रायपुर: 9 नवंबर को जेंडर रिसोर्स सेंटर कार्यक्रम और संभावनाओं को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा. जिसमें महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार की बिहान योजना कार्यक्रम द्वारा संचालित और चैतन्य वाइज संस्था के द्वारा प्रशिक्षित परामर्शदाता के कार्य के संबंध में चर्चा होगी. वर्कशॉप में घरेलू हिंसा होने पर महिला या पुरुष प्रताड़ित होते हैं. ऐसे में कोर्ट या थाने जाने के बजाय यह मामला आसानी से कैसे सुलझ सकता है. इसकी काउंसलिंग कैसे की जाए. जिससे मामला कोर्ट या थाना जाने के बजाय आपस मे सुलझ सके.
घरेलू हिंसा के शिकार लोगों के लिए कार्यशाला: चैतन्य वॉइस संस्था की कार्यकारी निदेशक कल्पना पंत ने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 25 जेंडर रिसोर्स सेंटर संचालित हैं, जो छत्तीसगढ़ सरकार की बिहान योजना के माध्यम से संचालित हो रहा है. अब तक लगभग 750 मामलों में 80% मामले सुलझाए गए हैं जिसमें 65 प्रतिशत मामले महिलाओं से संबंधित हैं. 15% मामले पुरुषों से संबंधित हैं जो घरेलू हिंसा का मामला है. एनजीओ में परामर्श देने वाली स्व सहायता समूह की महिलाएं महिला और पुरुषों को घरेलू हिंसा से संबंधित काउंसलिंग करने के बाद उन्हें समझाकर कोर्ट और थाने जाने से बचा लेती हैं.
गुड टच बैड टच की जानकारी दी: संस्था 5 जिलों में काम कर रही है. 25 स्कूलों में स्कूली बच्चों को गुड टच और बेड टच की जानकारी देने के साथ ही उनका नजरिया कैसा होना चाहिए इसकी जानकारी दी गई. कम उम्र में प्यार मोहब्बत और फिजिकल रिलेशन से किस तरह की कठिनाई आ सकती है. अगर स्कूल के बच्चे ऐसा करते हैं तो इसके क्या गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इसकी जानकारी स्कूली बच्चों को देने के साथ ही उन्हें इस तरह की शिक्षा भी दी जा रही है.
चैतन्य वॉइस संस्था: संस्था की कार्यकारी निदेशक ने बताया कि इसके लिए संस्था की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जो स्व सहायता समूह की महिलाएं हैं और फेडरेशन की महिला भी इसमें शामिल हैं. जो कानूनी पहलू को समझती और जानती हैं. ऐसे लोगों के माध्यम से घरेलू हिंसा से कैसे बचें. एक परिवार को टूटने से कैसे बचाया जाए. इन सब चीजों की वकायदा पहले ट्रेनिंग दी गई है. महिलाओं के अधिकारों की जानकारी देने के साथ ही परिवार को आपस में सुलह कराना. कई बार दो परिवारों के बीच मामला नहीं सुलझ पाने की स्थिति में वकील और कोर्ट के चक्कर लोगों को लगाने पड़ते हैं.