कांकेर : स्टे ऑर्डर लाने के बाद शिक्षक शीतल कुमार कुर्रे अपनी मूल शाला में रीजॉइनिंग लेना चाहता (Teacher wander for rejoin in Kanker) है. लेकिन नरहरपुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उन्हें जॉइनिंग नही दे रहे हैं. वहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रविप्रकाश मिश्रा ने बताया कि ''शिक्षक का स्थानांतरण प्रशासनिक स्तर का है. प्रशासनिक आदेश उनके पास नही आया है न ही माननीय न्यायालय का आदेश .
शिक्षक शीतल कुर्रे ने बताया कि ''वह जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं. शिक्षक द्वारा कलेक्टर कांकेर से मिलने के बाद शिक्षा अधिकारी से मिलने कहा गया. लेकिन शिक्षा अधिकारी भुवन जैन द्वारा समय न होने का हवाला देकर पिछले 3 दिनों से शिक्षक को घूमा (DEO ignors order of High Court ) रहे हैं.''
शीतल कुमार कुर्रे की प्रारंभिक नियुक्ति सहायक शिक्षक (पंचायत) के पद पर उत्तर बस्तर कांकेर जिले में हुई थी.छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा 30 जून 2018 को एक दिशा निर्देश जारी किया गया, जिसमें शासकीय कार्यालयों में कार्यरत शिक्षक (पंचायत/ नगरीय निकाय) जिनकी सेवाएं एक जुलाई 2018 को आठ वर्ष या उससे अधिक पूर्ण हो चुकी है, की सेवाओं का एक जुलाई 2018 से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने का निर्देश था जिसके अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी उत्तर बस्तर कांकेर द्वारा कुर्रे का एक जुलाई 2018 से सेवाएं स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन कर दी गई है.
कलेक्टर उत्तर बस्तर कांकेर द्वारा 10 सितम्बर 2022 को स्थानांतरण नरहरपुर ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला बगरुमपारा गट्टागुडूम से कोयलीबेड़ा ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला छोटेपरा घोड़ागांव कर दिया गया. स्थानांतरण आदेश को चुनौती देते हुए कुर्रे ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं घनश्याम कश्यप के जरिये रिट याचिका दायर (Bilaspur High Court) की. याचिका के अनुसार वह सहायक शिक्षक (विज्ञान) के पद पर पदस्थ है और उनके स्थानांतरण से सहायक शिक्षक (विज्ञान) का पद रिक्त रह जायेगा.
याचिका की सुनवाई 29 सितम्बर .2022 को जस्टिस पीपी साहू के कोर्ट में हुई. जिसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा यह तर्क दिया गया कि स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 की कंडिका 3.2 में परविधान है कि ऐसे स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे जिनके फलस्वरूप किसी स्कूल में किसी विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या शून्य हो जाये. हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि '' याचिकाकर्ता 10 दिन के अंदर अभ्यावेदन ट्रांसफर पालिसी 2022 के कंडिका 17 में गठित समिति के समक्ष पेश करेगा.अभ्यावेदन को समिति चार सप्ताह में निराकरण करना होगा.'' याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन के निराकरण तक स्थानांतरण आदेश के प्रभाव एवं क्रियान्वय पर रोक लगा दी.