नियमों के साथ बस सेवा जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है.

'बस मालिकों ने किया किनारा'

बस चालकों ने बताया कि लॉकडाउन लागू होते ही बस संचालकों ने अपने स्टाफ से किनारा कर लिया है. 5 महीने से बस सेवा बंद होने से बस संचालक भी अपने कर्मचारियों को मदद नहीं कर रहे हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक दिक्कतें खड़ी हो गई है. ऐसे में बस कर्मचारियों ने नियमों के साथ बस संचालन किए जाने की मांग की है.

कांकेर: कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में पिछले 5 महीने से बस सेवा बन्द पड़ी हुई है, जिससे अब बस चालक, परिचालक और बुकिंग एजेंटों की माली हालत खस्ता हो गई है. इन्हीं सभी समस्याओं को लेकर बस यूनियन के लोगों ने बुधवार को कलेक्टर केएल चौहान को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही कलेक्टर से मदद ही गुहार लगाई है. बता दें, बस संचालन को लेकर प्रदेश सरकार कई बार बैठक कर चुकी है. इसके बाद भी बस संचालन को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है, जिससे पिछले 5 महीने से बस चालक, परिचालक, बुकिंग एजेंट बेरोजगार हो गए हैं.

चालक-परिचाल ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

बस चालकों और परिचालकों ने बताया कि उन्हें बस मालिकों की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है, जिससे उन्हें अब आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. बस यूनियन के लोगों का कहना है कि घर खर्च तक के लिए उनके पास पैसे नहीं बचे हैं. वहीं लॉकडाउन में काम बंद हो जाने के कारण उनके पास कुछ भी जमा पूंजी नहीं बची है.

पढ़ें: SPECIAL: सिटी बसों के पहिए थमने से मुसाफिर परेशान, कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर लगा ब्रेक

बस यूनियन के लोगों ने बताया कि घर चलाने के लिए उन्हें अब मार्केट से उधारी लेकर सामान लेना पड़ रहा है. बस चालकों का कहना है कि बस सेवा शुरू होने की अभी भी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसे में आगे चलकर उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी, जिसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

बेरोजगारी भत्ते की मांग

बस कर्मचारियों ने प्रशासन से बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की है, ताकि उनके घर का खर्च चल सके. बस कर्मचारियों ने बताया कि अब स्कूल में एडमिशन भी शुरू हो गए हैं, लेकिन उनके पास घर चलाने तक के लिए पैसे नहीं है. ऐसे में वो बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए वे सक्षम नहीं है. बस कर्मचारियों ने नियमों के साथ बस सेवा जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है.

'बस मालिकों ने किया किनारा'

बस चालकों ने बताया कि लॉकडाउन लागू होते ही बस संचालकों ने अपने स्टाफ से किनारा कर लिया है. 5 महीने से बस सेवा बंद होने से बस संचालक भी अपने कर्मचारियों को मदद नहीं कर रहे हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक दिक्कतें खड़ी हो गई है. ऐसे में बस कर्मचारियों ने नियमों के साथ बस संचालन किए जाने की मांग की है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 9:48 PM IST
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