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16 साल 45 आवेदन: नहीं रुका 5 एकड़ खेतों में आने वाला नालियों का गंदा पानी, विषैले हुए खेत

कांकेर का एक किसान रामसाय गावड़े (Farmer Ramsay Gawde) पिछले 16 वर्षों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं. सालों से किसान की उपजाऊ जमीन पर नालियों का गंदा पानी बहकर आने से ये जमीन अब विषैली हो गई है. गंदा पानी बहकर दूसरे खेतों में भी पहुंचने लगा है. जिससे किसान परेशान है और एक बार फिर मदद की गुहार लगा रहा है.

Dirty water from drains coming in the fields of a farmer Ramsay Gawde of Kanker
नाले के पानी से उपजाऊ खेत बर्बाद
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Published : Jun 23, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 8:16 PM IST

कांकेर: कांकेर जिले का एक दिव्यांग किसान रामसाय गावड़े (Farmer Ramsay Gawde) सिस्टम से थक चुका है. पिछले 16 वर्षों से वो अपने 5 एकड़ खेत को बचाने के लिए भटक रहा है लेकिन कहीं उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. इस किसान के 5 एकड़ खेतों में 3 वार्डों का गंदा पानी बहकर जमा हो जा रहा है. जिससे ये खेत पूरी तरह दलदल बन चुके हैं. किसान का कहना है कि खेती के सहारे ही उनका परिवार चलता है.

सिस्टम से किसान रामसाय गावड़े की फरियाद

11 एकड़ खेतों में 5 एकड़ उपजाऊ जमीन हुई विषैली

भानुप्रतापपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 13 में पिछले 16 सालों से एक आदिवासी किसान की जमीन लिए बिना ही उसके खेतों को हड़पने की स्थिति बन गई है. कहने को तो ये किसान रामसाय गावड़े 11 एकड़ खेतों का मालिक है. लेकिन अब उसके पास सिर्फ 6 एकड़ खेत ही बचे हैं. जिस पर वह खेती कर रहा है. 5 एकड़ खेत गंदे पानी से बर्बाद हो गए हैं. किसान रामसाय गावड़े बताते हैं कि नगर पंचायत के आधे वार्डों की नालियों का गंदा पानी सीधे उनके खेतों में जा रहा है. गंदे पानी के कारण उनकी पूरी जमीन ना सिर्फ बर्बाद हो गई बल्कि विषैली भी हो गई है.

लगातार गंदे पानी से खेत की जमीन हुई बर्बाद

गावड़े का कहना है कि 16 साल पहले जिन खेतों में वो खेती कर अनाज उगाता था. आज वो किसी लायक नहीं बची है. वार्डों के गंदे नाले के पानी ने उसके पूरे खेत को बर्बाद कर दिया है. इतना ही नहीं बाकी बचे खेतों तक भी गंदा पानी पहुंचने लगा है. जिससे उन्हें बाकी खेतों के भी बर्बाद होने का डर सता रहा है.

छत्तीसगढ़ के किसान कर रहे सुपरफूड मखाने की खेती, धान से ज्यादा होता है मुनाफा

पीड़ित किसान अब तक दे चुका हैं 45 आवेदन

ऐसा नहीं है कि रामसाय अपनी परेशानी के लिए हाथ-हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. शारीरिक दिव्यांग होने के बावजूद वे हर स्तर पर अपील कर चुके हैं. लेकिन सालों बीतने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. ETV भारत से बात करते हुए रामसाय ने 45 आवेदनों की कॉपी दिखाई. जिसमें वार्डों का गंदा पानी खेतों में पहुंचने का जिक्र है. उनका कहना है कि उसने नगर सरकार से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई है. लेकिन कहीं भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. अब वह थक चुके हैं.

पाटन में मुश्किल वक्त ने दिखाई किसान को राह, जुगाड़ से हो रही हजारों की पैदावार

खेती पर निर्भर है पूरा परिवार

रामसाय गावड़े के परिवार में 6 लोग हैं. पूरा परिवार सिर्फ खेती के ही भरोसे हैं. रामसाय की शासन-प्रशासन से सिर्फ ये मांग है कि वार्डों के गंदे पानी के निकलने के लिए नाली बना दी जाए और उसे उसकी जमीन के बदले हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए. पीड़ित किसान का कहना है कि उसे सालाना 4 से 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

ETV भारत कांकेर कलेक्टर के ऑफिस भी पहुंचा. जहां यह पता चला है कि प्रशासन को इस मामले की जानकारी है. कलेक्टर कार्यालय ने हमे बताया कि, उन्होंने नगर पंचायत से संबंधित अभियंता को इसकी जानकारी दे दी है. गंदे पानी के बहाव को रोकने के लिए दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि, जरूरत पड़ने पर जिन संसाधनों की भी जरूरत होगी. उसे लगाकर समस्या को दूर किया जाएगा.

कांकेर: कांकेर जिले का एक दिव्यांग किसान रामसाय गावड़े (Farmer Ramsay Gawde) सिस्टम से थक चुका है. पिछले 16 वर्षों से वो अपने 5 एकड़ खेत को बचाने के लिए भटक रहा है लेकिन कहीं उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. इस किसान के 5 एकड़ खेतों में 3 वार्डों का गंदा पानी बहकर जमा हो जा रहा है. जिससे ये खेत पूरी तरह दलदल बन चुके हैं. किसान का कहना है कि खेती के सहारे ही उनका परिवार चलता है.

सिस्टम से किसान रामसाय गावड़े की फरियाद

11 एकड़ खेतों में 5 एकड़ उपजाऊ जमीन हुई विषैली

भानुप्रतापपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 13 में पिछले 16 सालों से एक आदिवासी किसान की जमीन लिए बिना ही उसके खेतों को हड़पने की स्थिति बन गई है. कहने को तो ये किसान रामसाय गावड़े 11 एकड़ खेतों का मालिक है. लेकिन अब उसके पास सिर्फ 6 एकड़ खेत ही बचे हैं. जिस पर वह खेती कर रहा है. 5 एकड़ खेत गंदे पानी से बर्बाद हो गए हैं. किसान रामसाय गावड़े बताते हैं कि नगर पंचायत के आधे वार्डों की नालियों का गंदा पानी सीधे उनके खेतों में जा रहा है. गंदे पानी के कारण उनकी पूरी जमीन ना सिर्फ बर्बाद हो गई बल्कि विषैली भी हो गई है.

लगातार गंदे पानी से खेत की जमीन हुई बर्बाद

गावड़े का कहना है कि 16 साल पहले जिन खेतों में वो खेती कर अनाज उगाता था. आज वो किसी लायक नहीं बची है. वार्डों के गंदे नाले के पानी ने उसके पूरे खेत को बर्बाद कर दिया है. इतना ही नहीं बाकी बचे खेतों तक भी गंदा पानी पहुंचने लगा है. जिससे उन्हें बाकी खेतों के भी बर्बाद होने का डर सता रहा है.

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पीड़ित किसान अब तक दे चुका हैं 45 आवेदन

ऐसा नहीं है कि रामसाय अपनी परेशानी के लिए हाथ-हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. शारीरिक दिव्यांग होने के बावजूद वे हर स्तर पर अपील कर चुके हैं. लेकिन सालों बीतने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. ETV भारत से बात करते हुए रामसाय ने 45 आवेदनों की कॉपी दिखाई. जिसमें वार्डों का गंदा पानी खेतों में पहुंचने का जिक्र है. उनका कहना है कि उसने नगर सरकार से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई है. लेकिन कहीं भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. अब वह थक चुके हैं.

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खेती पर निर्भर है पूरा परिवार

रामसाय गावड़े के परिवार में 6 लोग हैं. पूरा परिवार सिर्फ खेती के ही भरोसे हैं. रामसाय की शासन-प्रशासन से सिर्फ ये मांग है कि वार्डों के गंदे पानी के निकलने के लिए नाली बना दी जाए और उसे उसकी जमीन के बदले हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए. पीड़ित किसान का कहना है कि उसे सालाना 4 से 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

ETV भारत कांकेर कलेक्टर के ऑफिस भी पहुंचा. जहां यह पता चला है कि प्रशासन को इस मामले की जानकारी है. कलेक्टर कार्यालय ने हमे बताया कि, उन्होंने नगर पंचायत से संबंधित अभियंता को इसकी जानकारी दे दी है. गंदे पानी के बहाव को रोकने के लिए दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि, जरूरत पड़ने पर जिन संसाधनों की भी जरूरत होगी. उसे लगाकर समस्या को दूर किया जाएगा.

Last Updated : Jun 23, 2021, 8:16 PM IST
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